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जब सीएम योगी के कैबिनेट मंत्री बन गए कथा व्यास, संभाली तब व्यास गद्दी जब कथा वाचक ने खड़े कर दिये हाथ

गाजियाबाद। यूपी में भगवा सरकार है और भगवा विचार हैं। सरकार की सोच, सरकार की कार्यशैली उसके मंत्रियों की जीवनशैली में भी है। माहौल ही ऐसा है कि मंदिर की बात है, कुंभ स्रान की बात है और ऐसे में राम कथा की बात है। ये एक सामान्य बात है, लेकिन अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट के मंत्री ही जब कथावाचक बन जाएं तो फिर ये एक बड़ी बात है। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा जब कथाव्यास गद्दी पर बैठे तो लोग उन्हें देखकर चोंक गए। जनता कथावाचक का इंतजार कर रही थी और यहां कथा व्यास गद्दी पर स्वयं कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा आ गए। सबसे खास बात ये रही कि कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने कथा व्यास गद्दी संभाली और उन्होंने लगभग चार घंटे तक कथा सुनाई और इस दौरान श्रद्धालु भी उनके कथावाचन अंदाज पर मंत्रमुग्ध हो गए।
जब सुनानी शुरू की थी कथा तो लोग थे 200 और बाद में ये गिनती हो गई हजार के पास
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा सनातन संस्कृति के उपासक हैं। वो प्रतिदिन मंदिर जाते हैं और घंटों साधना भी करते हैं। लिहाजा धर्म-संस्कृति उने व्यक्तित्व में शामिल है। मगर वो धार्मिक पहलू को इतने बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं, ये विधा क्षेत्र के लोगों ने पहली बार जानी। जब सुनील शर्मा कथा व्यास की गद्दी पर आकर बैठे और कथा कहनी शुरू की तो वहां लगभग 200 लोग थे और ये उनके कथा वाचन का अंदाज था कि वो लगातार चार घंटे तक कथा सुनाते रहे। श्रद्धालु राम भक्ति के रस में डूबे रहे और जब ये कथा समाप्त हुई तो 200 की भी हजार को पार कर चुकी थी। लोग मंत्रमुग्ध होकर उन्हें सुन रहे थे।
जब बुजुर्ग माताजी के अनुरोध को नहीं कर सके कैबिनेट मंत्री इनकार
कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा राजनीति के चाणक्य कहे जाते हैं। वो देश के नंबर वन विधायक हैं और सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। ऐसा क्या हुआ कि कैबिनेट मंत्री को कथा व्यास की गद्दी संभालनी पड़ी। इसका किस्सा भी रोचक बताया जाता है। दरअसल सुनील शर्मा के विधानसभा क्षेत्र साहिबाबाद के लाजपतनगर में यह कार्यक्रम होना था। रामलीला मैदान में कथा होनी थी, सबकुछ तय हो गया था। इसी बीच कथावाचक ने आखिरी मौके पर आने से इनकार कर दिया। कथा आयोजन से जुड़े पंडित गोपाल शर्मा सीधे कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा के पास पहुंचे। उन्हें बताया कि हम पर यह संकट आ गया है और हम चाहते हैं कि आप व्यास गद्दी को संभालो। सुनील शर्मा हैरान और उन्होंने कहा कि मैं राजनीतिक व्यक्ति हूं और मेरा कथा से क्या मतलब है। मैं आलोचना और आरोप के माहौल में रहता हूं। इसके बाद पंडित गोपाल शर्मा अपनी बुजुर्ग माता को ले आए। बुजुर्ग महिला को नेत्रों से दिखाई नहीं देता है, लेकिन वो रामायण का पूरा पाठ कर लेती है। जब बुजुर्ग माताजी ने अनुरोध किया तो फिर कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा इनकार नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि मैं कथा तो नहीं लेकिन राम के नाम पर चर्चा कर लूंगा, राम की महिमा, राम का त्याग और राम की वीरता पर विचार रखूंगा। इस तरह से कैबिनेट मंत्री ने कथा व्यास की गद्दी संभाली।
जब कैबिनेट मंत्री को मिला झांसी में कथा वाचन का आॅफर
