ग़ाजियाबाद
निगम के सदन में आज गूंजेगी भाजपा पार्षदों की आवाज, 40 पार्षद कहेंगे मैं गीता हाथ में लेकर खाता हूं पूरी ईमानदारी से कसम

गाजियाबाद। नगर निगम की बोर्ड बैठक है और ये बैठक कई मुद्दों को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बोर्ड की इस बैठक से पहले पार्षदों ने एक प्री बोर्ड बैठक कर ली है। पार्षद अपने लिये एक निजाम चाहते हैं। वो इस इलजाम से मुक्ति चाहते हैं कि वो विकास कार्यों में कोई कमी निकालते हैं। अक्सर ये आवाज उठती है कि पार्षद हर निर्माण के कार्य में तीन से पांच प्रतिशत की हिस्सेदारी की बात करते है। आज जब निगम की बोर्ड बैठक होगी तो एक नजारा सबसे रोचक रहेगा और ये नजारा पार्षदो के हाथ में भगवत गीता का रहेगा। आमतौर पर पुरानी फिल्मों ये दिखाया जाता है कि गवाही से पहले सच बोलने की शपथ के साथ गवाहों को गीता की कसम खिलाई जाती है। नगर निगम के सदन में आज गीता की कसम होगी। भाजपा के पार्षद नगर निगम के सदन में बोर्ड बैठक शुरू होते ही गीता की कसम खाएंगे। वो हाथ में श्रीमद् गीता लेकर जाएंगे और सदन शुरू होते ही वो हाथ में गीता लेकर कसम खाएंगे। सूत्र बता रहे हैं कि भाजपा पार्षदों ने इसकी तैयारी कर ही है। वो अपने साथ गीता लेकर जाएंगे और अपने-अपने हाथ में गीता लेकर कसम खाएंगे। ये नजारा रोचक रहेगा कि गीता की कसम वाले सीन में वो पार्षद भी आएंगे जिन पर इसी बात का इल्जाम है। ये देखते हैं कि निगम की सदन में गीता की कसम में ईमानदारी की कितनी जान है।
अधिकारियों से भी खिलवाएंगे सदन में गीता की शपथ
सरकार के पार्षद सरकार की छवि को लेकर सजग हैं। वो इस बात को लेकर नाराज हैं कि आखिर कौन सरकार की बदनामी करता है और निगम के गलियारों में गीता की कसम का किस्सा गूंज रहा है। वो बता रहे हैं कि उन्होंने वार्ड में पूरी ईमानदारी से विकास कार्य कराये है। जब काम ईमानदारी से हुआ है तो फिर गीता की कसम खाने में क्या डर। वो हाथों में पवित्र गीता को लेंगे और कसम खाएंगे। सूत्र बताते हैं कि कसम वाले इस सीन में भाजपा के 40 पार्षद, नगर निगम के अधिकारियों, चीफ इंजीनियर और कई अवर अभियंताओं को भी ले आएंगे। वो नगर निगम के सदन में खुलकर ये ऐलान करेंगे कि हमने कसम खा ली है और अब तुम्हारी बारी है और अगर तुम कसम नहीं खाते हो तो इस बात का क्या अर्थ निकाला जाए। आज यही देखना रोचक रहेगा कि जब भाजपा पार्षद अनुरोध करेंगे तो निगम के कौन से अधिकारी गीता हाथ में लेकर कसम नहीं खायेंगे।
ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।
मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।
रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।
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ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में 109 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, पश्चिम बंगाल से संचालित ठगों का नेटवर्क सक्रिय

गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खोज की है। जांच से पता चला है कि जिले में 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित हैं।
गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकाने उजागर हुए।
पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के अलावा झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों का सक्रिय नेटवर्क पाया गया। इसके साथ ही एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह का पता चला है।
जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकतर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के माध्यम से ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपने निशाने पर रखा।
कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं, जिनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया।
पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का योजना बना रही है।
ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में महिला ने पति और ससुराल वालों पर 10 लाख रुपये दहेज न देने पर मारपीट और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया

गाजियाबाद। वैशाली क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने अपनी तहरीर में कहा कि ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग की, जिसे न पूरा करने पर उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।
महिला के अनुसार, उनकी शादी 25 नवंबर 2022 को दिल्ली के निवासी आशीष से हुई थी। विवाह के बाद उन्होंने जाना कि उनके पति पर लगभग 12 लाख रुपये का कर्ज है। इसी कारण, ससुराल वाले 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग करने लगे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो महिला को बार-बार प्रताड़ित किया गया।
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार घर के भीतर उनकी हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन वह बच गईं। अक्टूबर 2024 में, उनके पति ने उन्हें अपने रिश्तेदार के घर ले जाकर दहेज की मांग पूरी न होने पर वहां रखने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो दुपट्टे से उनका गला दबाने की कोशिश की गई और अंततः उन्हें घर से निकाल दिया गया।
महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसीपी इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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