गरम मसाला
चिंटू जी

उठते सवालों का करंट
उठते सवालों का करंट

क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार की भगवा राजनीति में नजर आ रहा है आजकल गजब का केस? हम देख रहे हैं जो बन कर आये हैं नए-नए भगवा कमिशनर? वो अपने होर्डिंग पर नहीं लगा रहे हैं अध्यक्ष और मिस्टर गर्ग का फेस? दे रहे हैं 10 के 10 मिलकर एकतरफा मोहब्बत का संदेश? बावजूद इसके जब भगवा पहलवान ने प्रोग्राम किया तो कार्यक्रम के बैकड्रॉप पर लगाया उन्होंने हैवीवेट वालों का फेस? भले ही उन्होंने भारी मन से दिया हो पैगाम? मगर वो जानते हैं कि होर्डिंग वाली राजनीति में रखना होता है बड़े नेताओं का ध्यान? मंडल वालों को ये सीख कमांडर के दोस्त से लेनी चाहिए श्रीमान?
क्यों कहा कहने वाले ने कि ये सभी को पता कि भगवा युवा जायसवाल करते हैं गोयल साहब से मोहब्बत बहुत खास? वो रखते हैं गोयल साहब की जगह अपने दिल में खास? सुना है जब सावरें से सांवरिया ने किया उनसे कौन बन रहा है अध्यक्ष इस पर सवाल? तो इस सवाल पर पेश की जायसवाल ने अलग ही मिसाल? उन्होंने कहा मेरा दिल तो रहता है गोयल साहब के नाम पर ही राजी? मैं देना चाहता हूं कुछ खास चेहरों को संदेश? ये भाजपा है यहां पर आखिरी गेंद पर भी पलट जाती है बाजी?
क्यों कहा कहने वाले ने कि आजकल भगवा सांवरिया जी लगातार कर रहे हैं कमांडर की तारीफ? अब इस तारीफ को वो खुल कर कहने में भी नहीं कर रहे हैं कोई कष्ट महसूस? सुना है उन्होंने मंत्री जी की मीडिया देखने वाले से खुल कर की भगवा कमांडर की तरीफ? बहुत ही शानदार तरीके से उन्होंने शब्दों को किया यूज? कहा संजीव शर्मा दर्ज कर चुके हैं महानगर अध्यक्ष के रूप में इतिहास? अगर चार चेहरे भी मिल कर बन जायें अध्यक्ष? तो भी नहीं टिकेगा उनका मामला इनके आस-पास? उन्होंने खींची है अपनी मेहनत से इस पद पर लंबी लाईन? सच बतायें इसलिए ये चेहरा हमको लगता है बहुत फाईन?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मुझे इस बात को कहने में बिल्कुल भी नहीं है खेद? जब भी पड़ती है मेरी भाजपा के दो जनप्रतिनिधियों पर नजर? तब उन्हें देख कर लगता है कि जैसे नदिया पार के उधर और नदिया पार के इधर वालों मे लगी हुई है जबरदस्त रेस? हम देख रहे हैं आजकल दोनों दनादन कर रहे हैं प्रोग्राम? कोई लिट्टी-चोखा खिला रहा है तो कोई तहसील दिवस में कर रहा है समाधान? कहने वाले ने कहा दोनों की मेहनत में नहीं दिख रही है हमें कोई कोर और कसर? क्या इसे माना जा सकता है किसी तरह के कम्पटीशन का असर?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मुद्दों को लेकर अक्सर पार्षद राजीव शर्मा रहते हैं वॉयलेंट? मगर ना जाने ऐसा क्या हुआ है जो एक दम वो हो गये हैं साईलेंट? लगभग एक महीने से उनकी किसी मुद्दे पर भी सुनाई नहीं दे रही है आवाज? ठेली पटरी वाले मुद्दे पर भी उन्होंने चुप्पी ली है साध? कहने वाले ने कहा या तो ये होने वाले उपाध्यक्ष के चुनाव की वजह है? या फिर इस खामोशी के पीछे छिपा है कोई गहरा वाला राज?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जनपद में कभी हाथ वाली डॉली मैडम की सुनाई देती थी क्रान्ति? वो हर मुद्दे पर मुखर होतीं थीं, नहीं धारण करती थी शांति? मगर हम देख रहे हैं इन दिनों वो शहर के प्रमुख मुद्दों पर हो गई हैं काफी खामोश? पहले की तरह नहीं दिख रहा है उनकी राजनीति का जोश? कुछ तो वजह है जो हैं वो खामोश? या तो उन्होंने कर लिया है राष्टÑीय राजनीति पर फोकस? या फिर वो अब गाजियाबाद को लेकर कुछ ज्यादा नहीं रही हैं सोच?
क्यों कहा कहने वाले ने कि हमने सुने गर्ग साहब के मुख से पहलवान की तरीफ के बहुत सारे शब्द? फिर हमने इन शब्दों को सुनने के बाद सोची बहुत सारी बातें? जिसका निचोड़ निकालने में हमें लग गया बहुत ज्यादा वक्त? हमने महसूस किया कि पहलवान की तारीफ करके गर्ग साहब ने लगाया है उनके जख्मों पर मरहम? कर दिया है उन्होंने उस पहलवान के दिल के तवे को ठंडा? जो हो रहा था बहुत ज्यादा गर्म? अब आप इस बात को अध्यक्ष वाले मैटर से भी जोड़ सकते हो? जोड़ेगे तो बहुत-बहुत शुक्रिया, मेहरबानी और कर्म?
क्यों कहा कहने वाले ने कि गागर में सागर भरने वाले नागर अगर अपने प्रिय सेन का टटोलेंगे दिल? थोड़ा बहुत टटोलने से ही उनको बहुत सारी बातें जायेंगी मिल? भगवा सेन ने भी सीने में किया हुआ है काफी दर्द दर्ज? वो टटोलेगें तो पता चलेगा कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं इस वक्त पुराने वाले मर्ज?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवागढ़ की यूथ पोलीटिक्स हो गई है इस वक्त बहुत ज्यादा शांत? जन-जुड़ाव से जुड़े हुए दिख नहीं रही है ये बहुत कम? ना युगल भैया के हो रहे है दर्शन? ना चौपड़ा जी की सक्रियता वाला दिख रहा है किरदार? कुछ मामला रॉबिन भैया का भी हल्का चल रहा है? लग रहा है जैसे ठाकुर साहब ने भी डाल दिये हैं हथियार? माही भी हैं यूथ पोलीटिक्स में पूरी तरह सीन से आउट? डेढ़ा जी राजनीति से ज्यादा मंदिरों के फेरे लगा रहे हैं? इस बात में नहीं है कोई डाउट?
क्यों कहा कहने वाले ने कि विपक्ष के एक अध्यक्ष की यूं ही नहीं हुई है अपने पद से विदाई? पता चला है पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष के स्वागत में जितनी ताकत लगानी चाहिए थी उनको? उन्होंने उस हिसाब से ताकत ही नहीं लगाई? कहने वाले ने कहा आठ चेहरों के साथ ही कर दिया उन्होंने अपने नेता का स्वागत? बस इसी बात से आ गई उनके पद पर आफत? मांगने पर भी नहीं दी उन्होंने गाड़ियों की संख्या की रिपोर्ट? ये ही वजह रही कि एकदम पड़ गई उनके पद पर चोट?
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लिस्ट से आउट हुए एक एसीपी साहब

