गरम मसाला

क्या अभी पुलिस की टेंशन और बढ़ाएंगे बाजार

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पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम के सूत्रों से जानकारी मिली है कि भले ही बाजार को लेकर लखनऊ वाले साहब बड़ा फरमान दें गए हों लेकिन अभी भी पुलिस कमिश्नरेट के लिए टेंशन वाला दौर जारी रह सकता है। पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि एक भवन में हुई प्रशासनिक और राजनीतिक चेहरों की मीटिंग के बाद भी अभी बहुत सारे मामलों में पेंच फंसा हुआ है। सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस के अधिकारी बाजार वाली बात को लेकर अभी कुछ और चर्चा हो सकती है। वहीं पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि जैसे ही शनिवार को लखनऊ से आने वाले साहब ने इस मामले से पुलिस को साफ-साफ दूर रहने वाली बात की, तो कई अधिकारी और थाना प्रभारी से लेकर एसीपी खुश नजर आए हैं, पर सूत्र बता रहे हैं कि शाम को बाजार को लेकर जो आदेश आया है, वह अभी कितने दिन जारी रहेगा, इसको लेकर संशय है। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले लोकल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बंद कमरे में हुई अधिकारियों और नेताओं वाली बैठक में भी अभी पुलिस इस मामले पर पूरी तरीके से बैक फुट पर नहीं आई है। सुनने में आ रहा है कि अधिकारी अभी जाम और बाजार से लगने वाले तामझाम की बात मीटिंग में रख चुके हैं। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर बाजार वाला मामला दोबारा आया तो फिर इसमें व्यापारियों के साथ वह दल भी उतर आएंगे जो अभी इस आंदोलन में पूरी तरीके से नहीं आए थे। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि वैसे बाजार वाले फैसले पर जो फरमान सुनाया गया है, उसके कई और मायने भी पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों द्वारा लगाने शुरू कर दिए गए हैं। कहा जा रहा है कि जिस तरीके का फरमान लखनऊ वाले साहब सुनाकर गए हैं उसके पीछे भी कहीं ना कहीं महाराज जी का ही निर्देश रहा होगा। वैसे पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम में शनिवार को हुए कार्यक्रम में एक अधिकारी के नजर नहीं आने की भी चर्चा जमकर हुई है। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद में आने वाले दिनों में पुलिस की बाजार कितनी टेंशन बढ़ाते हैं और क्या यह टेंशन अब दोबारा शुरू नहीं होगी, इस बात को देखा जाना अभी शेष है। वैसे जिस अंदाज में लखनऊ से आने वाले साहब ने बयान दिया है, उसके कई और मायने भी लखनऊ और प्रदेश वाले सूत्र लगा रहे हैं।

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