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नोएडा

“नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 1030 CISF जवानों की तैनाती, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी”

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1030 cisf personnel to be deployed for the security of noida airport

केंद्र सरकार ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 1030 CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) जवानों की तैनाती को मंजूरी दे दी है। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इन जवानों को एयरपोर्ट के संचालन से पहले 45 दिनों के भीतर तैनात किया जाएगा, ताकि एयरपोर्ट शुरू होने से पहले सुरक्षा के सभी इंतजाम सही तरीके से किए जा सकें। यह तैनाती नोएडा और नवी मुंबई एयरपोर्ट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की जा रही है।

नोएडा एयरपोर्ट के संचालन के साथ ही इसमें यात्रियों की संख्या में भी वृद्धि होनी की उम्मीद है, इसलिए सुरक्षा का स्तर भी उच्चतम होना चाहिए। इस योजना के तहत 2800 CISF जवानों की तैनाती की जाएगी, जिनमें से 1030 जवान नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे। इस तैनाती का उद्देश्य एयरपोर्ट के प्रत्येक क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करना है, जिसमें एयरपोर्ट के विभिन्न गेट, चेक-इन क्षेत्र, सुरक्षा जांच, लाउंज, पार्किंग और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा शामिल है।

वर्तमान में, CISF देश के 68 एयरपोर्ट्स की सुरक्षा का जिम्मा संभालता है, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू एयरपोर्ट्स भी शामिल हैं। इस बल के जवान एयरपोर्ट सुरक्षा के साथ-साथ विभिन्न अन्य महत्वपूर्ण सरकारी और निजी संस्थाओं की सुरक्षा भी करते हैं। यह बल विशेष रूप से अपने प्रशिक्षित कर्मचारियों के लिए जाना जाता है, जो उच्चतम सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के लिए तत्पर रहते हैं।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए CISF जवानों की तैनाती से पहले कई सुरक्षा उपायों की योजना बनाई गई है। इसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग, जैसे बायोमेट्रिक स्कैनिंग, CCTV कैमरों की उच्च गुणवत्ता वाली प्रणाली, और एक्स-रे मशीनों के माध्यम से सभी यात्रियों और सामान की गहन जांच की जाएगी। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट के प्रत्येक क्षेत्र में सुरक्षा गार्ड की तैनाती भी की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटा जा सके।

इस सुरक्षा योजना के तहत तैनात किए गए जवानों का मुख्य कार्य एयरपोर्ट पर यात्रा करने वाले नागरिकों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। यह जवान न केवल सुरक्षा जांच करेंगे, बल्कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर भी तुरंत कार्रवाई करेंगे। इसके अलावा, वे एयरपोर्ट के आसपास के क्षेत्रों में भी गश्त करेंगे, ताकि बाहरी खतरों से सुरक्षा की जा सके।

नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए CISF जवानों की तैनाती के साथ-साथ, केंद्र सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि एयरपोर्ट के सभी सुरक्षा उपकरण और तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए। इन सुरक्षा बलों को विशेष रूप से आतंकवाद, हिंसा, और अन्य आपात परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, जवानों को विशेष रूप से यात्री सेवाओं के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि एयरपोर्ट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

यह सुरक्षा योजना नोएडा एयरपोर्ट के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एयरपोर्ट उत्तर भारत का एक महत्वपूर्ण हब बनने जा रहा है। एयरपोर्ट के बनने से ना केवल नोएडा और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यात्रा की सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि यह क्षेत्र की आर्थिक स्थिति में भी सुधार करेगा। इस एयरपोर्ट के माध्यम से न केवल国内 बल्कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भी बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, जिससे यहां पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

यह पहल केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन की है जो नोएडा के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। क्योंकि एयरपोर्ट सुरक्षा सीधे तौर पर नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी होती है, इसलिए कोई भी लापरवाही नहीं बरती जा सकती। इस कदम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि नोएडा एयरपोर्ट शुरू होने के बाद यहां की सुरक्षा सर्वोत्तम हो, और कोई भी अप्रिय घटना न हो।

