Connect with us

देश

वक्फ संशोधन कानून: ‘ये धार्मिक मामलों में दखल है’, SC में बोले कपिल सिब्बल

Published

on

नई दिल्लीः वक्फ कानून में बदलाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई सभी याचिकाओं पर दो बजे सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्‍ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने मामले में सुनवाई की। इस दौरान वक्फ से संबंधित सभी मामले नहीं सुने गए। मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने कहा कि यह कानून धार्मिक मामलों में दखल देता है। साथ ही यह बुनियादी जरूरतों का अतिक्रमण करता है। सिब्बल ने इस मामले में अनुच्छेद 26 का हवाला दिया। इसे पहले कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था कि आपके तर्क क्या हैं?
चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से कहा कि समय कम है। इसलिए आप याचिका की मुख्य मुख्य और बड़ी बातें बताएं। सिब्बल ने कहा कि सेंट्रल वक्फ काउंसिल 1995 के अनुसार, सभी सदस्य मुस्लिम थे। मेरे पास एक चार्ट है। चार्ट में दिख रहा है कि हिंदू या सिख धर्मार्थ संस्थानों में, सदस्य हिंदू या सिख ही होते हैं। ये नियम का सीधा उल्लंघन है। उनके अनुसार, ये 20 करोड़ लोगों के अधिकारों का संसदीय अतिक्रमण है।
चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने दूसरे प्रावधान को देखने को कहा। उन्होंने कहा कि क्या इसका मतलब है कि पूर्व-अधिकारी को छोड़कर सिर्फ दो सदस्य ही मुस्लिम होंगे? सिब्बल ने नियम S.9 की तरफ ध्यान दिलाया, उन्होंने कहा कि कुल 22 सदस्य होंगे, जिनमें से 10 मुस्लिम होंगे। वहीं जस्टिस विश्वनाथन का कहना है कि प्रॉपर्टी को धर्म के साथ नहीं मिलाना चाहिए। प्रॉपर्टी का मामला अलग हो सकता है। सिर्फ प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट धार्मिक मामलों में आ सकता है। बार-बार ये कहना ठीक नहीं है कि ये ज़रूरी धार्मिक काम है।

सिब्बल ने कहा कि पहले कोई रोक-टोक नहीं थी। बहुत सी वक्फ संपत्तियों पर लोगों ने कब्ज़ा कर लिया था। CJI ने कहा कि लिमिटेशन एक्ट के अपने फायदे हैं। सिब्बल ने एक अलग बात कही। उन्होंने कहा कि कानून कहता है कि मुझे 2 साल के अंदर दावा करना होगा। कई संपत्तियां तो रजिस्टर्ड भी नहीं हैं, तो मैं कैसे दावा करूं? CJI खन्ना ने कहा, “आप यह नहीं कह सकते कि अगर आप लिमिटेशन पीरियड लगाते हैं, तो यह असंवैधानिक होगा।” इसका मतलब है, समय सीमा लगाना गलत नहीं है। सिब्बल का कहना है कि इस नियम से वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़ा करने वालों को फायदा होगा। वे अब प्रतिकूल कब्ज़े का दावा कर सकते हैं। यानी, वे कह सकते हैं कि वे लंबे समय से उस संपत्ति पर कब्ज़ा किए हुए हैं, इसलिए अब वह उनकी हो जानी चाहिए।

जस्टिस एम.एम. सुंदरेश अदालत में नहीं रहे। इसलिए, अदालत नंबर 8 में जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच के लिए सूचीबद्ध मामले अब जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने सुनी। वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस संबंध में 73 याचिकाएं दायर की गई हैं।

किन किन की याचिका पर सुनवाई
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, RJD सांसद मनोज कुमार झा और TMC सांसद महुआ मोइत्रा जैसे कई लोगों ने याचिका दायर की है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलेमा-ए-हिंद भी याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, YSRC पार्टी और समस्ता केरल जमीअतुल उलेमा ने भी याचिका दायर की है। दिल्ली के MLA अमानतुल्लाह खान, SP सांसद जिया उर रहमान और बेंगलुरु के जामा मस्जिद के इमाम भी याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, TVK अध्यक्ष और तमिल अभिनेता विजय और एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स आदि भी याचिका दायर करने वालों में शामिल हैं।

