गरम मसाला
रैकिंग में फेलियर थानों पर कैसे पास

पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद में रैकिंग को लेकर हर महीने रिपोर्ट कार्ड आता है। कभसी इसमें कोई टॉप पर रहता है तो कभी कोई नजर आता है। पर सवाल उठ रहा है कि हर महीने थानावार रैंकिंग रिपोर्ट आती है। रैंकिंग रिपोर्ट में कई तरीके के मापदंड रखे जाते हैं, पर सवाल हो रहा है कि जो लगातार रैंकिंग में फेलियर साबित हो रहे हैं, वह थाने पर कैसे पास हो रहे हैं। बीते दिनों लंबे समय से नदिया पार का एक थाना और सिटी का एक थाना रैंकिंग वाली रिपोर्ट में बॉटम तीन में बने हुए हैं। कभी वह बेहद खराब प्रदर्शन करते हैं। तो कभी उनकी वर्किंग पर सवाल उठाए जाते हैं, पर लगातार फेलियर लिस्ट में शामिल होने वाले थाना प्रभारी पर किसकी कृपा बनी हुई है, यह सवाल उठ रहा है। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद वाले सूत्र स्थान और कार्यालय में चर्चा इस बात की हुई है कि जो रैंकिंग में फेल हैं, वह थाने के संचालन में पास किस वजह से हो रहे हैं। इसकी भी चर्चा होनी चाहिए, उधर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि बीते दिनों लाइन वाली एक मीटिंग में भले ही एक थानाध्यक्ष को अल्टीमेट आइटम दिया गया हो लेकिन अभी तक वह अपनी पारी खेल रहे हैं। वहीं बीते दिनों आई चार थानों के बदलाव वाली लिस्ट में कहीं पर उनका जिक्र नहीं हुआ, तो जिस तरीके से देहात में सबसे लंबी पारी खेलने वाले एक थानाध्यक्ष को फिर कठिन माने जाने वाले जोन में भेजा गया है। इसकी भी चर्चा नहीं थम रही है, वहीं सिटी से सीधे देहात में जंप लगाने वाले थानाध्यक्ष ने अपने गुड वर्क से कई जवाब दिए हैं। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में लाइन पार और नदिया पार के दो थानों पर कृपा वाला सीन क्यों चल रहा है ,इसकी चर्चा दोनों जोन में हो रही है। वैसे पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम वाले सूत्र कह रहे हैं कि जब वह बड़ा फाउल करने के बाद सबसे बड़े वाले थाने में तीन महीने काट गए थे, तो अब तो मामला इन हाउस वाला ही है। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद में रैंकिंग रिपोर्ट को लेकर कभी थाना प्रभारी और एसीपी स्तर के अधिकारियों में टेंशन वाली स्थिति में आ जाते थे लेकिन जब रैंकिंग में फेल होने वालों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तो वह अब कूल चल रहे हैं। कुल मिलाकर देखना यह होगा की रैंकिंग में फेलियर थाने वाले फील्ड में पास हो रहे हैं, तो उसके पीछे की वजह क्या है।
गरम मसाला
मार्च में फिर जांएगे 2015 बैंच वाले

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में बड़ी संख्या में टू-स्टार मौजूद हैं। तो वहीं कमिश्नरेट वाले सूत्रों के बीच से जानकारी मिली है कि मार्च के महीने में फिर 2015 बैच वाले कई टू-स्टार अलग-अलग जिले और कमिश्नरेट में रवाना किए जाएंगे। इन सबके बीच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम के सूत्रों से जानकारी मिली है कि बीते दिनों इस बैच के छह टू-स्टार भेजे गए, तो वहीं कई और इसी माह भेजे जाने वाले हैं। सूत्र बता रहे हैं कि थाने पर जमे टू-स्टार अभी लंबी पारी खेल सकते हैं। सुनने में आ रहा है कि नदिया पार में इस बैच के जो टू-स्टार हैं, वह लंबा चार्ज चलाएंगे। सुनने में आया है कि उनके जोन और सर्किल वाले साहब उनकी वर्किंग से संतुष्ट हैं और यही वजह है कि उनपर कृपा लंबी बनी रह सकती है। इन सबके बीच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि होली के रंग के बाद एक बार