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भारत को जल्द मिलेगा नया सेबी चीफ, सरकार ने शुरू की तलाश

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नई दिल्ली, 27 जनवरी। वित्त मंत्रालय द्वारा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नए चेयरमैन की तलाश शुरू कर दी गई है। इसकी वजह मौजूदा नियामक प्रमुख माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त होना है।

वित्त मंत्रालय द्वारा सोमवार को अखबार में ‘फिलिंग अप द पोस्ट ऑफ चेयरमैन इन सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया’ शीर्षक वाले विज्ञापन में पूंजीगत बाजार नियामक के प्रमुख पद पर नियुक्ति के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए गए।

विज्ञापन में कहा गया कि नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से अधिकतम पांच वर्ष की अवधि के लिए या नियुक्त व्यक्ति की आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, के लिए की जाएगी।

सेबी प्रमुख के पास भारत सरकार के सचिव के समान वेतन या घर और कार के बिना 5,62,500 रुपये प्रति माह की कंसोलिडेटेड सैलरी प्राप्त करने का विकल्प होगा।

वित्त मंत्रालय ने उम्मीदवारों के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 17 फरवरी तय की है।

माधबी पुरी बुच को मार्च 2022 में तीन साल की अवधि के लिए 28 फरवरी तक सेबी प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पूंजी बाजार नियामक का नेतृत्व करने वाली पहली महिला थीं। सेबी प्रमुख के रूप में नियुक्त होने से पहले, बुच सेबी बोर्ड की नियमित सदस्य थीं।

बुच ने पूर्व आईएएस अधिकारी अजय त्यागी का स्थान लिया है, जिनका सेबी प्रमुख के रूप में कार्यकाल दो साल के विस्तार के बाद समाप्त हो गया था। त्यागी ने वित्त मंत्रालय में प्रमुख पदों पर कार्य किया था।

वह निजी क्षेत्र से सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली व्यक्ति थीं। उनका करियर 1989 में आईसीआईसीआई बैंक से शुरू हुआ था। 1993 से 1995 के बीच बुच ने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर काम किया। बुच ने 12 साल तक विभिन्न कंपनियों में बिक्री, मार्केटिंग और उत्पाद विकास सहित विभिन्न प्रोफाइल में काम किया था।

2006 में वह आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज में शामिल हुईं और बाद में फरवरी 2009 से मई 2011 तक कंपनी की सीईओ रहीं।

इसके बाद बुच 2011 में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में शामिल होने के लिए सिंगापुर चली गईं। 2011 से 2017 के बीच उन्होंने जेनसर टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और मैक्स हेल्थकेयर जैसी कई कंपनियों के कार्यकारी निदेशक के रूप में काम किया है।

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दिल्ली

पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

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अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।

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देश

हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.

बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.

पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.

जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.

माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.

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‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

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नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।

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