Lucknow
सांसद अतुल गर्ग कर रहे हैं लोकसभा क्षेत्र में नागरिकों को उड़ान सेवा देने का प्रयास, गोवा के बाद वो चाहते हैं हिंडन ने शुरू हो प्रयागराज के लिये उड़ान

गाजियाबाद (करंट क्राइम)। लोकसभा सांसद अतुल गर्ग अपने लोकसभा क्षेत्र के लिये विकास का एक विजन लेकर चल रहे हैं। वो जमीन से लेकर आसमान तक कनेक्टिविटी का एक सेतु बनना चाहते हैं। वो लोनी-सहारनपुर मार्ग को लेकर पत्र लिख चुके हैं। अपडेट लेते हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि उन्होंने हिंडन डोमेस्टिक एयरपोर्ट के मामले में विशेष रूचि ली है। उनके प्रयास अब रंग लाते दिखाई दे रहे हैं। सांसद अतुल गर्ग ने एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों को पत्र लिखा था और उनके पत्र के बाद ही ये खुलासा हुआ था कि सरकार का हर वर्ष एक बड़ा फंड यहां खर्च हो रहा है। इसके बाद यहां से उड़ान के लिये एक रनवे तैयार हुआ और सरकारी फाइलों में मामला आगे बढ़ा। एक मार्च से हिंडन डोमेस्टिक एयरपोर्ट से μलाइट शुरू हो रही हैं। यहां बैंगलोर, कोलकाता और गोवा के लिये μलाइट प्रस्तावित हैं। अब लोकसभा सांसद अतुल गर्ग का ये प्रयास है कि हिंडन डोमेस्टिक एयरपोर्ट से प्रयागराज के लिये उड़ान शुरू हो। उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी आॅफ इंडिया के चेयरमैन को पत्र लिखा है। अपने पत्र में सांसद अतुल गर्ग ने लिखा कि आपको जानकारी है कि एक मार्च से हिंडन एयरपोर्ट गाजियाबाद से बैंगलोर, कोलाकाता और गोवा के लिये μलाइट उड़ाने का निर्णय लिया है। कुंभ मेले प्रयागराज में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर हिंडन एयरपोर्ट गाजियाबाद से प्रयागराज जनपद के लिये μलाइट आरंभ कराने का कष्ट करें। खास बात ये हैं कि सांसद अतुल गर्ग ने अपने पत्र में प्रयागराज के अलावा गाजियाबाद से लखनऊ, वाराणसी और अयोध्या के लिये भी μलाइट शुरू कराने को अतिआवश्यक बताया है। सांसद अतुल गर्ग के इस प्रस्ताव पर एयरपोर्ट अथॉरिटी क्या निर्णय लेती है यह बाद की बात है, लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि सांसद अतुल गर्ग ने अपने लोकसभा क्षेत्र में एक सुविधा देने का प्रयास किया है। उन्होंने अपनी प्राथमिकताओं में इसे शुमार किया है।
प्रयागराज और लखनऊ की उड़ान करेगी लोगों का सफर आसान
करंट क्राइम। प्रयागराज का मतलब केवल कुंभ ही नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिन लोगों के लिये मुकदमें हाईकोर्ट में चल रहे हैं। जिन्हें पैरवी के लिये प्रयागराज जाना पड़ता है। जिन लोगों शासकीय कामकाज लखनऊ से जुड़े हैं और जिनका आना जाना लखनऊ होता है वो लोग इस उड़ान के महत्व को समझ सकते हैं। जो लोग गाजियाबाद-नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, जैसे जिलों में रहते हैं और उनका हाईकोर्ट से जुड़ा काम है या लखनऊ जाना होता है तो उनके लिये गाजियाबाद एयरपोर्ट से अगर उड़ान शुरू होगी तो उनका सफर आसान हो जाएगा। सांसद अतुल गर्ग वैसे भी क्षेत्र की पूरी जमीनी जानकारी रखते हैं। वो जानते हैं कि कनेक्टिविटी और एक्टिविटी में क्या संबंध है। लोकसभा क्षेत्र की समस्याओं का पूरा भूगोल उन्हें पता है और उनके ये प्रयास जब हकीकत में बदलेंगे तो लोगों को एक बड़ी सुविधा मिलेगी। लोगों का सफर आसान हो जाएगा।
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लखनऊ में बोले लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर, अधिकारी मुख्यमंत्री को मुझे उनका विरोधी बताकर मेरी जनहित की बात को भी गलत सिद्ध कर देते हैं

