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शिवराज सिंह का राहुल-खड़गे की महू यात्रा पर तंज, अंबेडकर के स्मारक के सामने प्रायश्चित करने की दी सलाह

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नई दिल्ली, 27 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की महू यात्रा को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि महू में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्मस्थली पर बने भव्य स्मारक को जरूर देखिए, जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनवाया है। इतना ही नहीं, चौहान ने उन्हें बाबासाहेब अंबेडकर के स्मारक के सामने प्रायश्चित करने की भी सलाह दी।

बता दें कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू में कांग्रेस ‘जय बापू, जय भीम, जय संविधान’ रैली निकालने जा रही है, जिसमें कांग्रेस पार्टी के कई दिग्गज नेता शामिल होंगे। कांग्रेस की इस यात्रा को लेकर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी।

शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, आप आज महू आ रहे हैं। महू में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जन्मस्थली पर बने भव्य स्मारक को जरूर देखिए, जिसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनवाया है। साथ ही बाबासाहेब के स्मारक के सामने आंखें बंद करके प्रायश्चित भी जरूर कीजिए, क्योंकि आपने और आपकी पार्टी ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया। मध्यप्रदेश में आजादी के बाद दशकों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन कांग्रेस ने उनके जन्म स्थान पर न तो कोई आयोजन किया और न ही कोई स्मारक बनाने की कल्पना की।”

उन्होंने आगे लिखा, “मध्यप्रदेश में जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. सुंदर लाल पटवा जी ने महू में स्मारक का भूमि पूजन किया। इसके बाद कांग्रेस की सरकार आई और वहां काम रोक दिया गया। फिर पुनः भाजपा की सरकार आई और मैं मुख्यमंत्री बना, तब हमने बाबासाहेब के सम्मान में दिव्य और भव्य स्मारक का निर्माण कराया। मध्यप्रदेश में अब अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन होता है, जिसमें बाबासाहेब के हजारों अनुयायी आते हैं, जिनके रुकने, ठहरने एवं भोजन सहित अन्य समुचित व्यवस्थाओं का प्रबंध भारतीय जनता पार्टी की सरकार कर रही है।”

इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आदरणीय राहुल जी, सुना है कि आप मध्यप्रदेश के महू आ रहे हैं। मेरा आपसे निवेदन है कि आप महू में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जी का स्मारक देखने अवश्य जाएं। यह कांग्रेस के द्वारा नहीं बनवाया गया है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बनाया है।”

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जुबान संभाल के

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फूल वालों की तरकरार में बुल्डोजर चल गया फूल बाजार में
अभी तक जो बुल्डोजर कैला भटट्टा में अवैध निर्माण तोड़ रहा था। अभी तक जो बुल्डोजर चांदमारी में झुग्गियां तोड़ रहा था। वो बुल्डोजर उस इलाकें में पहुंचा जहां लोकसभा सांसद रहते हैं, एमएलसी रहते हैं। पूर्व मेयर रहती हैं, पूर्व राज्यसभा सांसद रहते हैं और उसने फूल वालों के बाहर रखें फूलों को रौंद दिया। बताया जाता है कि 100 के नोट से तकरार शुरू हुई और निगम वाली सरकार से भी पूछा नहीं गया और कार्यवाही हो गई। दरअसल सीवर वाले महकमें के एक इंस्पेक्टर फूल लेने आये थे। जिस फूल वाले से फूल लिये वो भी पोलिटिक्ली फूल वाला था और बताया जाता है कि शर्मा जी फ्लावर वालों का भाई मंडल में मिन्स्टिर वाली लिस्ट में है। अब ट्विस्ट ये रहा कि इंस्पेक्टर को 100 रूपये ज्यादा लगे और फूल वालों ने कम नहीं किये। और नतीजा ये हुआ कि अगले दिन बुल्डोजर आ गया। जब बुल्डोजर निकला तो मुखिया से पूछा भी नहीं गया और सितम ये हुआ कि जिन 11 दुकानों पर ये बुल्डोजर चला। उनमें एक कांग्रेसी को छोड़कर सारे फूल वाले हैं। जिनका बर्फ का संसार है वो ध्वज प्रणाम वाले हैं। एक फल वाले हैं और एक पूर्व पार्षद भी हैं। 100 रूपये के फूल के चक्कर में 11 फूल वालों पर बुल्डोजर चल गया। अब फूल वालों की वीआईपी बस्ती में ये किस्सा गूंज रहा है कि कहां गया फू ल वालों से लेकर ध्वज प्रणाम वालों का जलवा। सब देखते रह गये और इंस्पेक्टर का बुल्डोजर बना या फूलों का मलबा।

झोपड़ी तो पहले भी थी बस उन्हें दिखाई अब दी है
चौधरी साहब इन दिनों झोपड़ी वालों पर अब बड़ी कार्यवाही चाहते हैं। पुलिस कप्तान को भी लैटर दे आये, मैटर बता आये। मगर सितम ये कि संज्ञान भी नहीं लिया गया। फूल वाले ही पूछ रहेहैं कि उनके घर के सामने तो झुग्गियां भी नहीं है और सड़क के उस पार झुग्गी थी वहां लट्ठ कूटने के बाद नदिया पार वाले चौधरी ने कई महीने डासना जेल में ही बिताये। अब ऐसा क्या हो गया कि झुग्गियों को लेकर चौधरी साहब एक्शन मोड में है। जब वो मेयर थे झुग्गियां तो तब भी थी और साहिबाबाद थाने का पुराना रिकार्ड बता देगा कि अवैध बांग्लादेशी पकड़े भी गये और जेल भी गये। ये सब कुछ आॅन रिकार्ड है लेकिन तब वो क्यों साईलेंट थे। फूल वालों ने ही कहा कि हमने माना कि झुग्गियां पहले भी थी लेकिन दिखी तो उन्हें अब हैं। आप उनकी एडवाईज पर ध्यान दो और उनके जज्बे को अदरवाईज मत लो। अगर वो अवैध घुसपैठियों का मामला उठा रहे हैं तो ये झुग्गियों के होने या ना होने से बड़ा मामला है।