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में बीते लंबे समय से एक एसीपी साहब का तबादला बाहर हुआ था, लेकिन वह अभी भी यहीं पर हैं। वहीं उनका नाम अब पुलिस कमिश्नरेट वाले सिस्टम अधिकारियोें की लिस्ट से आउट हो गया है। तो वहीं जो नए वाले एसीपी ट्रेनिंग के बाद दोबारा से भेजे गए हैं, उनका नाम अभी यहां दर्ज नहीं हो पाया है। अब ऐसा क्यों हो रहा है इसके पीछे चर्चा हो रही है। वहीं पुलिस कमिश्नरेट वाले सिस्टम के सूत्रों ने बताया है कि जिस तरह से उनका नाम अब पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद वाली लिस्ट से आउट हो गया है ,उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि उनको अब जाना होगा तो कई लोगों का कहना है कि अभी वो कुछ दिनों तक यहीं पर रहने वाले हैं। वैसे उन्होंने अभी हाल ही में अपने सर्किल की सबसे बड़ी चोरी का प्रमुखता के साथ खुलासा किया है। भले उनका नाम लिस्ट से आउट है ,पर वो अभी भी हैं, यहीं पर। पर कहा जा रहा है कि ऐसी क्या वजह है, जो इतने गुड वर्किंग अधिकारी का नाम लिस्ट से हटाया गया है। उधर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम वाले सूत्रों से जानकारी मिली है कि जब पुलिस कमिश्नरेट वाले सिस्टम की शुरुआत हुई थी, तो यहां पर लगभग 18 से अधिक एसीपी स्तर के अधिकारियों की लिस्ट बनी थी, पर सुनने में आ रहा है कि वर्तमान वाले समय में भले लिस्ट में संख्या कम नजर आ रही हो, पर कई ऐसे नाम भी हैं, जो अभी भी पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में बने तो हुए हैं, पर उनका नाम नजर नहीं आ रहा है। वहीं पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम के सूत्रों ने बताया है कि वेब साइड पर भी उन एसीपी का नाम नहीं जो अभी गए नहीं हैं। वैसे सुनने में आ रहा है कि एसीपी साहब का भी मन लग नहीं रहा है, पर उनको रिलीव नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से वह अभी यहीं पर रहते हुए अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम वाले सूत्रों पर भरोसा करें, तो अभी एक से दो सर्किल के लिए कोई नई सूचना भी जल्द ही आने वाले दिनो ंमें सुनाई दे सकती है। उधर सुनने में आ रहा है कि महाकुंभ के समापन होने के बाद पुलिस विभाग में एक महातबादला सूची भी आउट होने वाली है। इसमें कई स्तर के अधिकारियों से लेकर प्रमोशन व साइड लाइन चलने वालों को मौका मिल सकता है। देखना होगा इसका पुलिस कमिश्नरेट वाले सिस्टम पर क्या इफ्ैक्ट पकड़ा है।
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