लखनऊ : विधायक लोनी नंद किशोर गुर्जर ने लखनऊ में प्रेसवार्ता करते हुए फिर एक बार प्रदेश के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस व प्रदेश के अधिकारी मुख्यमंत्री को मुझे उनका विरोधी बताकर मेरी जनहित की बात को भी गलत सिद्ध कर देते हैं। नंद किशोर गुर्जर ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने राजधानी लखनऊ के प्रेस क्लब में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की ।
भ्रष्ट अधिकारियों पर होनी चाहिए कार्रवाई
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मैंने आपको बुलाया है कि जो एक नैरेटिव प्रदेश में लगातार बनाया जा रहा है, कि दिल्ली से या उप्र से योगी जी के खिलाफ विधायकों से उन्हें हटाने के लिए अभियान चलवाया जा रहा है। यह बिल्कुल गलत एवं प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के भ्रष्ट अधिकारी इस बात का सहारा लेकर भ्रष्टाचार कर रहे हंै। इसका दुष्प्रभाव यह है कि जब कोई विधायक जनता की बात अधिकारी से कहता है तो अधिकारी उसकी बात न सुनकर दुर्व्यवहार करते हैं और मीडिया उस बात को मुख्यमंत्री की विरोधी के रूप में विधायक को स्थापित करती है। पूरे प्रदेश के विधायक एवं जनता इस षडयंत्र से तबाह एंव ग्रस्त है। मेरे साथ अधिकारियों द्वारा लगातार किये जा रहे दुर्व्यवहार का भी यही कारण हैं, क्योंकि अधिकारी मुख्यमंत्री को मुझे उनका विरोधी बताकर मेरी जनहित की बात को भी गलत सिद्ध कर देते हंै।
लोनी विधायक बोले, मेरा नारको टेस्ट कराया जाए
लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा है कि मेरे साथ हुए इतने बड़े घटनाक्रम पर कार्रवाई न होना इसी पाप का परिणाम है। आज तक न मुझे कभी दिल्ली या उत्तर प्रदेश से योगी के खिलाफ कुछ भी कहने का फोन नहीं आया है। इसके लिए मेरा नारको टेस्ट कराया जा सकता है। आपसे सिर्फ यही निवेदन करने आया हूं कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ होने के नाते मेरे साथ हो रहे अन्याय की सच्चाई को दिखाने में मदद करें। नंद किशोर गुर्जर ने कहा है कि पूरे प्रदेश के विधायक इस नैरेटिव से ग्रस्त हंै। जिससे जनता के साथ अन्याय एवं अत्याचार हो रहा है और जन प्रतिनिधि मदद करते है तो उन्हे दिल्ली लखनऊ दरबार से जोड़कर पूरे मामलें को पलट कर बच जाते है और मुख्यमंत्री के हितैशी बने रहते है, जिससे जगह जगह पूरे प्रदेश मे जन प्रतिनिधियों के सरकार के खिलाफ विरोध की बाते आये दिन आती रहती हैं।
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24 दलितों की हत्या का मामला: मैनपुरी कोर्ट ने 3 दोषियों को दी फांसी की सजा

लखनउ। फिरोजाबाद के दिहुली हत्याकांड के 44 साल बाद मंगलवार को फैसला आया। साल 1982 में डकैतों के गिरोह ने दलितों के गांव पर हमला बोल दिया था और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 24 लोगों की हत्या कर दी थी। जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। दलित हत्याकांड मामले में अब कोर्ट ने 3 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले 11 मार्च को मैनपुरी कोर्ट में स्पेशल जज ने तीनों हत्यारोपियों को दोषी ठहराया था।
अपर सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने मंगलवार को दोपहर साढ़े तीन बजे फांसी की सजा सुनाई। तीनों ही आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस हत्याकांड में 18 नवंबर 1981 को जसराना के ग्राम दिहुली में 24 लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। फैसला आने के बाद तीनों ही आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
कोर्ट ने नरसंहार को बेहद जघन्य माना