इस कदम का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि CISF जवानों की तैनाती से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती के लिए स्थानीय स्तर पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, जिससे नोएडा और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को भी अवसर मिलेगा। यह कदम न केवल सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह रोजगार सृजन में भी सहायक साबित होगा।

अंततः, नोएडा एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए CISF जवानों की तैनाती से यह साफ है कि केंद्र सरकार और प्रशासन एयरपोर्ट की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं। इस सुरक्षा व्यवस्था से यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा, और नोएडा एयरपोर्ट एक आदर्श उदाहरण बन सकता है, जहां सुरक्षा के सभी पहलुओं को पूरी तरह से ध्यान में रखा गया हो।

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सिरकटी महिला की शिनाख्त नहीं कर पाई पुलिस, सात टीमें लगी है जांच में

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नोएडा। करंट क्राइम। नोएडा की कमिश्नरेट पुलिस अभी तक सिर कटी लाश की गुत्थी को नहीं सुलझा पाई है।
​​सेक्टर-82 स्थित पुलिस चौकी के पास नाले में एक महिला की सिर कटी लाश मिली थी। लाश मिलने के 24 घंटे बाद भी पुलिस मृतक महिला की पहचान नहीं कर पाई है। पुलिस ने आसपास की झुग्गियों में रहने वालों से पूछताछ की लेकिन शनिवार दोपहर तक किसी ने मृतक महिला की शिनाख्त नहीं की।
पुलिस का कहना है कि महिला का सिर और दोनों हथेलियां कटी होने से शिनाख्त में परेशानी हो रही है। सेक्टर-39 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाकर 400 से अधिक सीटीवीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। घटनास्थल से 3 किमी एरिया में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। साथ ही 3 दिन में वहां से गुजरे 500 से अधिक वाहनों की जांच की लेकिन कोई सुराग नहीं लग पाया।
एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि महिला की पहचान के लिए टीमों का गठन किया गया है। करीब सात टीमें बनाई गई है। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। महिला की पैरों की उंगलियों में बिछुआ पाया गया। ऐसे में पुलिस का मानना है कि महिला शादीशुदा है। शायद पति ने ही हत्या कर लाश फेंक दी हो। करीब 30 वर्षीय विवाहित महिला की गर्दन व हाथ काटकर निर्मम हत्या की गई। महिला का शव सेक्टर-82 कट चौकी के पास निर्वस्त्र हालत में सर्विस रोड के नाले में तैरता मिला। अभी तक कटे अंग नहीं मिले है।

शव की हालत देखकर पुलिसकर्मी भी हैरान रह गए – महिला का सिर गायब था और दोनों हथेलियां काटी गई थीं। इससे स्पष्ट है कि हत्यारे ने पहचान छिपाने के लिए यह जघन्य अपराध किया है।

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सुरक्षा बलों ने कुपवाडा में दो आतंकवादियों को मार गिराया

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श्रीनगर। करंट क्राइम। सुरक्षा बलों ने शनिवार तडके जम्मू-कश्मीर में दो आतंकवादियों को मार गिराया। कुपवाड़ा जिले के केरेन सेक्टर में नियंत्रण रेखा यानि एलओसी के पास शुक्रवार देर रात आतंकवादियों के साथ एन्काउंटर शुरू हुआ, जो शनिवार सुबह तक जारी रहा। इस एन्काउंटर में सुरक्षा बलों ने दो आतंकवादियों को मार गिराया। इलाके में अन्य संभावित घुसपैठियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है। सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि केरेन सेक्टर में कुछ आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी, लेकिन इसके जवाब में आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी।
सेना के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें दो आतंकवादी मारे गए। मारे गए आतंकवादियों के पास से हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि यह घुसपैठ सर्दियों से पहले की कोशिश हो सकती है, क्योंकि बर्फबारी शुरू होने पर एलओसी के पास के दर्रे बंद हो जाते हैं, जिसके चलते आतंकवादी संगठन इस समय घुसपैठ की गतिविधियां बढ़ा देते हैं। इलाके को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य आतंकवादी छिपा न हो। हाल के महीनों में एलओसी पर घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि देखी गई है, जिसे सुरक्षा बलों ने लगातार नाकाम किया है। स्थानीय प्रशासन और सेना स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।

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