वहीं राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, असम, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ राज्यों ने इस अधिनियम का समर्थन करते हुए हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की हैं। केंद्र सरकार ने भी एक कैविएट दाखिल किया है। इसका मतलब है कि सरकार को इस मामले में कोई भी फैसला लेने से पहले सूचित किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर
इस मामले में केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दायर की है। याचिका में केंद्र ने कोर्ट से अपील की है कि वह इस मामले में कोई भी आदेश पारित करने से पहले केंद्र सरकार की दलील भी सुने। केंद्र सरकार का कहना है कि अदालत को बिना सुनवाई के कोई एकतरफा आदेश पारित नहीं करना चाहिए। केंद्र सरकार ने कैविएट याचिका में स्पष्ट किया है कि उसे इस महत्वपूर्ण मामले में अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर मिलना चाहिए, ताकि अदालत द्वारा कोई भी निर्णय पारित करते समय केंद्र की दलील भी शामिल हो सकें।

कानून पर लग चुकी है राष्ट्रपति की मुहर
बता दें कि संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल चुकी है। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

देश

हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

Published

on

By

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.

बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.

पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.

जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.

माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.

Continue Reading

देश

‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

Published

on

By

नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।

Continue Reading

देश

IPL: GT ने KKR को 39 रनों से हराया, शुभमन गिल रहे मैच के हीरो

Published

on

By

गुजरात टाइटंस ने केकेआर को आईपीएल 2025 के 39वें मैच में 39 रन से मात दी। ईडन गार्डन्स में खेले गए इस मैच में मिली जीत के बाद गुजरात की टीम अंक तालिका में टॉप पर है, जबकि केकेआर की टीम लगातार दो मैचों में मिली हार के बाद 7वें पायदान पर है।
मैच में पहले बैटिंग करते हुए गुजरात की टीम ने केकेआर को 199 रन का लक्ष्य दिया। गुजरात के लिए शुभमन गिल ने 90 रन और साई सुदर्शन ने 52 रन की कमाल की पारियां खेली। जोस बटलर के बल्ले से 41 रन निकले। मैच के बाद शुभमन गिल को उनके शानदार परफॉर्मेंस के लिए प्लेयर ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। इस दौरान उन्होंने क्या कहा आइए जानते हैं?
Shubman Gill ने प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीतने के बाद क्या कहा?
दरअसल, गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल (GT Captain Shubman Gill) को टी20 में ये 12वीं बार रहा जब उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया। इस दौरान उन्होंने एक खास रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। 25 की उम्र में गिल सबसे ज्यादा टी20 मैन ऑफ द मैच अवॉर्ड जीतने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए। इस दौरान उन्होंने विराट कोहली को पछाड़ा दिया, जिन्होंने 25 साल की उम्र तक 11 बार ही ये अवॉर्ड जीता था।
बता दें कि आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस शानदार फॉर्म में चल रही है। गुजरात ने अब तक 8 मैचों में से 6 मैच में जीत हासिल की है और वह अंक तालिका में नंबर 1 पर है। केकेआर के खिलाफ खेले गए मैच में गुजरात को 39 रन से जीत मिली।
Shubman Gill ने अपने मास्टर प्लान का किया खुलासा
मैच के बाद गिल पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के दौरान गिल बेहद खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि टीम के इस प्रदर्शन से मैं काफी खुश हूं। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने को देखते हैं और कोशिश करते हैं कि अंत तक खेलते हुए टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचा सके। इस फॉर्मेट में काफी कुछ बात करने को होता है और हम उस पर विचार करते हुए सीखने की कोशिश करते हैं।

Continue Reading

Trending