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ग़ाजियाबाद

योगी सरकार के मंत्री सुनील शर्मा ने नंगे पैर चलकर लगाई महाकुंभ में आस्था की डुबकी

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कहा- जनता को ना हो परेशानी और मैं कभी गंगा में नाव में भी नहीं बैठा जूते पहनकर

गाजियाबाद । ये आस्था है, ये श्रद्धा है, ये सनातन संस्कृति है और ये अपने धर्म के प्रति एक व्यवहार है। देश में सबसे ज्यादा वोटों से चुनाव जीतकर विधायक बनें और मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा सनातन संस्कृति के प्रति शुरू से ही समर्पित रहे हैं। रोजाना पूजा-पाठ उनकी दिनचर्या का हिस्सा है।
अपनी मां की सेवा करना और गऊसेवा करना उनका नित्य का काम है। वह रोजाना पूजा-प्रार्थना करते हैं। बीते दिनों उन्होंने राम कथा में कथावाचक के ना आने पर व्यास गद्दी को संभाला था और घंटों तक प्रभु श्रीराम के जीवन को लेकर चर्चा की थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट के ये मंत्री एक बार फिर गंगा किनारे आस्था और श्रद्धा से लबरेज दिखाई दिये। इस बार वो गंगा की रेत पर नंगे पैर चल रहे थे। ये सफर कुछ मीटर का नहीं बल्कि डेढ़ किमी. का था।

कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा गंगा की रेत पर लगभग डेढ़ किमी पैदल चले और फिर उन्होंने आस्था की डुबकी लगाई। हर कोई सरकार के कैबिनेट मंत्री को गंगा तट पर नंगे पैर पैदल चलते देखकर हैरान था। सब यही सोच रहे थे कि जिनके पास कार से सीधे घाट तक जाने की व्यवस्था है वो मंत्री बिना किसी लाव लश्कर के, बिना किसी दिखावे के नंगे पैर पैदल क्यों जा रहे हैं। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने इसकी वजह भी बताई और ये वजह पूरी तरह आस्था-श्रद्धा से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि मैं कभी भी गंगा नदी में स्रान करने गया हूं तो मैं कभी भी गंगा नदी में नाव में भी जूते पहनकर नहीं बैठता। मैं हमेशा नंगे पैर बैठता हूं। ये मेरी जीवनदायिनी, पतितपावनी गंगा मां के प्रति आस्था है। मैं कभी गंगा नदी में नाव में भी जूते पहनकर नहीं बैठा हूं। यदि मैं जूते पहनकर जाता तो फिर नाव में भी जूते पहनकर बैठना पड़ता, इसलिए मैं जूते पहनकर नहीं गया था।
जनता को ना हो परेशानी इसलिए पैदल चलने में मुझे हुई आसानी
दैनिक करंट क्राइम ने कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा से उस वीडियो को लेकर बात की जिसमें वो संगम तट पर नंगे पैर जाते दिखाई दे रहे हैं। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है कि यह वीडियो कब और किसने बनाया, लेकिन उन्होंने करंट क्राइम से नंगे पैर और पैदल जाने का पूरा मामला बताया। उन्होंने बताया कि सर्किट हाउस से वीआईपी घाट तक जाने के लिये आमतौर पर कार से जाते हैं। लेकिन मैंने ये महसूस किया कि भीड़ ज्यादा है और इससे लोगों को परेशानी हो सकती है। मुझे सिक्योरिटी ने कहा भी कि कार निकल जाएगी, लेकिन मैंने कह दिया कि लोगों को परेशानी होगी। अगर मेरी कार से लोगों को परेशानी है तो मैंने नंगे पैर पैदल चलने में आसानी समझी। नंगे पैर चलने का प्रश्न मेरी आस्था से जुड़ा है। मैं कभी भी नाव में भी खासतौर से गंगा नदी में जूते पहनकर नहीं बैठता हंू और इसलिए मैं अपने जूते कार में ही छोड़ गया था और पैदल चलने का मुद्दा जनता से जुड़ा है। मैं जनता का सेवक हूं, मुझे सबसे बड़ा जनादेश जनता ने दिया है और जनता की सुविधा मेरे लिये सर्वप्रथम है।

