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गरम मसाला

हम साथ-साथ हैं सात-सात

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पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद में वैसे तो कई सर्किल हैं और बड़ी संख्या में एसीपी साहब लोग भी मौजूदहैं।पर इन दिनों दो सर्किल के एसीपी साहब लोगों की चर्चा और स्टाइल जमकर सुनाई दे रहा है। वहीं कोई कह रहा है कि आजकल दोनों ही सर्किल में कंपटीशन वाला सीन
देखने को मिल रहा है। अब यह केवल इत्तेफाक है या इसके पीछे की स्क्रिप्ट कुछ और है, कहा नहीं जा सकता। पर एक के बाद एक कई तरीके के संयोग देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि सबसे पहले प्रेसवार्ता से शुरूआत हुई फिर खुलासे और अब तो सोमवार को जो सीन दिखाई दिया है ,उसकी चर्चा कई जगह हो रही है। सुबह सिटी वाले एक सर्किल में दिनदहाड़े पुलिस ने मुठभेड़ की। मुठभेड़ में एसीपी वाली बाइट आई तो फ्रेम में एसीपी ,थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मी नजर आए। कुल मिलाकर सात पुलिस वाले एक फ्रेम में नजर आरहे थे।कमिश्नरेट में इससे पहले ऐसा फ्रेम शायद ही देखने को मिला हो है। हालांकि यह फ्रेम सेट करवाया गया है या अब यह नया फॉर्मेट आया है, इसको लेकर भी कुछ कहा नहीं जा सकता है। तो वहीं सोमवार की रात नदिया पार के इलाके में पुलिस ने एक मुठभेड़ की बात हो जाए। इस मुठभेड़ में एसीपी की बाइट आई तो वहां भी दिन वाला नजारा देखने को मिला।एसीपी की बाइट में थाना प्रभारी से लेकर उनके साथ-साथ में खड़े पुलिसकर्मियों की संख्या सात थी, यानी कहा जार हा है कि पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में दोनों सर्किल वाले हम साथ-साथ हैं और सात-सात भी हैं का संदेश देर हे हैं। सोमवार को जिसने भी यह तस्वीरें देखी हैं ,उसमें यह बड़ा फ्रेम नजर आया है। अब यह फ्रेम केवल नदिया पार और सिटी वाले खास सर्किल में देखने को मिलेगा या अन्य जगह भी ऐसी तस्वीरें आएंगी, यह कहना अभी मुश्किल है। उधर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम वाले सूत्र बता रहे हैं कि इन दिनों दोनों ही एसीपी पहले की तरह टीआरपी में टॉप पर चल रहे हैं और खुलासों से लेकर प्रेसवार्ता भी एक के बाद एक कर रहे हैं। तो इन दोनों अधिकारियों के वर्किंग स्टाइल ने कमिश्नरेट के कई अन्य एसीपी साहब लोगों को टेंशन में ला दिया है और उन पर वर्क लोड बढ़वाना शुरू कर दिया है।कुल मिलाकर देखना होगा कि दोनों जोन के इस हम साथ-साथ हैं ,सात-सात का क्या संदेश आगे भी देखने को मिलता है।

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गरम मसाला

क्या अभी पुलिस की टेंशन और बढ़ाएंगे बाजार

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पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम के सूत्रों से जानकारी मिली है कि भले ही बाजार को लेकर लखनऊ वाले साहब बड़ा फरमान दें गए हों लेकिन अभी भी पुलिस कमिश्नरेट के लिए टेंशन वाला दौर जारी रह सकता है। पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि एक भवन में हुई प्रशासनिक और राजनीतिक चेहरों की मीटिंग के बाद भी अभी बहुत सारे मामलों में पेंच फंसा हुआ है। सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस के अधिकारी बाजार वाली बात को लेकर अभी कुछ और चर्चा हो सकती है। वहीं पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि जैसे ही शनिवार को लखनऊ से आने वाले साहब ने इस मामले से पुलिस को साफ-साफ दूर रहने वाली बात की, तो कई अधिकारी और थाना प्रभारी से लेकर एसीपी खुश नजर आए हैं, पर सूत्र बता रहे हैं कि शाम को बाजार को लेकर जो आदेश आया है, वह अभी कितने दिन जारी रहेगा, इसको लेकर संशय है। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले लोकल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंद कमरे में हुई अधिकारियों और नेताओं वाली बैठक में भी अभी पुलिस इस मामले पर पूरी तरीके से बैक फुट पर नहीं आई है। सुनने में आ रहा है कि अधिकारी अभी जाम और बाजार से लगने वाले तामझाम की बात मीटिंग में रख चुके हैं। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर बाजार वाला मामला दोबारा आया तो फिर इसमें व्यापारियों के साथ वह दल भी उतर आएंगे जो अभी इस आंदोलन में पूरी तरीके से नहीं आए थे। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि वैसे बाजार वाले फैसले पर जो फरमान सुनाया गया है, उसके कई और मायने भी पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों द्वारा लगाने शुरू कर दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरीके का फरमान लखनऊ वाले साहब सुनाकर गए हैं उसके पीछे भी कहीं ना कहीं महाराज जी का ही निर्देश रहा होगा। वैसे पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में शनिवार को हुए कार्यक्रम में एक अधिकारी के नजर नहीं आने की भी चर्चा जमकर हुई है। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद में आने वाले दिनों में पुलिस की बाजार कितनी टेंशन बढ़ाते हैं और क्या यह टेंशन अब दोबारा शुरू नहीं होगी, इस बात को देखा जाना अभी शेष है। वैसे जिस अंदाज में लखनऊ से आने वाले साहब ने बयान दिया है, उसके कई और मायने भी लखनऊ और प्रदेश वाले सूत्र लगा रहे हैं।

