गरम मसाला
कौन होगा इन और आउट, 26 के बाद दूर होगा डाउट

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में इन दिनों चर्चा सुनाई दे रही है कि किसपर कृपा होगी और कौन साइड लाइन किया जाएगा। वहीं पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम बनने के बाद महाशिवरात्रि पर्व के बाद बदलाव वाले समीकरण बनते हंै। वहीं यहां की ड्यूटी किसी को फटकार लगवाती मिलती है, तो किसी के लिए इनाम वाले योग बनते हैं। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में बीते साल वाला सीन देखा जाए तो चर्चाएं बहुत हो रही हैं। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि इस बार स्थिति क्या रहती है, यह देखने लायक होगा। वहीं जिस तरह से लखनऊ और प्रदेश वाले सूत्र जानकारी दे रहे हैं कि 26 तारीख के बाद पुलिस कमिश्नरेट से लेकर यूपी पुलिस में बड़े फेरबदल और बदलाव की चर्चा चल रही है। पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश स्तर पर 26 तारीख के बाद बड़ी लिस्ट जारी होने वाली है। तो वहीं आईपीएस से लेकर पीपीएस और कई स्तर के अधिकारियों के तबादले भी हर हाल में होने की जानकारी आ रही हैं। सूत्र बता रहे हैं कि पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम को लेकर भी दो से तीन सूचनाएं सामने आ सकती हैं। इसमें डीसीपी और एसीपी स्तर के अधिकारियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं। वहीं लोकल स्तर पर होने वाले जलाभिषेक कार्यक्रम का भी असर देखने को मिल सकता है। वहीं सूत्र बता रहे हैं कि दूधेश्वरनाथ वाली ड्यूटी को लेकर इस बार बेहद महत्वपूर्ण स्थिति रहने वाली है। यहां अच्छी ड्यूटी पर ईनाम और लापरवाही पर कार्रवाई वाला सीन बन सकता है। वहीं जिस तरीके से बीते दिनों पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में सिटी के कई चौकी प्रभारियों पर कार्रवाई की गई है उसके बाद कई चौकी प्रभारी बेहद साइलेंट वाले मोड पर आ गए हैं। उधर कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि आज से शुरू हो रहा निरीक्षण का दौर रविवार को मीटिंग तक पहुंचने वाला है। अब देखना होगा कि रविवार तक किसको क्या सजा मिलती है और किसका काम बेस्ट दिखता है। उधर पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि सिटी में होने वाले बेहद बड़े आयोजन में कौन-कौन खास अधिकारियों के चेहरे यहां ड्यूटी पर देखने को मिलेंगे, यह भी बेहद महत्वपूर्ण रहेगा। उधर पुलिस कमिश्नरेट वाले सूत्र बता रहे हैं कि 26 के बाद किस पर महादेव की कृपा होती है, यह देखना भी बेहद महत्वपूर्ण होगा कि कौन इन और कौन आउट होगा।
उठते सवालों का करंट
उठते सवालों का करंट

क्यों कहा कहने वाले ने कि जिस तरह भगवा कमांडर संजीव शर्मा कर रहे हैं जनता के काम? कार्यकर्ताओं के घर पहुंच कर दे रहे हैं वो रोज अपने तन के पैगाम? कहने वाले ने कहा सुबह करते हैं घर पर जनसुनवाई और उसके बाद शुरू हो जाते हैं उनके जनसम्पर्क के प्रोग्राम? कहने वाले ने कहा अगर उनकी यूं ही स्पीड बनी रही, तो हमें लग रहा है कहीं आ ना जाये उनका सबसे एक्टिव जनप्रतिनिधि के तौर पर वर्ल्ड बुक में नाम? कहने वाले ने कहा हम तो ये सोच रहे हैं आखिर हमारे माननीय जी कब करते होंगे आराम?
