Connect with us

जुबान संभाल के

जुबान संभाल के

Published

on

कौन करेगा नीले एलीफेंट दफ्तर में हुये रंग रोगन का पेमेंट
सुभाष शर्मा (वरिष्ठ संवाददाता)। भले ही 15 साल से सूबे में उनकी सरकार नही हैं। भले ही पूरी विधानसभा
में एक हाथी बैठा है और भले ही लोकसभा में जीरो है मगर सियासी इमोशनल अत्याचार की हद है। विधानसभा का टिकट दिया और फिर पर्चा भरने से पहले ही काट भी दिया। एलीफेंट महावत दया को बनाया और फिर उन्हे भी
हटा दिया। कुछ तो दिखा होगा जो हाथी उन पर मोहित हुया। मगर बर्थडे के केक से पहले ही उन्हे भी हटा दिया। वो वकील है तो बेहतर बता सकते हैं कि ना अपील ना दलील और हो गये जलील वाला सीन हो तो कैसा सितम होता
है। महावतों का खेमा बता रहा है कि अजी उन्होने तो नीले दफ्तर में पुताई शुरू कराई थी मगर उनकी तो पद से ही जुदाई हो गई। अब पुताई का भुगतान कौन करेगा। वैसे महावत खेमें में कहावत तो ये है कि जो हाथी वाली गददी पर
विराजमान होगा उसकी जेब से ही हर चीज का भुगतान होगा।

विधायक ना हो जाये नाराज इसमें छुपा है मिजोरम ना जाने का राज
सुभाष शर्मा (वरिष्ठ संवाददाता)। अध्यक्ष पद के एक दावेदार ऐसे भी हैं जिन्हे लाईट का टिकट भी मिल रहा
था मगर वो खुद को जनरली उनके निकट दिखाने से भी बच रहे थे। मिजोरम तो दो पूर्व विधायक भी गये और धौलाना वालों से लेकर सिविल डिफेस वाले भी गये। मगर पता चला है कि एक महानगर अध्यक्ष दावेदार इस मामले में फुली खबरदार रहे। उन्होने हवाई जहाज की हवा से ही दूरी बना ली। सुना है कि उन्हे आॅफर भी मिला था और साथ वालों ने उनसे कहा भी था मगर वो खिलाड़ी तो खुद को मानते ही हैं। लिहाजा उन्होने कैलकुलेट करने के बाद हिसाब लगाया कि बाकी सब तो देखा जायेगा लेकिन नाराजगी हैवीवेट हो सकती है। जाने वालो ने उनसे जिद भी करी कि चलो मगर उन्होने मजबूरी बता कर दूरी बना ली। विधायक जी नाराज ना हो जायें इसी में मिजोरम ना जाने का राज।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

