गरम मसाला
साइड लाइन थ्री-स्टार कब तक करेंगे वेट

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में लगातार साइड लाइन चलने वाले थ्री-स्टारों की संख्या में इजाफ होता जा रहा है। वहीं पुलिस के ही सूत्र बता रहे हैं कि बीते लगभग 50 दिनों के भीतर ही कई लोग को खेल बिगड़ा है। तो कईयों के समीकरण आने वाले दिनों में भी बदलने की सूचना मिल रही है। देहात वाले जोन में जिस टू-स्टार को अल्टीमेटम मिला था, उसकी हालत व हाल अभी भी ठीक नहीं बताए जा रहे हैं। वहीं देहात में कई और बदलाव होने की लगातार चर्चा चल रही है। इसी के साथ बीते दिनों जिस तरह से एक ही झटके में एक थ्री-स्टार को हटाया गया है, उसके बाद कई थ्री-स्टारों की टेंशन बढ़ी हुई बताई जा रही है। सुनने में आ रहा है कि जिस तरह से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में थ्री-स्टारों की साइड लाइन वाली गिनती बढ़ती जा रही है, उससे टू-स्टरों की मौज आई हुई है। पुलिस के विश्वसनीय सूत्र बता रहे हैं कि कई थ्री-स्टार इस टेंशन में हैं कि उनकी होली मनेगी भी या नहीं। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में चर्चा सुनाई दे रही है कि लंबे समय से लाइन व साइड लाइन के साथ ही सेल में जमे थ्री-स्टार भी अब वेट करते करते खुद को लेट महसूस कर रहे हैं। वहीं जिस तरह से लखनऊ वाले सूत्र कह रहे हैं कि महाकुभ के बाद महातबादला लिस्ट आएगी, उससे अभी भी कई थ्री-स्टार बदलाव वाले वेट में हैं। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में देहात व नदियापार वाले जोन में जिस तरह से थ्री-स्टारों की संख्या कम और टू-स्टारों की गिनती बढ़ रही है, उसने भी पुराने थ्री-स्टारों को परेशान किया हुआ है। इसी के साथ जैसे हाल व हालात चल रहे हैं उनको देखते पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में बढ़े बदलाव व समीकरण बदलने की संभावनाएं कुछ खास नहीं नजर आ रही हैं। सूत्रों का कहना है कि पुलिस कमिश्नरेट वाले सिस्टम में केवल दो ही ऐसे थ्री-स्टार हैं, जो लगातार अपनी पारी जारी रखे हुए हैं वरना कई तो साइड लाइन किए जा चुके हैं और कई रडार पर आ चुके हैं। अब देखना होगा कि आने वाले समय व लोकल तबादला लिस्ट में कोई टविस्ट् आता है या नहीं। वहीं कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में तो कई ऐसे थ्री-स्टार भी हैं, जो अपने दिल और दीमाग से अब चार्ज वाला ख्याल भी निकाल चुके हैं। वहीं कुछ प्रयास के बाद भी इंतजार में बैठे हुए हैं।
पुलिसनामा
अंडर ट्रेनी जाएंगे 30 दिन की ट्रेनिंग पर

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में हर पुलिसकर्मी का अपना महत्व है। है। तो पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद की बात की जाए तो तीनों जोन मिलाकर वर्तमान में लगभग सात सौ से अधिक अंडर ट्रेनी टू.स्टार शामिल हैं। हर जोन में बड़ी संख्या में पुलिस के अंडर ट्रेनी टू.स्टार आए थे। पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि अंडर ट्रेनी वाले अब दोबारा से ट्रेनिंग के लिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह ट्रेनिंग लगभग 30 दिनों की रहने वाली है। जिसमें इनको आगे की वर्किंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। वहीं पता चला है कि वर्तमान में पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में 700 से अधिक अंडर ट्रेनी अलग.अलग थानों से लेकर चौकी और अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों के साथ ही साइबर सेल व अन्य अपराध नियंत्रण के काम में लगे हुए हैं। उनके आदेश आने से जहां कुछ दिनों के लिए विभिन्न प्रकार के मामलों में रुकावट का ग्राफ देखने को मिल सकता है। तो वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल की कमी भी महसूस होगी। वैसे भी अभी भीषण गर्मी वाला दौर चल रहा हे ऐसे में चोरी व लूटपाट.