क्यों कहा कहने वाले ने कि इसमें कोई शक नहीं कि कमांडर के दोस्त पहलवान हर प्रोग्राम में मेहनत करते हैं खास? कार्यक्रमों को सफल कराने का उनका पुराना है इतिहास? कहने वाले ने कहा हाल ही में उन्होंने सफल तिरंगा यात्रा का भी सम्पन्न किया है प्रोग्राम? हमारी अब इस बात पर नजर है कि आज वो दोस्त की तिरंगा यात्रा पर देंगे ध्यान? क्या नदिया के उस पार से इस आकर वो करेंगे दोस्त की फिक्र? यूं ही मैं इस बात को नहीं कह रहा था? कहीं बैठा था वहां हो रहा था कुछ शहर सीट से पहलवान की दूरियों का जिक्र?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा जनप्रतिनिधि के पास जब भी कोई जाता है अपनी मन की ले के अरदास? सुना है वो इस अरदास को दिल और दिमाग दोनों तरीके से सॉल्व करते हैं? हिसाब लगाते हैं कहां दिल लगाना है और कहां दिमाग? पता चला है एक ओबीसी चेहरा गया था उनके पास? पूछा था क्या मैं भगवा योद्धा के पास लगा दूं कुछ मिलने की अरदास? सामने से जनप्रतिनिधि ने कहा कि हमें नहीं है तुम्हारे वहां पर जाने से कोई परेशानी? अगर कुछ ना मिले तो फिर वापस लौट कर हमारे पास मत आना? खत्म समझना हमारी किताब से तुम्हारी कहानी?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा डांसिंग जैक से उस वक्त भगवा योद्धा हो गये नाराज? जब उनको पता चला जिस मीटिंग की जिम्मेदारी डांसिंग जैक को दी थी? उस जिमेदारी को उन्होंने आगे ट्रांसफर कर दिया था साहब? जब मीटिंग में संभावित चेहरे नहीं आये नजर? तब इस बात का हुआ कहीं जिक्र? सुना है भगवा योद्धा ने डांसिंग जैक को कर दिया स्पष्ट? कहा जब आपको मिले जिम्मेदारी तो उसी पूरी शिद्दत से निभाओ? नहीं तो होता है हमको कष्ट?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नदिया पार के एक भगवा कमिश्नर हो गये हैं इस वक्त बहुत ज्यादा परेशान? सुना है उनके ये दर्द भरे शब्द तब निकले? जब चल रहा था उनके एरिया में पार्टी का प्रोग्राम? वो अपनी बातों से दे रहे थे तरह-तरह के अर्थ? कह रहे थे पार्टी इतना काम करा रही है, हमारा तो काम-धंधा ही हो गया है व्यर्थ? कब संभालेंगे हम अपनी व्यवसायिक जिम्मेदारी? अगर पार्टी इसी तरह कार्यक्रम पे कार्यक्रम करती रही जारी?
क्यों कहा कहने वाले ने कि नादिया पार की भगवा कमिश्नर इन दिनों हैं बहुत ज्यादा हैरान? उनकी टीम के कुछ सदस्य कर रहे थे इस बात की चर्चा? कह रहे थे मैडम की टीम में वो चेहरे आने का कर रहे हैं प्रयास? जो उनके कहने पर नहीं कर रहे है काम? क्षेत्र से लेकर प्रदेश वालों की वो मैडम की टीम में आने को लेकर लगा रहे हैं सोर्स? कहने वाले ने कहा क्या करायेंगी मैडम ऐसे चेहरों से काम? जो दूसरों के कहने पर बनी हों फोर्स?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवागढ़ में इस वक्त तेजी से घूम रहा है ओबीसी कार्र्यकर्ता को ओबीसी नेता द्वारा हाथ झटक कर दूर धकेलने का किस्सा? सुना है उनकी ये वीडियो बन गई है इस वक्त कई फोन में हिस्सा? कहने वाले कह रहे हैं हम खुद अपने ओबीसी नेता के इस व्यवहार को देखकर हो रहे हैं हैरान? हमने कभी उनको इतने गुस्से में नहीं देखा? पता नहीं क्यों दिया उन्होंने इस तरह की कार्यवाही को अंजाम?
क्यों कहा कहने वाले ने कि सुना है आजकल भगवागढ़ में हो रही है मीटिगें तमाम? महत्वपूर्ण मीटिंग में डेढ़ घंटा पहले ही तमाम चेहरों को बुला लिया जाता है श्रीमान? हमें पता चला है ऐसी ही एक मीटिंग में पहुंचकर बाऊजी और कई भगवाधारी हो गये नाराज? कहने लगे हम तो मीटिंग शुरू होने से 15 मिनट पहले ही आ जायेंगे? पता नहीं क्यों डेढ घंटे पहले हमें बुलाया जा रहा है साहब? हम चाहते हैं कि बुलाने वाले रखें थोड़े हमारे समय का भी ध्यान? आखिर हमारी कुछ पारिवारिक और समाजिक जिम्मेदारियां भी हैं? जिस पर करना होता है हमको काम?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जिस वक्त भगवा युवा और होटल वाले के बीच में सैंकड़ों वाली रकम को लेकर हो रहा था विवाद? कहने वाले ने कहा ये रायता इतना नहीं फैलता? अगर उस वक्त होटल के सामने से एक गाड़ी नहीं गुजरी होती साहब? कहने वाले ने कहा इस गाड़ी में एक ताकतवर चेहरे के समर्थक थे सवार? उनको हो गये इस पूरी झगड़े वाली कार्यवाही के दीदार? बस फिर क्या था जंगल में आग की तरह फैल गई बात? ये तो शुक्र है भगवा योद्धा बीच में आ गये? नहीं तो और भी रायता फैल जाता साहब?