गरम मसाला

जुबान संभाल के

Published

on

वो ना दे ज्यादा ज्ञान और सुंदरकांड पाठ सुनने पर दें ध्यान
पुरानी रामलीला की नई कमेटी आज सुंदरकांड के पाठ के साथ विधिवत काम शुरू करेगी। फागुन महोत्सव के स्थान पर सुंदर कांड का पाठ होगा क्योंकि समय उतना नही है जितना इस तरह के आयोजन में चाहिये होता है। नई कमेटी और भरा पूरा फंड मगर प्रसाद का इंतजाम ज्ञान और अनिल करेगें। राम वालों ने ही सवाल उठाया कि जब राम के खाते में पैसे हैं तो फिर राम के प्रसाद का इंतजाम ज्ञान क्यों करेगें। इस पर जवाब भी कमेटी के कोषाध्यक्ष का आया है। उन्होने कहा कि कोई हमें ज्यादा ज्ञान न दे। राम के काम में कमेटी का धन खर्च होगा मगर कमेटी के सदस्यों के खानपान में तो अभी कई ज्ञान आयेगें। इस बार ही नही हर बार ही प्रसाद का इंतजाम मेंबरों की तरफ से ही होगा। कोषाध्यक्ष ने सलाह दी है कि जिन्हे दिक्कत हैं वो केवल सुंदरकांड का पाठ सुने और चाय पकौड़ों की तरफ ध्यान ही न दें। बेहतर होगा कि वो खाने पर ध्यान ही न दे और वो ऐसे मामलों में ज्यादा ज्ञान भी न दें। वो चाहें तो प्रसाद भी न ले इतना समझ लें कि हमें जनादेश काम के लिये मिला है पकौड़ो के ज्ञान के लिये नही।
जब भाजपा वाले ने उठा लिया दूसरी घंटी पर ही कांग्रेस वाले का फोन
पहली सरकार में तकरार ही इस बात को लेकर रही कि अधिकारी नही सुनते हैं। हाल दूसरी पारी में भी कुछ ऐसा ही है विधायकों को गिला इस बात का है कि अफसर उनके फोन नही उठा रहे हैं और ताजा सितम अब ये है कि अफसर तो छोड़ो खुद फूल वाले ही फूल वालों की नही सुन रहे हैं। जो कल तक पता नही किस किस के उठा रहे थे वो अब फूल वालों के ही फोन नही उठा रहे हैं। किस्सा लहर वाले वार्ड का हैं और किस्से में पार्षद हसबैंड भी हैं और मडंल वाली वरिष्ठ भाजपाईन भी हैं,किस्से में मौहल्ले वाले भी हैं। सितम ये हो रहा है कि लहर में नेता जी की वाईफ जीत गर्इं और उसके बाद उन्हे किसी ने वार्ड में नही देखा। हसबैंड का आलम ये है कि माली भी नही सुनता। मेंबर हसबैंड मौहल्ले वालों के फोन ही नही उठाते। मडंल वाली भाजपाईन में मामला कांग्रेस के नेता को बताया। कांग्रेस वाले नेता ने तत्काल ही भगवा हसबैंड को फोन मिलाया और कमाल तब हुया जब भगवा हसबैंड ने कांग्रेस नेता का फोन दूसरी घंटी पर ही उठा लिया इस पर फिर दोनो तरफ से नोकझोंक भी हुई और फूल वालों के इंटरनल मैटर को कांग्रेस वाले नेता ने शांत कराया। गिला अब काम को लेकर नही है गिला तो अब इस बात को लेकर है कि हम भाजपा वालों के तुम फोन नही उठाआगें और कांग्रेस वालों के फोन को दूसरी घंटी में ही उठाआगें। भाजपाईन अपने वार्ड में मेंबर को लेकर एंगर में हैं।
ये बात पुलिस को बताना बदल लिया है आईपीएल सटोरियों ने ठिकाना
आईपीएल महाकुंभ से पहले ही शहर में सटोरियों ने पूरा सिस्टम बिठा लिया है। पता चला है कि आईपीएल की सटोरिया इलेवन ने अपना ठिकाना बदल लिया है। किसी ने दिल्ली में ठिकाना बनाया है तो कोई नेपाल से श्रीलंका तक जुआ खेल आया है। स्लोली स्लोली चलते हुये गिनवा देगें कि कौन सा आईपीएल सटोरिया इन दिनो कहां रह रहा है। उन्हे कोई समझाये कि ठिकाने बदलने से निशाने नही बदलते हैं। पुलिस को भी पता है कि सटटा इलेवन ने ठिकाना बदला है। इस बार सुना है कि गेम में हिमायती भी कूटे जायेगें। आने दो जरा आईपीएल की बेला फिर देखना होता है यहां कौन सा खेला।

