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लेन-देन के विवाद में युवक का काटा गला

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लखनऊ। लखनऊ में एक युवक का कबाब पराठे की दुकान पर लेन-देन के विवाद में चाकू से गला काट दिया गया। युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है। यह घटना लखनऊ के एक व्यस्त इलाके में हुई। युवक कबाब पराठे की दुकान पर खाना खाने गया था। जब वह पैसे देने लगा तो दुकानदार से उसका विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि दुकानदार ने युवक पर चाकू से हमला कर दिया। चाकू युवक के गले में लगा और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

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24 दलितों की हत्या का मामला: मैनपुरी कोर्ट ने 3 दोषियों को दी फांसी की सजा

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लखनउ। फिरोजाबाद के दिहुली हत्याकांड के 44 साल बाद मंगलवार को फैसला आया। साल 1982 में डकैतों के गिरोह ने दलितों के गांव पर हमला बोल दिया था और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर 24 लोगों की हत्या कर दी थी। जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। दलित हत्याकांड मामले में अब कोर्ट ने 3 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 50-50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले 11 मार्च को मैनपुरी कोर्ट में स्पेशल जज ने तीनों हत्यारोपियों को दोषी ठहराया था।
अपर सत्र न्यायाधीश इंदिरा सिंह ने मंगलवार को दोपहर साढ़े तीन बजे फांसी की सजा सुनाई। तीनों ही आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस हत्याकांड में 18 नवंबर 1981 को जसराना के ग्राम दिहुली में 24 लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। फैसला आने के बाद तीनों ही आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
कोर्ट ने नरसंहार को बेहद जघन्य माना
न्यायाधीश ने अपने आदेश में लिखा है कि हत्यारों को गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जब तक कि इनकी मृत्यु न हो जाए। तीनों दोषियों की उम्र 75 से 80 साल है। इस हत्याकांड में कुल 20 हत्यारोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। जिसमें से 13 आरोपियों की मौत हो चुकी है और फरार चल रहे चार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने स्थाई वारंट जारी कर रखे हैं। मामले की पैरवी एडीजीसी रोहित शुक्ला द्वारा की गई।

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आना पड़ा था दिहुली
दिहुली में जब 44 साल पहले नरसंहार हुआ तब प्रदेश की सरकार हिल गई थी उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, ‌गृहमंत्री बीपी सिंह, मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी और विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेई भी पीडितों का दर्द बांटने‌ देहुली पहुंचे थे। फिरोजाबाद जनपद क्षेत्र के थाना जसराना क्षेत्र का गांव दिहुली मे जव 18 नवंबर 1981 को संतोष सिंह उर्फ संतोषा और राधेश्याम उर्फ राधे के गिरोह के द्वारा दलित समाज के लोगों के ऊपर हमला कर सामूहिक नरसंहार के जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। उसे समय वह क्षेत्र मैनपुरी का हिस्सा हुआ करता था।

चश्मदीदों ने बताया हत्याकांड
मामले में मुख्य चश्मदीद गवाह बनवारी लाल ने बताया किउनके पिता ज्वाला प्रसाद की सबसे पहले खेत मे‌‌ आलू की खुदाई करते समय गोलियों से भून कर हत्या की गई थी। उसके साथ उनके बड़े भाई मनीष कुमार और भूरे सिंह और चचेरे भाई मुकेश की हत्या हुई थी। वह काफी दबाव के बाद भी अंतिम समय तक अपनी गवाही पर कायम रहे। ‌उन्हें इस बात का संतोष है कि देर से सही लेकिन उन्हें इंसाफ मिला है। आरोपियों को फांसी मिलनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि अधिकांश पीड़ित परिवार गांव से पलायन कर गए हैं केवल तीन परिवार ही गांव में रह रहे हैं। 90 वर्ष की जय देवी का कहना है कि अपने परिवार के लोगों के खोने का दर्द अभी भी नहीं भूल पाए हैं, न्याय मिलने में बहुत देरी हुई है। उन्होंने हमलावरो से छिपकर अपनी जान बचाई थी।

दिहुली निवासी लायक सिंह ने सामूहिक नरसंहार की रिपोर्ट राधेश्याम उर्फ राधे संतोष सिंह उर्फ संतोषा समेत 17 लोगों के खिलाफ‌ दर्ज कराई गई थी। ‌दलित समाज के महिला पुरुष तथा बच्चो‌ं का शाम के समय पुलिस की वर्दी में पहुंचे डकैत के गिरोह के लोग जो हथियारों से लैस थे उनके द्वारा सामूहिक सत्याकांड को अंजाम दिया गया था।

मैनपुरी की विशेष डैकती कोर्ट में चल रहा था केस
सामूहिक दलित समाज के हत्याकांड के पीछे बदमाशों के गिरोह की मुखबिरी और गवाही का मामला मुख्य रूप से सामने आया था। जिसको लेकर नाराज बदमाशों ने बदले की भावना से गांव में पहुंचकर हमला किया था। मामले की सुनवाई मैनपुरी जिला न्यायालय में चल रही थी जो बाद में हाई कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद के सेशन कोर्ट में अक्टूबर 2024 तक ट्रायल चला था। जिला जज के आदेश पर अक्टूबर 2024 में संबंधित मामले को मैनपुरी की विशेष डकैती कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था।

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महाकुंभ में वसंत पंचमी के बाद भी नहीं कम हो रही जन आस्था

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40 करोड़ के पार पहुंची श्रद्धालुओं की संख्या

प्रयागराज। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में वसंत पंचमी के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हो रही है। अभी भी बड़ी संख्या में लोग संगम में डुबकी लगाने के लिए आ रहे हैं और यह संख्या 40 करोड़ के पार पहुंच गई है। मेले में वाहनों का प्रवेश भी रोक दिया गया है। मां गंगा, मां यमुना और अदृश्य मां सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब एक नए शिखर पर पहुंच गया है। इसी क्रम में शुक्रवार तक स्नान करने वालों की संख्या 40 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है। अभी महाकुंभ 19 दिन शेष है और पूरी उम्मीद है कि स्नान करने वालों की संख्या 50 करोड़ के पार जा सकती है।

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महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर से लगी आग

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प्रयागराज। महाकुंभ मेला क्षेत्र में फिर से आग लग गई है। मेले में शंकराचार्य मार्ग पर सेक्टर-18 में कई पंडाल जल गए। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची। हादसा हरिहरानंद के शिविर में हुआ। आग लगने के बाद चारों तरफ बैरिकेडिंग की गई। एसपी सिटी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया। कोई जनहानि नहीं हुई। जांच की जा रही है।

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