ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद के एक विभाग में सिफारिश से बिगड़ जाता है काम
बड़े अधिकारी ने माइक पर बोला था- मेरी सिफारिश पर हो गया नुकसान
गाजियाबाद । वैसे तो सरकार के साथ ही इस बात की तकरार है कि अधिकारी नहीं सुनते हैं, लेकिन गाजियाबाद का एक सरकारी विभाग ऐसा है जहां अधिकारी की भी नहीं सुनते हैं। यहां सिफारिश कराते ही आपका काम बिगड़ जाएगा और अगर आप लेन-देन के सिस्टम से आ रहे है तो काम बन जाएगा। ये विभाग ऐसा है कि यहां सिफारिश आपको नुकसान पहुंचा सकती है। सूत्र बताते हैं कि बीते दिनों एक मौके पर विभाग में आयोजित कार्यक्रम में इस विभाग के बड़े अधिकारी ने माइक पर ये बोला था कि मैं किसी ओर की क्या हूं मैंने किसी की सिफारिश की थी। इसी महकमें में सिफारिश की थी और मेरी सिफारिश के बाद आप यकीन करें कि उसका काम नहीं हुआ बल्कि उलटे उसका नुकसान हो गया। मुझे अगर पता होता तो मैं सिफारिश ही नहीं करता।
ये सिफारिश किसी सामान्य व्यक्ति की नहीं थी, ये उसी महकमे के बड़े अधिकारी की सिफारिश थी। सूत्र बताते हैं कि ये ऐसा विभाग है जहां विधायक और सांसदों की सिफारिश फेल है। यहां अगर आपने किसी भी बड़े स्तर से बड़े अधिकारी को सिफारिश का फोन भी करा लिया तो आपके साथ खेल हो जाएगा। आपका पूरा सिस्टम फेल हो जाएगा। अगर सिफारिश हो गई तो फिर फाइल में इतने लीगल अड़ंगे आएंगे कि आप उन्हें दूर करते-करते थक जाएंगे। शुरू में जो आपसे डिमांड की गई होगी उस डिमांड के रेट चार गुणा बढ़ जाएंगे। ये एक ऐसा विभाग है जहां हर काम के रेट तय हैं। अगर इस विभाग के कर्मचारियों की ही चाहे वो लिपिकीय हों या तकनीकी हों, उनकी संपत्ति की जांच हो जाए तो एक-एक कर्मचारी कई-कई करोड़ का मालिक मिलेगा, लेकिन बड़ा सवाल ये है कि जब ये महकमा अपने बड़े अधिकारियों की ही नहीं सुन रहा तो फिर किसकी सुनेगा।
ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान 2031 को स्वीकृति दी, TOD नीति लागू होगी

गाजियाबाद में घर खरीदने वालों के लिए खुशखबरी
गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गाजियाबाद शहर के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण समाचार है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने पिछले तीन वर्षों में कई संशोधनों के बाद इंटीग्रेटेड मास्टर प्लान 2031 को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) नीति को लागू किया जाएगा, जिसका मुख्य उद्देश्य परिवहन सुविधाओं के इर्द-गिर्द कॉलोनियों का विकास करना है, ताकि सभी की कनेक्टिविटी में सुधार हो सके।
इस मास्टर प्लान के अंतर्गत पांच गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा और पहले से अधूरी योजनाओं को पूरा किया जाएगा। गाजियाबाद के रैपिड रेल, मेट्रो और एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के आस-पास आवासीय और वाणिज्यिक परियोजनाओं का विकास किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, प्राधिकरण ने मधुबन बापूधाम हाउसिंग स्कीम के संशोधित लेआउट को भी मंजूरी दी है, जिसमें श्मशान भूमि पर बने 373 प्लॉट्स को पुनः आवंटित किया गया है। बैठक में यूपी सरकार की प्रतिज्ञा योजना के तहत गालंद में 0.431 हेक्टेयर भूमि को कृषि भूमि से औद्योगिक प्लॉट में परिवर्तित करने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है।
ग़ाजियाबाद
कृष्णा नगर बागू, गाजियाबाद में पानी की कमी, जल निगम की टंकी के सामने प्रदर्शन

गाजियाबाद। नगर निगम के वार्ड नंबर 1 में स्थित कृष्णा नगर बागू के निवासियों ने पानी की कमी के खिलाफ सुदामापुरी में जल निगम की टंकी के बाहर प्रदर्शन किया। गुस्साए व्यक्तियों ने नगर निगम के खिलाफ ‘हाय-हाय’ के नारे लगाए और जल आपूर्ति को शीघ्र बहाल करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले कई दिनों से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है, जिससे उन्हें नहाने, खाना पकाने और पीने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की कमी के चलते लोग पानी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार नगर निगम अधिकारियों को शिकायतें की हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं आया है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पानी की समस्या का तुरंत समाधान नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे।
ग़ाजियाबाद
गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।
मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।
रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।
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