झपटमारी की वारदातों का ग्राफ अधिक रहता है। ऐसे में बड़ी संख्या में फील्ड ड्यूटी से टू.स्टार अंडर ट्रेनी कम होने का असर साफ नजर आएगा। वहीं सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि लगभग 300 से अधिक अंडर ट्रेनी टू.स्टार ट्रेनिंग पर गए हुए हैं। तो आने वाले कुछ दिनों में कई और टू.स्टार अंडर ट्रेनी बड़ी संख्या में गाजियाबाद से रवाना किए जाएंगे। तो पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि इन अंडर ट्रेनी के जाने से थाने और चौकी के कई महत्वपूर्ण काम थोड़े स्लो हो जाएंगेए पर जिस तरीके से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में इन दिनों हर काम को लेकर समय सीमा तय कर दी गई हैए उसके चलते प्रभारी का ध्यान रहेगा कि समय रहते सभी काम पर फोकस किया जाए। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में जिस तरीके से सिटीजन चार्टर प्लान लागू किया गया हैए आने वाले दिनों में आम जनता को उसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही तमाम तरीके की वेरीफिकेशन और जांच से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी पुलिस को समय सीमा के अंदर करके देने हैं। साथ ही पुलिस के अधिकारी महत्वपूर्ण मामलों में लगातार सीधे पीडित से फीडबैक भी प्राप्त कर रहे हैं। जो कहीं ना कहीं पुलिसकर्मियों की वर्किंग और रैंकिंग में सुधार लाने वाला काम होगा।
पुलिसनामा
अब पुलिस लाइन में होंगे दो आरआई

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में अब पुलिस लाइन की व्यवस्था देख रहे एक और आरआई अन्य वर्क को देखने के लिए आ चुके हैं। तो अब पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में दो आरआई होंगे। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाला सिस्टम बनने के बाद यहां दो आरआई की वैकेंसी थी लेकिन लंबे समय से यहां पर एक ही आरआई के द्वारा काम चलाया जा रहा था। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम बने हुए लगभग तीन साल का समय होने को जा रहा है, पर अब जाकर जब नए कमिश्नर आए हैं तो एक और आरआई की डिमांड भेजी गई और अब एक नया आरआई और आ गया है। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में लगातार बेहतर पुलिसिंग और बीट व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए नए पुलिस कमिश्नर का अभियान जारी है। इस सिलसिले में गुरुवार को देहात जोन के सभी अधिकारियों से लेकर जमीन की स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों की बैठक की गई थी। जिसमें सीधे पुलिस कमिश्नर द्वारा उनको वर्किंग का पाठ पढ़ाया गया है। पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्र बता रहे हैं कि यहां लंबे समय से एक ही आरआई के जिम्में पूरा काम होता रहा है। अब दो लोगों के आने से बेहतर व्यवस्था होगी और उसका असर भी देखने को मिलेगा। कार्य का दबाव रहता था, साथ ही कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहती थीं, जिससे व्यवस्था ठीक प्रकार से नहीं बन पा रही थी, इसीलिए अधिकारियों द्वारा निर्णय लेते हुए यहां एक और आरआई को पोस्ट कर दिया है। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्रों ने बताया है कि जिस तरीके से इन दिनों पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में निर्माण का कार्य चल रहा है। तो वहीं पुलिस आॅफिस जो राजनगर एक्सटेंशन में बनाया जाना है, उसको लेकर भी फाइलें आगे बढ़ाई जा रही हैं। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों पुलिस मुख्यालय से गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के सभी थानों की खसरा खतौनी भी मांगी गई थी, जो यहां से अब भेजी जा चुकी है ं। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि मई के तीसरे सप्ताह में कुछ और बदलाव देखने को मिलेंगे। जिसमें 18 मई के बाद जहां एसीपी स्तर को लेकर एक शॉर्ट लिस्ट आ सकती है। तो वहीं थाना प्रभारियों को लेकर लिस्ट भी मई में ही आने की प्रबल संभावना है।