मां की गोद में चल रहा था मैं तो थकान कैसी
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा सरकार के वो चेहरे हैं जो सनातन संस्कृति का एक संदेश अपनी जीवनचर्या से देते हैं। उन्हें अपने धर्म गं्रथों की बातें जुबानी याद है। उन्हें मंत्र कंठस्थ हैं। वो सनातन संस्कृति की बारीकियां जानते हैं। वो परिवार नामक संस्था की पवित्रता जानते हैं। वो मां की सेवा, मां के चरणों का महत्व जानते हैं। जब ये सवाल हुआ कि नंगे पैर डेढ़ किमी चलने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई, इस पर कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कहा कि कोई बच्चा अपनी मां की गोद में चलते हुए कैसे थक सकता है। उन्होंने कहा कि गंगा हमारे लिये एक नदी नहीं सबसे बड़ी आस्था है। वो हमारे लिये गंगा मां है और मैं गंगा की रेत पर मानों अपनी मां की गोद में चल रहा था तो थकान का तो मतलब ही नहीं है। उन्होंने कुंभ स्रान के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अपने परिवार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अमृत स्रान का पहला सौभाग्य मुझे सीएम योगी आदित्यनाथ की कृपा से मिला जब उनके साथ कुंभ स्रान का सौभाग्य प्राप्त हुआ और दूसरी बार मुझे मेरे परिवार ने यह सौभाग्य प्रदान किया जब पूरे परिवार के साथ महाकुंभ त्रिवेणी स्रान का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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ग़ाजियाबाद

भाजपा महानगर मंडल प्रवासियों की लिस्ट जारी

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महामंत्री-पूर्व अध्यक्ष और पूर्व पार्षदों को मिली जिम्मेदारी

गाजियाबाद। भाजपा महानगर की मंडल प्रवासी सूची घोषित हो गई है। मंडल प्रवासियों में पूर्व महानगर अध्यक्ष, पर्व पार्षद से लेकर कई अन्य नाम शामिल हैं। भाजपा के निवर्तमान महानगर महामंत्री राजेश त्यागी को मुरादनगर देहात मंडल का प्रवासी बनाया गय है। पूर्व महामंत्री राजन आर्य वाल्मीकि को मुरादनगर शहर मंडल का मंडल प्रवासी बनाया गया है। गांधीनगर मंडल का प्रवासी भाजपा युवा मोर्चा के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रोबिन तोमर को बनाया गया है। कविनगर मंडल का प्रवासी विनोद कसाना को बनाया गया है। राजनगर मंडल का प्रवासी संजीव झा का बनाया गया है। भाजपा के महानगर उपाध्यक्ष रहे संजयकांत शर्मा को शालीमार गार्डन का मंडल प्रवासी बनाया गया है। जयकमल अग्रवाल को अर्थला -मोहननगर मंडल का प्रवासी बनाया गया है। भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व महानगर अध्यक्ष गौरव चोपड़ा को शहर मंडल का प्रवासी बनाया गया है। पूर्व पार्षद जयनंद शर्मा को खोड़ा मंडल का प्रवासी बनाया गया है। साहब सिंह सिरौही को लाजपत मंडल का प्रवासी बनाया गया है। भानू शिशौदिया को बृजविहार मंडल का प्रवासी बनाया गया है। अमित रंजन को इंदिरापुरम मंडल और अजय शर्मा को वसुंधरा मंडल का प्रभारी बनाया गया है। सच्चिदानंद शर्मा को नंदग्राम मंडल तथा नवनीत मित्तल को क्रॉसिंग मंडल का प्रवासी बनाया गया है। देवेंद्र यादव को विजयनगर मंडल का प्रवासी बनाया गया है। इसके अलावा प्रहलाद दुआ को प्रताप विहार तथा गुंजन शर्मा को खोड़ा-मकनपुर मंडल का प्रवासी बनाया गया है। सोमवार को ही बुलंदशहर में मंडलों को लेकर बैठक आयोजित हुई थी और इसी बैठक के बाद मंडल प्रवासियों की सूची जारी कर दी गई।

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ग़ाजियाबाद

मंडल गठन को लेकर हुई भाजपा की बैठक

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मंडल से लेकर सेक्टर और बूथ को करने जा रही भाजपा मजबूत