सुनील शर्मा सनातन संस्कृति के चेहरे हैं। ये आज से नहीं बल्कि बरसों से उनके व्यक्तित्व का हिस्सा है। भगवान राम उनकी सोच में हैं और सनातन संस्कृति के हर पहलू को वो जानते हैं, लेकिन लोग नहीं जानते थे कि जिस भक्तिभाव से कोई व्यक्ति उन्हें व्यास गद्दी पर बैठकर भगवान राम की महिमा गा रहा है वो व्यक्ति कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश का कैबिनेट मंत्री है। देश में सबसे ज्यादा वोटों से जीते हुए विधायक हैं और सनातन संस्कृति की प्रवाहित होती ये गंगा उनके व्यक्तित्व का अंग है। खुद कैबिनेट मंत्री भी अपनी इस काबलियत पर उस समय हैरान रह गए जब कथा वाचन के बाद लोग उनके पास आए। इनमें कुछ लोग झांसी के भी थे, उन्हें नहीं पता था कि सुनील शर्मा कैबिनेट मंत्री हैं। वो केवल उनके कथावाचन के अंदाज पर झूम रहे थे। झांसी के लोगों ने उन्हें कथावाचन का आॅफर दिया। तब कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने बेहद विनम्रता से इनकार करते हुए कहा कि मैं एक छोटा सा रामभक्त सनातनी सेवक हूं और मैं उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री हूं। तब वो लोग भी हैरान रह गए।
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सपा सांसद का दूसरे दिन भी गाजियाबाद में विरोध –

राणा सांगा के गौरवशाली इतिहास पर हमला बोलने वाले सांसद का लगातार हो रहा है विरोध, हिंदू युवा वाहिनी ने गोविंदपुरम में फूंका पुतला
गाजियाबाद : समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा महान योद्धा राणा सांगा पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को जहां विधायक नंदकिशोर गुर्जर के नेतृत्व में बड़ा विरोध प्रदर्शन और रैली निकाली गई थी, तो वहीं गुरुवार को हिंदू युवा वाहिनी ने गोविंदपुरम स्थित भगत सिंह चौक पर पुतला दहन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने सपा सांसद को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने माफी नहीं मांगी तो अब आरपार की लड़ाई शुरू की जाएगी। गुरुवार को आगरा में भी सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर को घेरने के लिए करणी सेना के सैकड़ों पदाधिकारी पहुंचे थे, जहां पुलिस ने बल का प्रयोग भी किया।
कार्यकर्ताओं ने फूंका सपा सांसद का पुतला
हिंदू युवा वाहिनी के प्रमुख आयुष त्यागी काकड़ा के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन कार्यक्रम किया गया। इसमें गोविंदपुरम अध्यक्ष बबलू बंसल ने कहा कि सपा सांसद ने महापुरुषों का इतिहास तोड़ मरोड़ कर हिंदू महापुरुषों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि संपा सांसद को अपनी इस टिप्पणी को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए। साथ ही इस मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर हिंदू युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने सपा नेताओं को चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में भी वह इस तरीके की बयानबाजी करेंगे तो फिर पदाधिकारी सबक सिखाने के लिए सड़कों पर आएंगे। इस मौके पर नवनीत त्यागी, अनिल तोमर, सत्येंद्र भाटी, बृजेश यादव, धर्मेंद्र चौधरी, वेद प्रकाश शर्मा, शिवकुमार सैनी, पंकज, हिमांशु, संदीप दुबे, सुंदर तोमर, नितिन व गजराज सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
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शिक्षा का व्यवसायीकरण जांच समिति की जनपद गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद की संयुक्त बैठक आहूत

सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करें: सभापति डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह
गाजियाबाद । दुर्गावति देवी सभागार, विकास भवन में उत्तर प्रदेश विधान परिषद की ”शिक्षा का व्यवसायी करण की जांच सम्बंधी समिति” के कार्य. सभापति डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह ‘गुरू जी’ की अध्यक्षता में जनपद गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद की संयुक्त बैठक आहूत हुई।