Continue Reading

गरम मसाला

जुबान संभाल के

Published

on

पुराने शहर का कौन सा व्यापारी नेता खेलेगा आईपीएल का सटटा
एक कुंभ खत्म हो गया और दूसरा कुंभ शुरू होने जा रहा है। एक कुंभ में लोगो ने डुबकी लगाई और पाप धोये। इस वाले कुंभ में लोग डूब भी जायेगें और कोई अपने मकान से हाथ धोयेगा तो कोई कार से। ये सटोरियों का आईपीएल महाकुंभ हैं जिसकी पुलिस को भले ही खबर न हो लेकिन पूरा शहर जानता है कि कौन कौन से खिलाड़ी इस सटटे को खेलते हैं। इसमें धर्म वाले भी और धर्म वालों में राम वाले भी हैं और इस्कान वाले भी हैं। इधर के व्यापार मडंल वाले भी हैं और उधर के व्यापार मडंल वाले भी हैं। एक व्यापारी नेता तो ऐसा हैं जिसे कभी इरफान नाम के सिपाही ने पकड़ कर बिठा लिया था और ले दे कर ही मामला सैटल हुया था। पुराने शहर का एक व्यापारी नेता आईपीएल सटटा इलेवन टीम का आलराऊं डर खिलाड़ी हैं। वो इस आईपीएल में भी खेलने के लिये तैयार है। अगर पुलिस ठीक से काम कर ले तो कसम से वो प्लेयर थाने में दिखाई देगें कि खेल का खेला होगा और पुलिस की प्रेस कांफेंस में रौनक मेला होगा।
पहले वालों को भी नही थी मनाही हमारी तो चढ़ेगी राम हलवा कढ़ाही
कोरोना के बाद पुरानी रामलीला का निजाम बदला है और नया निजाम कुछ नई परंपराओं के साथ काम करना चाहता है। दरअसल इस रामलीला की खूबसूरती ही इसकी परंपरा हैं। उस्ताद खलीफा की पंरपरा से लेकर रावण के दूत की परंपरा। राम की लीला से पहले कमेटी की महाभारत की परंपरा। सुना है कि नई कैबीनेट आसन पर विराजमान होने से पहले सारे सदस्यों के सम्मान में कढ़ाही चढ़ा कर,प्रभु श्री राम को भोग लगा कर,प्रसाद वितरित करने के बाद काम काज शुरू करेगी। एक नये युग की शुरूआत होगी। वही इंटरनल विरोध करने वालों ने माहौल बनाना शुरू कर दिया हैं। चर्चा शहर वालों में ही चली तो सामान्य सदस्य ने कहा कि ऐसा है कि पहले वालों को भी मनाही नही थी। मगर उनके पास सबको साथ लेकर चलने का विजन नही था पुरातन रामलीला में प्रभु श्री राम हलवा कढ़ाही की परंपरा से सुंदर क्या हो सकता है।
ये कौन सा है विधान कि सुंदरकांड के प्रसाद का खर्च वहन करेगें ज्ञान
पुराना निजाम लगभग चेंज हो गया मगर कहने वाले ने कहा कि मोहरे वहीं हैं बस चेहरे बदल कर आ गये हैं। नुमार्इंदगी तो उन्ही की होगी जिन्हे जनादेश नही मिला है। सुना है कि सुंदरकांड का पाठ हो रहा है और राम वालों ने ही कहा ये तो अच्छी बात है मगर खराब तो ये है कि राम वालों के खाते में फंड है फिर भी सिस्टम इतना झंड है कि प्रसाद का खर्चा भी कमेटी नही उठा पा रही। तभी तो प्रसाद की व्यवस्था ज्ञान जी कर रहे हैं। शहर की ही ये आवाज है कि पता तो चले कि प्रसाद की स्पान्सरशिप का क्या राज है। जब कमेटी के पास धन है और काम कमेटी का हो रहा है,काम कमेटी करवा रही है तो फिर वो प्रसाद की व्यवस्था किसी और की जेब से क्यों करवा रही है। पता तो चले कि धन नही हैं या मन नही हैं। राम का काम राम वालो के दाम तो कहां से आ गये ज्ञान।