गाजियाबाद । भाजपा के सामने 2027 का चुनावी रण है। वो अब अपने कार्यकताओं की फौज को इसी चुनावी जंग के मद्देनजर तैयारी कर रही है। वो जितने भी आयाम ला रही है वो इसी चुनावी रणनीति का हिस्सा है। गाजियाबाद भाजपा का गढ़ माना जाता है। यहां लोकसभा से लेकर विधानसभा तक बड़ी जीत भाजपा को मिलती है। नगर निगम में भाजपा का ये जलवा है कि उसने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया है और 100 पार्षदों वाले सदन में 75 पार्षद उसी के बैठे हैं। अगर जनप्रतिनिधियों की बात करें तो उनके हिस्से में ये मौज ऐसे ही नहीं आई है। किसी को विधानसभा में देश की सबसे बड़ी जीत मिली है तो किसी ने लोकसभा वाले रण में लखनऊ और बनारस के मुकाबले ज्यादा बड़ी जीत हासिल की है। जनप्रतिनिधियों की इस चुनावी मौज के पीछे सबसे बड़ी ताकत उन कार्यकताओं की फौज की है जो चुनावी रण में बूथ से लेकर मंडल तक काम करती है। एक-एक वोट पर फोकस करती है। अब जब भाजपा के सामने 2027 की चुनावी तैयारी है तो यहां महानगर अध्यक्ष के रूप में मयंक गोयल के कंधों पर एक बड़ी जिम्मेदारी है। मयंक गोवल भाजपा के संगठन चक्रव् हर कला भाजपा में उनकी तारीफ भी हुई। दरअसल अब भाजपा मंडल गठन को लेकर तैयारी कर रही है। मंडल के प्रवासी घोषित हो चुके हैं और अब वह मंडल पर अपनी फौज तैनात करने जा रही है।
बताया जाता है कि मंडल से ही भाजपा सेक्टर पर फोकस करेगी और सेक्टर से वो बूथ को मजबूत करेगी। बुलंदशहर में जब संगठन बैठक हुई तो यहां प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल मौजूद थे। क्षेत्रीय अध्यक्ष सतेंद्र शिशौदिया मौजूद थे। गाजियाबाद के मंडल अध्यक्ष मौजूद थे। इस बैठक में मंडल को लेकर चर्चा हुई और जो बूथ निष्क्रिय चल रहे हैं उन्हें फिर से सक्रिय करने पर विचार हुआ। क्योंकि भाजपा ये जानती है कि जब बूथ ठीक हो जाएगा तो संगठन का ढांचा अपने आप दुरुस्त हो जाएगा। बूथ से सेक्टर और सेक्टर से मंडल मजबूत होगा।

पार्टी उत्सव का आएगा पूरा आयाम और कार्यकर्ता करेंगे काम
मंडल स्तर पर टीमें गठित होने के बाद काम ही काम रहेगा। पार्टी के पास पूरा कैलेंडर आ चुका है। पार्टी उत्सव पर कार्यक्रम होंगे, जिनमें प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन होगा, पार्टी का स्थापना दिवस होगा, मन की बात होगी, महापुरुषों के जन्मदिन होंगे और यह सब कार्यक्रम पार्टी उत्सव वाले चार्ट में आएंगे। जहां तक महानगर की घोषणा की बात है तो अभी राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा होगी, फिर प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा होगी और उसके बाद महानगर का नंबर आएगा, लेकिन तब तक संगठन अपना काम करेगा और जीत का एक चक्रव्यूह बनाएगा।
मंडल में 60, बूथ पर 2500 और 360 शक्ति केंद्र का फॉर्मूला
भाजपा अपने कप्तान मयंक गोयल की कप्तानी में भगवा गढ़ की पिच पर जबर्दस्त जीत हासिल करने के लिये मेहनत कर रही है। यहां संगठन स्तर पर मंडल पर फोकस होगा और कार्यकताओं का समायोजन होगा। उन्हें दायित्व दिये जाएंगे और यहीं से भाजपा अपने शक्तिशाली चुनावी चक्रव्यूह का गठन करेगी। प्रत्येक मंडल में 60 कार्यकताओं को कार्य का अवसर मिलेगा। ये प्रक्रिया लगभग एक हफ्ते मंग पूरी हो जाएगी। 20 मंडल हैं और एक मंडल में 60 कार्यकर्ता समायोजित होंगे तो मंडल स्तर पर ही 1200 कार्यकर्ता समायोजित हो जाएंगे। इसके बाद मंडल की मेन टीम आएगी जिसमें महामंत्री, उपाध्यक्ष पद पर कार्यकर्ता समायोजित होंगे। हर मंडल में 60 की कार्यसमिति बनेगी। इसके बाद 360 शक्ति केंद्र स्थापित होंगे जो मजबूती से काम करेंगे और 2500 बूथ पर शक्तिशाली टीम गठित हो जाएगी।