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जुबान संभाल के

फूल वालों की तरकरार में बुल्डोजर चल गया फूल बाजार में
अभी तक जो बुल्डोजर कैला भटट्टा में अवैध निर्माण तोड़ रहा था। अभी तक जो बुल्डोजर चांदमारी में झुग्गियां तोड़ रहा था। वो बुल्डोजर उस इलाकें में पहुंचा जहां लोकसभा सांसद रहते हैं, एमएलसी रहते हैं। पूर्व मेयर रहती हैं, पूर्व राज्यसभा सांसद रहते हैं और उसने फूल वालों के बाहर रखें फूलों को रौंद दिया। बताया जाता है कि 100 के नोट से तकरार शुरू हुई और निगम वाली सरकार से भी पूछा नहीं गया और कार्यवाही हो गई। दरअसल सीवर वाले महकमें के एक इंस्पेक्टर फूल लेने आये थे। जिस फूल वाले से फूल लिये वो भी पोलिटिक्ली फूल वाला था और बताया जाता है कि शर्मा जी फ्लावर वालों का भाई मंडल में मिन्स्टिर वाली लिस्ट में है। अब ट्विस्ट ये रहा कि इंस्पेक्टर को 100 रूपये ज्यादा लगे और फूल वालों ने कम नहीं किये। और नतीजा ये हुआ कि अगले दिन बुल्डोजर आ गया। जब बुल्डोजर निकला तो मुखिया से पूछा भी नहीं गया और सितम ये हुआ कि जिन 11 दुकानों पर ये बुल्डोजर चला। उनमें एक कांग्रेसी को छोड़कर सारे फूल वाले हैं। जिनका बर्फ का संसार है वो ध्वज प्रणाम वाले हैं। एक फल वाले हैं और एक पूर्व पार्षद भी हैं। 100 रूपये के फूल के चक्कर में 11 फूल वालों पर बुल्डोजर चल गया। अब फूल वालों की वीआईपी बस्ती में ये किस्सा गूंज रहा है कि कहां गया फू ल वालों से लेकर ध्वज प्रणाम वालों का जलवा। सब देखते रह गये और इंस्पेक्टर का बुल्डोजर बना या फूलों का मलबा।
झोपड़ी तो पहले भी थी बस उन्हें दिखाई अब दी है
चौधरी साहब इन दिनों झोपड़ी वालों पर अब बड़ी कार्यवाही चाहते हैं। पुलिस कप्तान को भी लैटर दे आये, मैटर बता आये। मगर सितम ये कि संज्ञान भी नहीं लिया गया। फूल वाले ही पूछ रहेहैं कि उनके घर के सामने तो झुग्गियां भी नहीं है और सड़क के उस पार झुग्गी थी वहां लट्ठ कूटने के बाद नदिया पार वाले चौधरी ने कई महीने डासना जेल में ही बिताये। अब ऐसा क्या हो गया कि झुग्गियों को लेकर चौधरी साहब एक्शन मोड में है। जब वो मेयर थे झुग्गियां तो तब भी थी और साहिबाबाद थाने का पुराना रिकार्ड बता देगा कि अवैध बांग्लादेशी पकड़े भी गये और जेल भी गये। ये सब कुछ आॅन रिकार्ड है लेकिन तब वो क्यों साईलेंट थे। फूल वालों ने ही कहा कि हमने माना कि झुग्गियां पहले भी थी लेकिन दिखी तो उन्हें अब हैं। आप उनकी एडवाईज पर ध्यान दो और उनके जज्बे को अदरवाईज मत लो। अगर वो अवैध घुसपैठियों का मामला उठा रहे हैं तो ये झुग्गियों के होने या ना होने से बड़ा मामला है।
विधानसभा चुनाव से पहले घोषित हो जायेगी कांग्रेस की टीम
हाथ वालों ने अपने जिला और शहर कप्तान ही बदल दिये। अब उन्होंने पूर्व पार्षद को सिटी की कमान दी और डासना वालों को जिला सौंप दिया। जिले का तो पता नहीं लेकिन शहर में अभी तक टीम के गठन की ही बात हो रही है। वार्ड, बूथ, सक्रिय और समर्पण जैसे शब्द आये तो पुराने कांग्रेसी ने ही तफरी ली। उसने कहा कि समर्पित तो समझ में भी आता है लेकिन सक्रिय तो वो भी नहीं थे जिन्हें कमान सौंपी है। उसने कहा कि जितना बारीक चरखा यहां चल रहा है उस हिसाब से मुझे लगता है कि वर्ष 2027 के चुनाव से पहले टीम घोषित हो जायेगी। हो सकता है कि 4 दिन पहले टीम घोषित हो और 4 दिन बाद उम्मीदवार घोषित हो। ऐसा भी हो सकता है कि उम्मीदवार पहले घोषित हो जाये और टीमों की घोषणा चुनाव वाली प्रेस कान्फ्रेंस में ही पड जाये। एक तो यहां पहले ही कार्यकर्ता नहंी मिल रहे और ऊपर से बड़े नेताओं ने जो तकमिन्ने काट रखे हैं उससे लगता है कि चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा और महानगर अंौर जिले की टीम की घोषणा एक साथ ही ना जो जाये।
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