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गरम मसाला

जूबान संभाल के

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साप्ताहिक बाजार के नाम पर वसूल लिये एक लाख पैंतीस हजार
पुलिस के साहब का फरमान आया कि सड़क किनारे बाजार नही लगने देगें। साहब को खबर भी नही कि उनके नाम पर पैंठ वालों से किसी ने नकद एठ भी लिये। बड़ी बात ये कि हर दुकानदार से एक हजार रूपये वसूल लिये गये और मामला तब लाईट में आया जब एक हजार के साथ हर पैंठ वाले से उसकी आईडी मांगी गई। बताते हैं कि खेल यहीं से शुरू हुया और आईडी वाले भी समझ गये कि कुछ तो कहानी हैं। उन्होने जब पता किया तो पता चला कि ये तो कोरी का गेम हैं और उगाही का रचा रचाया फ्रेम हैं। सुना है कि बाजार की इस उगाही का खुलासा बाजार वाले ही करने जा रहे हैं। वहीं पैंठ वालों ने भी बात खुलते ही एक हजार देने से इंकार कर दिया। कह दिया कि एक हजार नही एक लाख देगें मगर ठिया लगाने का गारंटी लिखित में लेगें। बंद बाजार की कहानी में अभी टेबल ठेकेदार से लेकर लाईट सप्लायर का भी रोल आना बाकी है।
बोला इस पार वाला उसकी डुबकी से हमारा कुछ भी न डूबने वाला
भले ही अब रेखा पार वाले भी सदन में हो और रिवर पार वाले भी सदन में हो मगर आरपार की सियासी रार जारी है। अब ये सियासी ख्वाहिशे ही ऐसी है कि एक चेले ने प्रयागराज वाले कुंभ के मेले में किसी के पालिटिकल विनाश की कामना करते हुये 11 डुबकी लगाई। डुबकी की बात जल के भीतर नही समाई बल्कि इस जुबान से उस कान तक होती हुई हर जुबान पर आ गई। अब कुंभ के मेले में सारे तो सत्यवादी नही होते। ऐसा भी नही है कि डुबकी के बदले किसी को डुबोने का तथास्तु वरदान मिल जाये। इस पार भी अब सर्मथक खेमा डेवलप हो चुका है और इस पार वालों ने भी बिना नाम लिये कह दिया कि उस पार वालों की डुबकी से हमारा कुछ नही डूबने वाला है। वो चाहे तो एक बार फिर से जाकर 108 बार डुबकी लगा ले सत्यवादी का नाम लेकर।
नई रवायत जब महानगर मंत्री के लिये प्रदेश हैड ने की हिमायत
फूल वालों के यहां इन दिनो ध्ूाल भी भाव खा रही है। बूथ अध्यक्ष को फील कराया जा रहा है और उसके घर के बाहर ढोल बजाया जा रहा है। मंडल प्रधान का पद इतना बड़ा हो गया कि प्रदेश और राष्टÑ वालों के यहां पावर वालों ने डेरा डाला। अब नामित बनने की बेला है और मेला हर दरवाजे पर लग रहा है। फूल वालों ने ही बताया कि कहने सुनने को अब कुछ नही बचा। उन्होने कहा कि महानगर की टीम में आधा दर्जन मंत्री भी होते हैं और चार महामंत्री होते हैं। मगर आधा दर्जन वाले सीन में भी सिफारिशो का तूफान आया हुया है। महानगर की टीम में मंत्री पद के लिये स्टेट हैड से हिमायत करवाई गई है। अभी महानगर का कप्तान घोषित होना बाकी है लेकिन सयाने कमलों ने पहले ही टीम में अपना नबंर पक्का करने के लिये प्रदेश वाले बड़े दरबार में माथा टेक दिया है।

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गरम मसाला

चिंटू जी

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