क्यों कहा कहने वाले ने कि गागर में सागर भरने वाले मिस्टर नागर को भरे मंच से भगवा योद्धा ने अहिल्या जी की संगोष्ठी वाला सौंपा है प्रोग्राम? दे दिया है उन्होंने मिस्टर नागर को लेकर मंच से मजबूत पैगाम? कहने वाले ने कहा संगोष्ठी को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है श्रीमान? देखना अब ये है कि मिस्टर नागर भगवा योद्धा की महत्वाकाक्षांओं को कितना देंगे अंदाज? वैसे भी योद्धा का भीड़ जुटाने में नहीं है कोई तोड़? देखना अब ये है मिस्टर नागर संगोष्ठी के बहाने उनकी हसरतों को देते है किस तरह का मोड़?
चिंटू जी
चिंटू जी
पुलिसनामा
अंडर ट्रेनी जाएंगे 30 दिन की ट्रेनिंग पर

पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में हर पुलिसकर्मी का अपना महत्व है। है। तो पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद की बात की जाए तो तीनों जोन मिलाकर वर्तमान में लगभग सात सौ से अधिक अंडर ट्रेनी टू.स्टार शामिल हैं। हर जोन में बड़ी संख्या में पुलिस के अंडर ट्रेनी टू.स्टार आए थे। पुलिस सूत्र बता रहे हैं कि अंडर ट्रेनी वाले अब दोबारा से ट्रेनिंग के लिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि यह ट्रेनिंग लगभग 30 दिनों की रहने वाली है। जिसमें इनको आगे की वर्किंग के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जाएगी। वहीं पता चला है कि वर्तमान में पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सिस्टम में 700 से अधिक अंडर ट्रेनी अलग.अलग थानों से लेकर चौकी और अन्य महत्वपूर्ण कार्यालयों के साथ ही साइबर सेल व अन्य अपराध नियंत्रण के काम में लगे हुए हैं। उनके आदेश आने से जहां कुछ दिनों के लिए विभिन्न प्रकार के मामलों में रुकावट का ग्राफ देखने को मिल सकता है। तो वहीं बड़ी संख्या में पुलिस बल की कमी भी महसूस होगी। वैसे भी अभी भीषण गर्मी वाला दौर चल रहा हे ऐसे में चोरी व लूटपाट.झपटमारी की वारदातों का ग्राफ अधिक रहता है। ऐसे में बड़ी संख्या में फील्ड ड्यूटी से टू.स्टार अंडर ट्रेनी कम होने का असर साफ नजर आएगा। वहीं सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि लगभग 300 से अधिक अंडर ट्रेनी टू.स्टार ट्रेनिंग पर गए हुए हैं। तो आने वाले कुछ दिनों में कई और टू.स्टार अंडर ट्रेनी बड़ी संख्या में गाजियाबाद से रवाना किए जाएंगे। तो पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद वाले सूत्र बता रहे हैं कि इन अंडर ट्रेनी के जाने से थाने और चौकी के कई महत्वपूर्ण काम थोड़े स्लो हो जाएंगेए पर जिस तरीके से पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में इन दिनों हर काम को लेकर समय सीमा तय कर दी गई हैए उसके चलते प्रभारी का ध्यान रहेगा कि समय रहते सभी काम पर फोकस किया जाए। कुल मिलाकर पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में जिस तरीके से सिटीजन चार्टर प्लान लागू किया गया हैए आने वाले दिनों में आम जनता को उसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही तमाम तरीके की वेरीफिकेशन और जांच से लेकर अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी पुलिस को समय सीमा के अंदर करके देने हैं। साथ ही पुलिस के अधिकारी महत्वपूर्ण मामलों में लगातार सीधे पीडित से फीडबैक भी प्राप्त कर रहे हैं। जो कहीं ना कहीं पुलिसकर्मियों की वर्किंग और रैंकिंग में सुधार लाने वाला काम होगा।
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