फिर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में चौकी प्रभारियों वाली लिस्ट को लेकर मंथन शुरू होगा और उनको आउट किया जाएगा। सुनने में आ रहा है कि कई चौकी प्रभारी ऐसे हैं। जिनकी उनके इलाके वाले एसीपी ने रिपोर्ट बना ली है और अब उनको साइड लाइन किया जा सकता है। इन सबके बीच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में इन दिनों वह थ्री-स्टार परेशान चल रहे है,ं जो या तो लाइन में है या वह साइड लाइन है ं। वर्तमान में पुलिस कमिश्नरेट में 10 से अधिक थाने ऐसे हैं जहां टू-स्टार कुर्सी पर विराजमान हैं। उनके कुर्सी पर विराजमान होने की वजह से उस थाने के अन्य काम टू-स्टार ही देख रहे हैं। तो वहीं एक थाने में तो थ्री-स्टार से सीनियर थ्री-स्टार भी मौजूद है। हालांकि पुलिस के अधिकारी कह रहे हैं कि ऐसा कई बार हो जाता है, पर लाइन और साइड लाइन चल रहे थ्री-स्टार अभी इस स्थिति को देख रहे हैं कि उनका नंबर कब आता है। पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि कई थ्री-स्टार तो ऐसे हैं, जो अपनी यहां शानदार पारी खेल चुके हैं, पर आजकल वह लाइन और साइड लाइन का शिकार चल रहे हैं। वहीं पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि 15 मार्च के बाद फिर 2015 बैच वाले दर्जनभर से अधिक टू-स्टार यहां से बाहर भेजे जाएंगे। उनकी डेट लगभग तय मानी जा रही है और फिर 31 मार्च तक भी यही सीन दोहराया जाने वाला है। कुल मिलाकर कहा जाए तो मार्च के महीने में अभी 2015 बैच वाले टू-स्टार जल्द ही बाहर भेजे जाएंगे।
गरम मसाला
होली से पहले फिर आएगी एक छोटी लिस्ट

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि आने वाले दिनों में कई स्तर की सूचनाओं के आउट होने की जानकारी आ रही है। कोई कह रहा है कि होली से पहले पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में एक छोटी तबादला लिस्ट आएगी। तो लखनऊ वाले सूत्रों ने कहा है कि आईपीएस स्तर के अधिकारियों की बंपर तबादला लिस्ट से पूरे प्रदेश में बड़े परिवर्तन की चर्चा सुनाई दे रही है। तो सूत्र कह रहे हैं कि एनसीआर को लेकर भी कई सूचनाएं आने वाली हैं। वहीं लोकल वाले सूत्र कह रहे हैं कि इस लिस्ट में कुछ चौकी प्रभारी बदले जा सकते हैं। तो वहीं सिटी और नदिया पार को लेकर भी कुछ सूचना सुनाई दे सकती हैं। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्र बता रहे हैं कि जिस तरीके से अचानक से एसीपी स्तर वाली लिस्ट आई थी, वैसे ही चौकी प्रभारियों और छोटे बदलाव वाली लिस्ट भी इसी प्रकार रवाना की जाएगी। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र जानकारी दें रहे हैं कि 2015 बैंच वालों एक दल को होली के बाद रवाना किया जाया जाएगा। देखना होगा इसमें थाने वाले प्रभारी जाते हैं, ऐसी पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के सूत्रों से जानकारी मिल रही है। वहीं सुनने में आ रहा है कि जिस तरीके से देहात के एक सर्किल में एसीपी की मजबूत बैटिंग वाला मामला सुनाई दे रहा था, उसकी गूंज कई और कार्यालयों तक पहुंच गई है। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्र यह जानकारी दे रहे हैं कि जो साइड लाइन वाले एसीपी साहब लोग हैं वह आजकल एक ही कार्यालय में एक साथ चाय पर चर्चा कर रहे हैं। तो वहीं इसी कार्यालय की बगल वाली एक बिल्डिंग में वह थ्री-स्टार हैं जो अपने-अपने थानों से हटाए गए थे। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्रों पर भरोसा किया जाए तो लखनऊ वाली लिस्ट को लेकर अभी भी चर्चाएं तेज हैं। सूत्र बता रहे हैं कि लखनऊ वाली लिस्ट पर फाइनल महाराज जी के कार्यालय और उनकी अनुमति से आएगा। सुनने में आ रहा है कि नियुक्ति वालों ने अपनी ओर से जो लिस्ट बनाई थी, उसमें कई नाम पर लगभग स्थिति फाइनल हो गई है। कुछ नाम को लेकर संशय है, तो उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में किस-किस स्तर के अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में बदलाव होता है, इस लिस्ट से साफ हो पाएगा।