बैठक में मुख्य रूप से विजय बहादुर पाठक समिति सदस्य, अंगद कुमार समिति सदस्य, अविनाश सिंह चौहान समिति सदस्य, नरेन्द्र सिंह भाटी व श्रीचन्द शर्मा समिति द्वारा विशेष आमंत्रित सदस्य, धनंजय सिंह उप सचिव, सौरभ दीक्षित समीक्षा अधिकारी, अर्चित वाजपेई वृत्त लेखक, गजेन्द्र सिंह अपर निजी सचिव एवं जिलाधिकारी दीपक मीणा, एडीएम प्रशासन गाजियाबाद व एडीएम गौतमबुद्ध नगर उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभापति ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में व्यवसायीकरण की शिकायतों की जांच एवं शिक्षा क्षेत्र में बेहतर सुधार हेतु उत्तर प्रदेश विधान परिषद द्वारा ”शिक्षा का व्यवसायी करण की जांच सम्बंधी समिति” का गठन किया है।
बैठक के दौरान डॉ.मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने दोनों जनपदों में संचालित सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों की जानकारी प्राप्त की। विद्यार्थियों के साथ होने वाली दुर्घटनाओं की जानकारी प्राप्त करते हुए जानना चाहा कि कितने विद्यार्थियो को इंशोरेन्स मिला है और कितने स्कूल/कॉलेजों द्वारा विद्यार्थियों का इंशोरेन्स कराया जाता है। इस सम्बंध में सम्बंधित अधिकारी एवं पुलिस अधिकारी ने अवगत कराया कि अभी उनके पास आंकडे उपलब्ध नहीं है। उन्होने स्कूल/कॉलेजों द्वारा छात्रों से लिये जाने वाले शुल्क पर भी जानकारी प्राप्त करते हुए सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि कोई भी स्कूल/कॉलेज नियमों के विरूद्ध शुल्क ना लें, यदि ऐसा पाया जाता है तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएं। उन्होने कहा कि सरकार द्वारा विद्यार्थियों को दी जाने वाली योजनाएं के तहत धनराशि को उनके खाते में डाली जाएं, जब भी किसी छात्र का एडमिट कार्ड बनाया जाएं उनका बैंक खाता संख्या भी उसमें समायोजित किया जाएं। उन्होने दोनों जनपदों के उच्च शिक्षा अधिकारी, डीआईओएस और बीएसए से विभागों में कार्य कर रहें कर्मचारियों व अध्यापकों की जानकारी प्राप्त करते हुए यह भी जाना की जनपद में कहां—कहां कितने पद रिक्त हैं। उन्होने रिक्त पदों की सूची समिति को जल्द उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया। सभापति ने आरटीई एक्ट के तहत दोनों जनपदों के स्कूलों में मिलने वाले दाखिलों के बार में अवगत होते हुए निर्देशित किया कि आरटीई में मैपिंग विद्यार्थियों का शत—प्रतिशत नामांकन कराना सुनिश्चित किया जाएं।
सभापति ने विद्यार्थियों को मादक पदार्थो से दूर रखने/बचाने हेतु आबकारी, पुलिस व शिक्षा विभाग से जानकारी ली कि उनके द्वारा क्या—क्या कदम उठाये जा रहे हैं। जानकारी प्राप्त होने पर निर्देशित किया कि स्कूल/कॉलेजों के आप—पास कोई भी मादक पदार्थ की दुकानें संचालित नहीं होनी चाहिए। नियमानुसार उन सभी दुकानों को वहां से हटवाया जाएं, इसके लिए पुलिस विभाग की सहायता ली जाएं।
बैठक के अंत में सभापति ने कहा कि बैठक के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर एवं सकारात्मक सुधार हेतु 32 बिन्दुओं पर चर्चा हुई। हम सभी का उद्देश्य ‘शिक्षित एवं नशा मुक्त समाज’ है। इसके लिए हमें उत्कृष्ट कार्य करने हैं। बैठक के दौरान हमने जाना की अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर और सुधारत्मक कार्य किये जा सकते हैं, जो हम सभी को आपसी समन्वय बनाकर करने हैं। माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशानुरूप हर पात्र लाभार्थी को लाभ और हर पीड़ित को न्याय दिलाना हम सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए। इसी के साथ सकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प के साथ कार्य करें। बैठक में दोनो जनपदों के बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा, आईटीआई, पॉलीटैक्निक, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस विभाग, आबकारी विभाग, परिवहन विभाग, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सहित सम्बंधित विभाग के अधिकारी/ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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