Continue Reading

गरम मसाला

जुबान संभाल के

Published

on

हम गोवा तीर्थ पर गये थे तो वो मिजोरम में हज पर गये थे क्या
हिडंन एयरपोर्ट से मार्च की पहली तारीख को जब गोवा के लिये विमान उड़ा तो इस विमान में गाजियाबाद के भाजपाईयों ने भी गोवा के लिये प्रस्थान किया। उधर लंच चल रहा था और इधर सोशल मीडिया पर पंच चल रहा था। मिजोरम यात्रा पर जा चुके एक पूर्व विधायक जी ने गोवा यात्रा को तीर्थ यात्रा का दर्जा दिया। उनके इस लहजे पर जब उधर वालों को टटोला तो आफ द रिकार्ड कोई बोला। उन्होने कहा कि चलो माना कि हम सब गोवा नामक तीर्थ स्थान पर गये थे लेकिन वो भी तो बता दे कि मिजोरम में वो क्या हज करने गये थे। याद दिलाने वालों ने याद दिलाते हुये बताया कि कभी उन्होने ही चाय के निमंत्रण पर पूछ लिया था कि हू इज मिसेज सिंह और अब उन्ही की जुबान नही थकती है गीत गाते हुये। अगली बार उन्हे भी ले जायेगें तब वो तीर्थ यात्रा नही बतायेगें।
आईपीएल का केसरिया सटोरिया भर लेगा इस बार तो बोरिंया
आईपीएल क्रिकेट वाले सटटे का रंग हर जगह बिखर रहा है। वो होली वाली गली हो या हो एक्सटेंशन का फ्लैट हो सब जगह बुकी पंटर मिलेगें। बजरिया का भटूरा हो या बैंक के सामने चाय वाला हो सभी का इस फिल्म में रोल है। मार्च के महीने में होली के बाद जब आईपीएल आयेगा तो सटोरियों की चांदी होगी। सुना है कि पुलिस के बड़े साहब तो गजब का नेटवर्क रखते हैं तो देखना होगा कि आईपीएल के सीजन में पुलिस इलेवन जीतती है या सटोरिया एकादश आईपीएल सटटे की ट्राफी उठायेगा। एक बार पुलिस लिस्ट ही चैक कर ले तो कसम से कहानी में एडवांस में ही टवीस्ट आ जायेगा। हम बतायेगें सटोरिया इलेवन के वो नाम जिनसे शहर पुलिस रही है अभी तक अंजान किस सटोरिये ने पिछले सीजन में नई कार खरीदी थी और किस सटोरिये को इतना लास हुया था कि उसे फ्लैट बेचना पड़ गया था। शहर का एक प्रमुख केसरिया सटोरिया तो आईपीएल के सीजन 2025 में इस बार नोटों की बोरिया भरने की तैयारी में हैं।
ठेकेदार ने क्यों कह दिया फोन पर कि सुनो मेंबर कंट्रोल योर एंगर
विकास की फाईल अवर अभियंता ओर ठेकेदार तैयार करते हैं। भुगतान के लिये चीफ और बड़े साहब हैं। मगर स्टाईल सबसे ज्यादा मौहल्ला प्रधान में मिलेगा और इसकी वजह भी हैं। मौहल्ला प्रधान ने ही प्रस्ताव तैयार किया या उसे तैयार प्रस्ताव मिला और उसकी सहमति के बाद ही बात आगे बढ़ी। विकास की पहली र्इंट के साथ ही शिकायत का रोड़ा फूल वाले ही अटका रहे हैं। सितम ये है कि फूल वाले पार्षद काम करा रहे हैं और फूल वाले पूर्व पार्षद ही शिकायत कर मामले की जांच करा रहे हैं। फूल वाले पूर्व और वर्तमान पार्षद की इस तकरार के चलते ठेकेदार ने काम रोक दिया। पहले पूर्व ने फोन किया और फिर वर्तमान ने फोन किया और जब टोन चेंज हुई तो ठेकेदार ने साफ कह दिया कि सुनो मेंबर अपने एंगर पर कंट्रोल रखना अगर हमारे बोल बिगड़े तो तुम से कंट्रोल नही होगें। सुना है कि ठेकेदार ने साफ साफ कह दिया कि ये वाला काम मुझे बाकायदा टेंडर से मिला है और काम की रिपोर्ट जेई साहब तैयार करेगें और सुनो तुम्हारे बस का तो भुगतान कराना भी नही हैं। वो काम भी महकमें के साहब करेगें।

Continue Reading
Advertisement

Trending