दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख: पत्नी और नाबालिग बेटियों को छोड़ने वाले पति को कड़ी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और नाबालिग बेटियों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि इस तरह के व्यवहार ने मानव और पशु के बीच के बुनियादी अंतर को खत्म कर दिया है। उन्होंने पूछा, “आप किस तरह के व्यक्ति हैं जो अपनी नाबालिग बेटियों की परवाह नहीं करते?” पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि व्यक्ति की दिलचस्पी केवल कई संतान पैदा करने में थी, और उन्हें अपनी बेटियों की देखभाल नहीं करने के लिए फटकार लगाई।
मामले के तथ्यों से व्यथित होकर पीठ ने कहा कि वह व्यक्ति को अदालत में प्रवेश की अनुमति नहीं देगी, जब तक कि वह अपनी बेटियों और अलग रह रही पत्नी को निर्वाह भत्ता या कुछ कृषि भूमि नहीं दे देता। बेंच ने उसके वकील से कहा कि व्यक्ति को अपनी बेटियों के नाम पर कुछ कृषि भूमि या रकम सावधि जमा करनी चाहिए या भरण-पोषण की राशि देनी चाहिए। इसके बाद अदालत उसके पक्ष में कोई आदेश पारित करने के बारे में सोच सकती है।
निचली अदालत ने व्यक्ति को उसकी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और परेशान करने का दोषी ठहराया था। व्यक्ति पर धोखे से उसकी पत्नी का गर्भाशय निकलवाने और बाद में दूसरी महिला से शादी करने का भी आरोप है। निचली अदालत ने 2015 में उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए के तहत दोषी ठहराया और उसे 5,000 रुपये के जुर्माने के अलावा ढाई साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। मामला 2009 में दर्ज किया गया था और उसने 11 महीने हिरासत में बिताए। 24 सितंबर 2024 को झारखंड हाई कोर्ट ने सजा को घटाकर डेढ़ साल कर दिया और जुर्माना बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था।
इस जोड़े की शादी 2003 में हुई थी और अलग रह रही पत्नी लगभग 4 महीने तक ससुराल में रही, जिसके बाद उसे 50,000 रुपये दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद, व्यक्ति को अब अपनी बेटियों और पत्नी के लिए निर्वाह भत्ता या कृषि भूमि देनी होगी, ताकि वह अदालत में प्रवेश कर सके।
ग़ाजियाबाद
हथेली ईश्वर द्वारा बनाई गयी जन्मकुंडली : लक्ष्मीकांत त्रिपाठी

आज दिल्ली के भारत मंडपम में मनाया जायेगा 10वां इंटरनेशनल पामिस्ट्री- डे
गाजियाबाद । भारत की लुप्तप्राय विद्याओं विशेषकर हस्तरेखा विज्ञान के परामर्श, शोध एवं संरक्षण के क्षेत्र में निरत, अग्रणी संस्थान पामवेद फाउंडेशन द्वारा आज 18 मई रविवार को दिल्ली के भारत मंडपम में 10वां इंटरनेशनल पामिस्ट्री- डे मनाया जाएगा। जहां देश एवं विदेश के जिज्ञासु उपस्थित रहेंगे। पामवेद फाउंडेशन के अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि विगत 30 वर्षों से केवल हाथ की रेखाओं के अध्ययन से आश्वस्त है कि व्यक्ति के जीवन में आने वाली स्वास्थ्य, संबंध एवं आजीविका संबंधी समस्या का समाधान हाथ की रेखाओ के अध्ययन से किया जा सकता है।
दिल्ली
पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।
दिल्ली
क्वीन मैरी स्कूल पर गिरेगी CM रेखा गुप्ता की गाज? जब एक मां-बाप ने दिल्ली की मुखिया को बताया अपना दर्द
राजधानी दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी और बच्चों को निकालने का मामला अब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जनसंवाद कार्यक्रम तक पहुंच गया है. मंगलवार (15 अप्रैल) को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के जनसंवाद कार्यक्रम में मॉडल टाउन स्थित क्वीन मैरी स्कूल से जुड़े कई अभिभावक और बच्चे पहुंचे.
इन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए कि स्कूल प्रशासन अभिभावकों से गलत तरीके से फीस वसूल रहा है और मना करने पर बच्चों को स्कूल से बाहर कर दिया जाता है.
शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सीएम ने लगाया फोन
शिकायत का फौरन कार्रवाई करते हुए रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया और निर्देश दिए कि इस मामले की तुरंत जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
ख़ुद मुख्यमंत्री ने इस पूरे घटनाक्रम की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी साझा की. वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “दिल्ली सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता, समान अवसर और बच्चों के अधिकारों की रक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है. किसी भी प्रकार का अन्याय, शोषण या अनियमितता को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है—इसमें कोई ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी.”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का संकल्प साफ है कि हर बच्चे को न्याय, सम्मान और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा मिले. उन्होंने कहा कि बच्चों की शिक्षा के रास्ते में किसी भी तरह की रुकावट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. फिलहाल इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और आगे की कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी. सरकार का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी तरह की गड़बड़ी को गंभीरता से लिया जाएगा और सख्त कदम उठाए जाएंगे.
बता दें कि दिल्ली में फीस बढ़ोतरी को लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) रेखा गुप्ता सरकार को घेर रही है. पार्टी का कहना है कि फीस बढ़ोतरी की साजिश में बीजेपी खुद शामिल है.
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