विधानसभा चुनाव से पहले घोषित हो जायेगी कांग्रेस की टीम
हाथ वालों ने अपने जिला और शहर कप्तान ही बदल दिये। अब उन्होंने पूर्व पार्षद को सिटी की कमान दी और डासना वालों को जिला सौंप दिया। जिले का तो पता नहीं लेकिन शहर में अभी तक टीम के गठन की ही बात हो रही है। वार्ड, बूथ, सक्रिय और समर्पण जैसे शब्द आये तो पुराने कांग्रेसी ने ही तफरी ली। उसने कहा कि समर्पित तो समझ में भी आता है लेकिन सक्रिय तो वो भी नहीं थे जिन्हें कमान सौंपी है। उसने कहा कि जितना बारीक चरखा यहां चल रहा है उस हिसाब से मुझे लगता है कि वर्ष 2027 के चुनाव से पहले टीम घोषित हो जायेगी। हो सकता है कि 4 दिन पहले टीम घोषित हो और 4 दिन बाद उम्मीदवार घोषित हो। ऐसा भी हो सकता है कि उम्मीदवार पहले घोषित हो जाये और टीमों की घोषणा चुनाव वाली प्रेस कान्फ्रेंस में ही पड जाये। एक तो यहां पहले ही कार्यकर्ता नहंी मिल रहे और ऊपर से बड़े नेताओं ने जो तकमिन्ने काट रखे हैं उससे लगता है कि चुनाव के उम्मीदवार की घोषणा और महानगर अंौर जिले की टीम की घोषणा एक साथ ही ना जो जाये।

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जेद्दाह में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी पर जोर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचे, जहां उनका दो दिवसीय राजकीय दौरा शुरू हुआ। पीएम मोदी का विमान जैसे ही सऊदी अरब की वायुसीमा में प्रवेश किया, उसे रॉयल सऊदी एयर फोर्स के लड़ाकू विमानों ने विशेष सम्मान के रूप में स्कॉट किया। जेद्दाह पहुंचने पर उन्हें 21 तोपों की सलामी देकर भव्य स्वागत किया गया। यह यात्रा सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के निमंत्रण पर हो रही है। इस दौरान पीएम मोदी और प्रिंस सलमान मिलकर भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी परिषद (Strategic Partnership Council) की दूसरी लीडर्स मीटिंग की संयुक्त अध्यक्षता करेंगे।

गौरतलब है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी सऊदी अरब यात्रा है, इससे पहले वे 2016 और 2019 में वहां जा चुके हैं। 2016 की यात्रा के दौरान उन्हें सऊदी अरब का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “किंग अब्दुलअजीजी सैश” प्रदान किया गया था। उनके पहले के सभी प्रधानमंत्रियों ने मिलाकर सात दशकों में कुल तीन बार सऊदी अरब की यात्रा की थी, जबकि मोदी अकेले तीन बार आ चुके हैं।

सऊदी अरब के साथ भारत का व्यापारिक संबंध लगभग 43 अरब डॉलर का है, और इस यात्रा में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को भी और मजबूत करने की योजना है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पहले ही संकेत दिया था कि भारत और सऊदी अरब के बीच रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण समझौते संभव हैं। वहीं जेद्दाह में भारतीय समुदाय में भारी उत्साह देखा गया, जहां पारंपरिक और रंग-बिरंगे स्वागत की तैयारियां चल रही हैं। यह दौरा प्रधानमंत्री मोदी की खाड़ी क्षेत्र की 15वीं यात्रा भी है, जो भारत की इस्लामिक दुनिया के साथ बढ़ती कूटनीतिक और आर्थिक साझेदारी को दर्शाता है।

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BJP प्रदेशाध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर के खिलाफ शिकायत दर्ज, मंदिर में तोड़ा था ये नियम

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर एक नए विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। उन पर केरल के प्रसिद्ध गुरुवायुर मंदिर में नियमों का उल्लंघन कर वीडियो शूट करने का आरोप लगा है। इस मामले को लेकर केपीसीसी मीडिया पैनलिस्ट वी आर अनूप ने मंदिर की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
मंदिर में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर किया था पोस्ट
शिकायत में कहा गया है कि राजीव चंद्रशेखर ने मंदिर परिसर के नादपंथल और दीपस्तंभम के सामने वीडियो फिल्माया और उसे सोशल मीडिया पर साझा किया, जबकि मंदिर प्रशासन और केरल हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक इन हिस्सों में आमजन को वीडियो बनाने की अनुमति नहीं है। अदालत ने स्पष्ट किया था कि केवल शादियों और कुछ विशेष धार्मिक आयोजनों के समय ही वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दी जा सकती है।
हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन
राजीव चंद्रशेखर का यह कृत्य नियमों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के आदेशों का भी उल्लंघन माना जा रहा है। यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी गर्मा गया है, जहां विपक्षी दल इसे धार्मिक परंपराओं और नियमों का अनादर बता रहे हैं। केरल कांग्रेस नेताओं ने इसे द्वैध आचरण करार देते हुए बीजेपी के ‘सांस्कृतिक मूल्यों के सम्मान’ के दावे पर सवाल खड़े किए हैं।
अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि मंदिर प्रशासन और राज्य पुलिस इस शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं। वहीं, बीजेपी की ओर से अब तक इस मसले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए यह मुद्दा केरल की राजनीति में नया मोड़ ले सकता है।

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