देश
हरियाणा: अनिल विज ने पार्टी को भेजा 8 पेज का जवाब, बोले- और जवाब चाहिए तो वो भी दूंगा

हरियाणा की अंबाला सीट से 7 बार के विधायक, हरियाणा सरकार में मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता अनिल विज के तेवर कम नहीं हुए हैं. बीजेपी ने सीएम नायब सिंह सैनी को लेकर दिए गए बयानों को लेकर उन्हें जो नोटिस भेजा था, उसका अनिल विज ने जवाब दे दिया है. विज ने यह जवाब 8 पेज में दिया है.
मंत्री अनिल विज ने कहा,’तीन दिन से बेंगलुरु में था. कल घर आकर नहाया, फिर खाना खाया और उसके बाद बैठकर चिट्ठी का जवाब दिया. तीन दिन का समय दिया गया था लेकिन आज समय से पहले मैंने जवाब दे दिया है. विज ने बताया कि उन्होंने इस चिट्ठी में लिखा है कि अगर और किसी बात का जवाब चाहिए तो वो भी देने को तैयार हूं.’
कल बोले थे- बेंगलुरू गया था, अब दूंगा जवाब
बता दें कि अनिल विज ने मंगलवार को कहा था कि हरियाणा भाजपा द्वारा उन्हें जारी किए गए कारण बताओ नोटिस पर पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के खिलाफ उनके हालिया सार्वजनिक बयानों पर 3 दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है. हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, ” मैं बेंगलुरु से लौट आया हूं. मैं पहले घर जाऊंगा, ‘ठंडे पानी से नहाऊंगा, रोटी खाऊंगा, बैठ कर मैं जवाब लिख दूंगा. और इसे हाईकमान को भेजूंगा.”
क्या है पूरा मामला?
अनिल विज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा कीं थीं, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के एक ‘दोस्त’ के साथ देखे गए ‘कार्यकर्ताओं’ को एक निर्दलीय उम्मीदवार के साथ भी देखा गया, जिसे उन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनावों में हराया था.
7 बार से विधायक हैं अनिल विज
मंत्री अनिल विज कुछ दिन पहले दावा किया था कि पिछले अक्टूबर में उन्हें अंबाला कैंट सीट से चुनाव हराने के लिए साजिश रची गई थी. हालांकि, बता दें कि विज ने अंबाला कैंट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा को हराकर जीत हासिल की थी और सातवीं बार विधायक बने थे.’ ‘अनिल विज ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘आशीष तायल जो खुद को नायब सैनी का मित्र बताते हैं, उनकी फेसबुक पर नायब सैनी के साथ. अनेक चित्र मौजूद हैं. आशीष तायल के साथ विधानसभा चुनाव के दौरान जो कार्यकर्ता नजर आ रहे हैं वही कार्यकर्ता चित्रा सरवारा भाजपा की विरोधी उम्मीदवार के साथ भी नजर आ रहे हैं. ‘तायल आज भी सैनी के दोस्त’ अनिल विज ने सवाल किया था कि ये रिश्ता क्या कहलाता है?
कौन हैं अनिल विज, जिनकी हो रही चर्चा?
हरियाणा के बड़े बीजेपी नेता अनिल विज (Anil Vij) भारतीय जनता पार्टी के एक राजनीतिज्ञ हैं. अंबाला कैंट से बीजेपी विधायक अनिल विज ने सीएम सैनी के दूसरे कार्यकाल में शपथ ली. अनिल विज अंबाला कैंट से विधायक हैं. वह इससे पहले भी राज्य सरकार में गृह और स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. 70 के दशक में संघ से जुड़े विज पंजाबी बिरादरी से आते हैं और लगातार सातवीं बार विधायक बने हैं.
उन्हें गृह मामले विभाग, हरियाणा आयुष, स्वास्थ्य सेवाएं, चिकित्सा शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, और खेल और युवा मामले, विभागों के स्वतंत्र प्रभार के साथ 26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया.
अनिल विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ. विज जब अंबाला कैंट के एसडी कॉलेज में पढ़ रहे थे, तब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गए. 1970 में, वह एबीवीपी के महासचिव बने. विज ने विश्व हिंदू परिषद भारत विकास परिषद बीएमएस और ऐसे अन्य संगठनों के साथ सक्रिय रूप से काम किया. विज 1974 में भारतीय स्टेट बैंक में शामिल हुए.
दिल्ली
पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।
देश
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.
बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.
पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.
उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.
जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.
माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.
देश
‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।
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