उत्तराखंड
संगम के जल मे लगाई डासना जेल के कैदियों ने आस्था की डुबकी

जेल सुपरिंटेंडेंट सीताराम शर्मा ने करवाया स्नान का आयोजन
गाजियाबाद : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में हर कोई जाना चाहता है और वहां आस्था की डुबकी लगाना अभी की चाहत है। हर किसी की मंशा है कि वह प्रयागराज में संगम स्नान करें और पुण्य का भागीदारी बने लेकिन जेल में बंद 4000 कैदियों के लिए यह संभव नहीं था। यही असंभव सा दिखने वाला पुण्य कार्य गाजियाबाद डासना जेल के सुपरिंटेंडेंट सीताराम शर्मा ने पूरा करने का काम किया है। वह खुद बीते दिनों प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में दर्शन के लिए गए थे। उन्होंने खुद वहां 4000 डुबकी लगाई और स्नान किया और फिर वहां से लौटे तो संगम का पवित्र जल लेकर आए और डासना जेल में बंद कैदियों के लिए जेल कलश में ही स्नान की व्यवस्था कराई गई। इसे आस्था का स्नान भी उन्हीं ने बनाने का काम किया है। शुक्रवार को डासना जेल में पूरे विधि-विधान, पूजन और मंत्रो उच्चारण की व्यवस्था की गई थी। पहले भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की गई, फिर पूजा अर्चना की गई। इस दौरान मेरठ रेंज के डीआईजी जेल आईपीएस सुभाष चंद्र शाक्य भी उपस्थित रहे।
जिनके लिए असंभव था स्नान, उन्होंने भी लगा ली संगम के जल में डुबकी
प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है और इसको लेकर कहा जा रहा है कि यहां इस बार 144 साल पुराना ऐसा योग बन रहा है, जिसमें स्नान करने से तमाम तरीके के दोष और परेशानियां दूर होगी। यह तमाम लोगों के लिए असंभव था, खासतौर से डासना जेल में बंद बंदियों के लिए तो यह एक ऐसा सपना था, जिसे वह शायद ही पूरा करपाते लेकिन यहां के जेल सुपरिंटेंडेंट सीताराम शर्मा ने खुद संगम के त्रिवेणी घाट से जल लाकर यहां 4000 कैदियों को स्नान कराया है। उनको गंगा जल का आचमन करते हुए शुद्धिकरण कराया गया और पूजा पाठ का भी आयोजन किया गया। कुल मिलाकर जो चीज बंदियों के लिए असंभव थी, उसे संभव बनाने का काम डासना जेल के जेल सुपरिंटेंडेंट द्वारा कर दिया गया है।
कलश स्थापना से लेकर गणेश पूजा तक का हुआ आयोजन
शुक्रवार को डासना जेल के कैदियों के लिए आस्था के महत्व और विशेष व्यवस्था की गई कि वह संगम के त्रिवेणी घाट के जल से खुद का शुद्धिकरण करें। यहां प्रयागराज महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए पहले कलश की स्थापना की गई। फिर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की गई और पूरे विधि विधान और मंत्रो उच्चारण के साथ जब कैदियों ने स्नान किया, तो यह लम्हा उनके लिए यादगार बन गया।
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पोस्ट ऑफ द डे
उत्तराखंड
यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य

उत्तराखण्ड। ‘समान नगारिक संहिता’ (यूसीसी) लागू करने करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सीएम आवास के मुख्य सेवक सदन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने ‘समान नागरिक संहिता उत्तराखंड- 2024’ को लागू किए जाने पर नियमावली और पोर्टल का लोकार्पण किया। इसके बाद कहा कि यूसीसी किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि सबके लिए है। उन्होंने कहा कि आज का दिन न केवल हमारे उत्तराखंड, बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि आज हम समानता स्थापित करने के मकसद से बनाई ‘समान नागरिक संहिता’ को देवभूमि उत्तराखंड में लागू करने जा रहे हैं। मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने ‘समान नागरिक संहिता’ को बनाने की दिशा में अपना अहम योगदान दिया।
यूसीसी बनाने वाली हमारी टीम ने 2 लाख 35 हजार लोगों को इससे जोड़ने का प्रयास किया। इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से सुझाव भी लिए गए। लेकिन, सही मायने में अगर इस गंगा को निकालने का श्रेय किसी को जाता है, तो वह देवभूमि उत्तराखंड है। उत्तराखंड की जनता ने हमें इसके लिए अपना आशीर्वाद दिया। आज यूसीसी लागू करके हम लोग संविधान निमार्ता बाबा भीमराव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। हमने जनता से किया हुआ अपना वादा पूरा किया है।
सीएम धामी के मुताबिक यूसीसी महिलाओं को सशक्त बनाने में यह अहम भूमिका निभाएगा। बोले, यूसीसी से महिलाएं सशक्त होंगी और हलाला, बहुविवाह जैसी कुप्रथा पर रोक लगेगी। यूसीसी से समाज में एकरूपता आएगी। इससे सभी नागरिकों के अधिकार और दायित्व एक समान होंगे। बता दें कि 2022 के चुनाव से एक दिन पहले धामी ने यूसीसी की घोषणा की थी। सरकार बनाने के बाद मार्च 2022 की पहली कैबिनेट में समिति गठन को मंजूरी दी गई। इसे लेकर समिति ने ढाई लाख लोगों से 20 लाख सुझाव आॅफलाइन और आॅनलाइन प्राप्त किए थे।
उत्तराखंड
27 जनवरी से उत्तराखंड में लागू होगी यूसीसी, सीएम धामी लॉन्च करेंगे पोर्टल

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देहरादून आगमन से ठीक एक दिन पहले यूसीसी लागू करने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव शैलेश बगोली ने इस संबंध में सभी विभागों को एक पत्र भेजा है। पत्र में यूसीसी के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। यह पत्र संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए भेजा गया है कि 27 जनवरी से पहले सभी व्यवस्थाएं तैयार हो जाएं। इसी दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री यूसीसी पोर्टल लॉन्च करेंगे। दोपहर बाद 12.30 बजे सचिवालय में इसकी लॉन्चिंग होगी।
27 जनवरी को नए कानून की अधिसूचना भी जारी की जाएगी, जिससे राज्य में यह प्रक्रिया पूरी तरह से लागू हो जाएगी। इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 4 जनवरी को पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि उत्तराखंड में इसी महीने ‘समान नागरिक संहिता’ को लागू कर दिया जाएगा। सीएम धामी ने कहा था कि जनवरी महीने से ‘समान नागरिक संहिता’ को लागू कर दिया जाएगा। इसे लागू करने की सारी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री धामी ने साल 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान वादा किया था कि अगर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार सत्ता में आती है तो ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) लागू की जाएगी।
भाजपा ने इस चुनावी वादे को अपने एजेंडे में भी प्रमुखता से स्थान दिया था। उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनते ही ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) को लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई थी। इससे पहले माना जा रहा था कि धामी सरकार 1 जनवरी 2025 से राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) को लागू कर देगी। हालांकि, निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने की वजह से सरकार 23 जनवरी तक कोई फैसला नहीं ले सकती थी। भाजपा का मानना है कि उत्तराखंड में ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी) लागू होने के बाद यह सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक मिसाल बनेगा।
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