जब मयंक गोयल के मैनेजमेंट की हुई जमकर तारीफ
मयंक गोयल महानगर अध्यक्ष बनें और उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम से लेकर दुर्गा भाभी चौक पर दो सफल कार्यक्रम आयोजित कराए। मयंक गोयल के लिये ये कोई नई बात नहीं है, लेकिन महानगर अध्यक्ष के रूप में उन्होंने अपनी क्षमता का परिचय दे दिया है। जब तिरंगा शौर्य यात्रा निकली तो यहां मयंक गोयल के प्रबंधन ने वास्तव में भाजपा के बड़े नेताओं को प्रभावित किया। बताया जाता है कि भाजपा के प्रदेश महामंत्री और तिरंगा शौर्य यात्रा के प्रदेश प्रभारी अनूप गुप्ता ने मयंक गोयल के प्रबंधन की तारीफ की। यहां सभी ने देखा कि मई के महीने में कार्यकताओं की एक बड़ी भीड़ मौजूद थे। तिरंगा शौर्य यात्रा में पब्लिक पहुंची थी और सबसे बड़ी बात अनुशासन और व्यवस्था की थी। सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय बैठक में अनूप गुप्ता ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताते हुए मयंक गोयल की जमकर तारीफ की और इसके बाद बुलंदशहर वाली बैठक में भी जब प्रदेश महामंत्री से मयंक गोयल मिले तो उन्होंने भी मुस्कराकर मयंक गोयल के प्रबंधन की तारीफ की और कहा कि तुमने बहुत जबर्दस्त काम किया। ठाकुरद्वारा से लेकर दुर्गा भाभी चौक तक जिस तरह से तिरंगा शौर्य यात्रा निकली। अनेक स्थानों पर स्वागत प्वाइंट बनाए गए, जबर्दस्त स्वागत हुआ, जबर्दस्त भीड़ थी और बेहद व्यवस्थित तरीके से इस यात्रा ने बड़े नेताओं को प्रभावित किया है। सूत्र बताते हैं कि गाजियाबाद में निकाली गई यह यात्रा आने वाले समय में अन्य मंडलों के लिये एक रोल मॉडल बन सकती है। क्योंकि इस तिरंगा यात्रा के कार्यक्रम ने भाजपा के बड़े संगठन नेताओं को प्रभावित किया है। यह भीड़ की दृष्टि से सफल कार्यक्रम था। यह व्यवस्था की दृष्टि से बेहद अनुशासित कार्यक्रम था और पार्टी जो संदेश इस यात्रा के जरिये देना चाहती थी उस संदेश को जनता तक पहुंचाने में मयंक गोयल का मैनेजमेंट सफल रहा है। सूत्र बता रहे हैं कि मयंक गोयल के नेतृत्व में निकली ये तिरंगा शौर्य यात्रा रोल मॉडल बन सकती है। अन्य जिलों में भी इसी थीम पर यात्राएं निकाली जाएंगी। उन्हें बताया जाएगा कि जिस तरह से गाजियाबाद महानगर में तिरंगा शौर्य यात्रा निकली है, उसकी दूरी कितनी थी, उसके स्वागत प्वाइंट कितने थे, उनकी थीम किस तरह से सजाई गई थी और किस तरह से वो एक व्यवस्थित कार्यक्रम को लेकर चले हैं। भले ही भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल इस पूरे मामले पर मौन साधे हुए हैं और इसे मुस्कराकर वो कार्यकताओं की उपलब्धि बता रहे हैं वो इसका पूरा क्रेडिट महानगर के देवतुल्य कार्यकताओं को दे रहे हैं, मगर इस तथ्य को भी नहीं झुठलाया जा सकता कि मयंक गोयल ने अध्यक्ष के रूप में जो कार्यक्रम मिला उस पर बेहद बारीकी से काम किया और एक सफल कार्यक्रम उन्होंने अपने नाम किया।

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उत्तर प्रदेश

मेरठ पुलिस को गुंडे की खुली चुनौती….. जिसके सामने हवा भी मुड़ जाती है,उसके साम…

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मेरठ पुलिस को गुंडे की खुली चुनौती…..
जिसके सामने हवा भी मुड़ जाती है,उसके सामने पुलिस क्या चीज़ है वाह री मेरठ पुलिस…इसकी दूसरी तस्वीर गिड़गिड़ाते हुए अगर नहीं आयी तो गुंडे पुलिस के इक़बाल कैसे मानेंगे ….

इस गुंडे का नाम है सिद्धार्थ कसाना। इसका दावा है कि हवा भी मुड़कर चलती है इसके सामने।
गुंडे के दावे में दम हैं क्योंकि पुलिस वालों की मौजूदगी में कसाना ने शुभम नाम के एक स्टूडेंट को बेरहमी से पीट रहा है। मेरठ पुलिस ने बीच बचाव तक नहीं किया बल्कि गुंडे के हाथों शुभम को पिटने दिया…..

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