न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है कि हत्यारों को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जब तक कि इनकी मृत्यु न हो जाए। तीनों दोषियों की उम्र 75 से 80 साल है। इस हत्याकांड में कुल 20 हत्यारोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। जिसमें से 13 आरोपियों की मौत हो चुकी है और फरार चल रहे चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने स्थाई वारंट जारी कर रखे हैं। मामले की पैरवी एडीजीसी रोहित शुक्ला द्वारा की गई।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आना पड़ा था दिहुली
दिहुली में जब 44 साल पहले नरसंहार हुआ तब प्रदेश की सरकार हिल गई थी उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, गृहमंत्री बीपी सिंह, मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेई भी पीडितों का दर्द बांटने देहुली पहुंचे थे। फिरोजाबाद जनपद क्षेत्र के थाना जसराना क्षेत्र का गांव दिहुली मे जव 18 नवंबर 1981 को संतोष सिंह उर्फ संतोषा और राधेश्याम उर्फ राधे के गिरोह के द्वारा दलित समाज के लोगों के ऊपर हमला कर सामूहिक नरसंहार के जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। उसे समय वह क्षेत्र मैनपुरी का हिस्सा हुआ करता था।
चश्मदीदों ने बताया हत्याकांड
मामले में मुख्य चश्मदीद गवाह बनवारी लाल ने बताया किउनके पिता ज्वाला प्रसाद की सबसे पहले खेत मे आलू की खुदाई करते समय गोलियों से भून कर हत्या की गई थी। उसके साथ उनके बड़े भाई मनीष कुमार और भूरे सिंह और चचेरे भाई मुकेश की हत्या हुई थी। वह काफी दबाव के बाद भी अंतिम समय तक अपनी गवाही पर कायम रहे। उन्हें इस बात का संतोष है कि देर से सही लेकिन उन्हें इंसाफ मिला है। आरोपियों को फांसी मिलनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि अधिकांश पीड़ित परिवार गांव से पलायन कर गए हैं केवल तीन परिवार ही गांव में रह रहे हैं। 90 वर्ष की जय देवी का कहना है कि अपने परिवार के लोगों के खोने का दर्द अभी भी नहीं भूल पाए हैं, न्याय मिलने में बहुत देरी हुई है। उन्होंने हमलावरो से छिपकर अपनी जान बचाई थी।
दिहुली निवासी लायक सिंह ने सामूहिक नरसंहार की रिपोर्ट राधेश्याम उर्फ राधे संतोष सिंह उर्फ संतोषा समेत 17 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। दलित समाज के महिला पुरुष तथा बच्चों का शाम के समय पुलिस की वर्दी में पहुंचे डकैत के गिरोह के लोग जो हथियारों से लैस थे उनके द्वारा सामूहिक सत्याकांड को अंजाम दिया गया था।
मैनपुरी की विशेष डैकती कोर्ट में चल रहा था केस
सामूहिक दलित समाज के हत्याकांड के पीछे बदमाशों के गिरोह की मुखबिरी और गवाही का मामला मुख्य रूप से सामने आया था। जिसको लेकर नाराज बदमाशों ने बदले की भावना से गांव में पहुंचकर हमला किया था। मामले की सुनवाई मैनपुरी जिला न्यायालय में चल रही थी जो बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद के सेशन कोर्ट में अक्टूबर 2024 तक ट्रायल चला था। जिला जज के आदेश पर अक्टूबर 2024 में संबंधित मामले को मैनपुरी की विशेष डकैती कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।
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महाकुंभ में वसंत पंचमी के बाद भी नहीं कम हो रही जन आस्था

40 करोड़ के पार पहुंची श्रद्धालुओं की संख्या
प्रयागराज। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में वसंत पंचमी के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हो रही है। अभी भी बड़ी संख्या में लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं और यह संख्या 40 करोड़ के पार पहुंच गई है। मेले में वाहनों का प्रवेश भी रोक दिया गया है। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार तक स्नान करने वालों की संख्या 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। अभी महाकुंभ 19 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।
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