गरम मसाला
जुबान संभाल के

हम गोवा तीर्थ पर गये थे तो वो मिजोरम में हज पर गये थे क्या
हिडंन एयरपोर्ट से मार्च की पहली तारीख को जब गोवा के लिये विमान उड़ा तो इस विमान में गाजियाबाद के भाजपाईयों ने भी गोवा के लिये प्रस्थान किया। उधर लंच चल रहा था और इधर सोशल मीडिया पर पंच चल रहा था। मिजोरम यात्रा पर जा चुके एक पूर्व विधायक जी ने गोवा यात्रा को तीर्थ यात्रा का दर्जा दिया। उनके इस लहजे पर जब उधर वालों को टटोला तो आफ द रिकार्ड कोई बोला। उन्होने कहा कि चलो माना कि हम सब गोवा नामक तीर्थ स्थान पर गये थे लेकिन वो भी तो बता दे कि मिजोरम में वो क्या हज करने गये थे। याद दिलाने वालों ने याद दिलाते हुये बताया कि कभी उन्होने ही चाय के निमंत्रण पर पूछ लिया था कि हू इज मिसेज सिंह और अब उन्ही की जुबान नही थकती है गीत गाते हुये। अगली बार उन्हे भी ले जायेगें तब वो तीर्थ यात्रा नही बतायेगें।
आईपीएल का केसरिया सटोरिया भर लेगा इस बार तो बोरिंया
आईपीएल क्रिकेट वाले सटटे का रंग हर जगह बिखर रहा है। वो होली वाली गली हो या हो एक्सटेंशन का फ्लैट हो सब जगह बुकी पंटर मिलेगें। बजरिया का भटूरा हो या बैंक के सामने चाय वाला हो सभी का इस फिल्म में रोल है। मार्च के महीने में होली के बाद जब आईपीएल आयेगा तो सटोरियों की चांदी होगी। सुना है कि पुलिस के बड़े साहब तो गजब का नेटवर्क रखते हैं तो देखना होगा कि आईपीएल के सीजन में पुलिस इलेवन जीतती है या सटोरिया एकादश आईपीएल सटटे की ट्राफी उठायेगा। एक बार पुलिस लिस्ट ही चैक कर ले तो कसम से कहानी में एडवांस में ही टवीस्ट आ जायेगा। हम बतायेगें सटोरिया इलेवन के वो नाम जिनसे शहर पुलिस रही है अभी तक अंजान किस सटोरिये ने पिछले सीजन में नई कार खरीदी थी और किस सटोरिये को इतना लास हुया था कि उसे फ्लैट बेचना पड़ गया था। शहर का एक प्रमुख केसरिया सटोरिया तो आईपीएल के सीजन 2025 में इस बार नोटों की बोरिया भरने की तैयारी में हैं।
ठेकेदार ने क्यों कह दिया फोन पर कि सुनो मेंबर कंट्रोल योर एंगर
विकास की फाईल अवर अभियंता ओर ठेकेदार तैयार करते हैं। भुगतान के लिये चीफ और बड़े साहब हैं। मगर स्टाईल सबसे ज्यादा मौहल्ला प्रधान में मिलेगा और इसकी वजह भी हैं। मौहल्ला प्रधान ने ही प्रस्ताव तैयार किया या उसे तैयार प्रस्ताव मिला और उसकी सहमति के बाद ही बात आगे बढ़ी। विकास की पहली र्इंट के साथ ही शिकायत का रोड़ा फूल वाले ही अटका रहे हैं। सितम ये है कि फूल वाले पार्षद काम करा रहे हैं और फूल वाले पूर्व पार्षद ही शिकायत कर मामले की जांच करा रहे हैं। फूल वाले पूर्व और वर्तमान पार्षद की इस तकरार के चलते ठेकेदार ने काम रोक दिया। पहले पूर्व ने फोन किया और फिर वर्तमान ने फोन किया और जब टोन चेंज हुई तो ठेकेदार ने साफ कह दिया कि सुनो मेंबर अपने एंगर पर कंट्रोल रखना अगर हमारे बोल बिगड़े तो तुम से कंट्रोल नही होगें। सुना है कि ठेकेदार ने साफ साफ कह दिया कि ये वाला काम मुझे बाकायदा टेंडर से मिला है और काम की रिपोर्ट जेई साहब तैयार करेगें और सुनो तुम्हारे बस का तो भुगतान कराना भी नही हैं। वो काम भी महकमें के साहब करेगें।
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