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दिल्ली

केजरीवाल के गढ़ में घुसकर दी मात, पिता भी रहे मुख्यमंत्री; कौन हैं प्रवेश वर्मा? जिनके दिल्ली CM बनने की चर्चा

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रचंड जीत की ओर आगे बढ़ रही है। 70 में 48 सीटों के साथ बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है। बीजेपी की ओर से नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 4,089 वोटों से शिकस्त दी है।

अरविंद केजरीवाल को हराकर नई दिल्ली सीट को बीजेपी की झोली में डालने वाले प्रवेश वर्मा का नाम मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार तौर पर सबसे आगे चल रहा है। आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को हराने का बाद प्रवेश वर्मा की उम्मीदवारी और मजबूत हो गई है। हालांकि ये कहना अभी जल्दबाजी ही होगी प्रवेश वर्मा दिल्ली के नए सीएम होंगे क्योंकि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व अपने फैसलों से कई बार चौंका चुका है।

कौन हैं प्रवेश वर्मा जिन्होंने केजरीवाल को दी मात?

प्रवेश वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को दिल्ली के हिंदू जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता साहब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे हैं और मां का नाम रामप्यारी वर्मा है, प्रवेश शर्मा एक भाई और तीन बहने हैं। प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के डीपीएस आरके पुरम से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की और उसके बाद किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली, वहीं इंटरनेशनल बिजनेस से एमबीए भी किया।

प्रवेश वर्मा का राजनीतिक सफर

प्रवेश वर्मा के राजनीतिक सफर की बात करें तो साल 2013 में उन्होंने महरौली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री को हराया। इसके बाद साल 2014 में पश्चिमी दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार महाबल मिश्रा को हराया। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने 6 उम्मीदवारों को बदला जिसमें प्रवेश वर्मा भी शामिल थे क्योंकि पार्टी उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी और एक बार 2025 में फिर उन्हें मौका दिया। प्रवेश वर्मा ने भी पार्टी को निराश नहीं किया और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल को हराकर नई दिल्ली की सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाल दी। उम्मीद जताई जा रही है कि भाजपा भी प्रवेश वर्मा को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री बना सकती है।

कितनी संपत्ति के मालिक हैं प्रवेश वर्मा?

प्रवेश वर्मा की संपत्ति की बात करें तो चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति 90 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसमें 77.89 करोड़ रुपए की चल संपत्ति और 12.19 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति शामिल हैं। इनमें कृषि योग्य भूमि, गोदाम और घर शामिल हैं।

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दिल्ली

दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिक को RK पुरम पुलिस ने पकड़ा

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दक्षिणी दिल्ली। आरके पुरम थाने की टीम ने इलाके में स्क्रैप खरीदने के लिए घूम रहे एक अवैध बांग्लादेशी को पकड़ा है। आरोपी ने 2022 में बेनापोल-पेट्रापोल बॉर्डर के जरिए घुसपैठ की थी। वह कोलकाता से ट्रेन के जरिए दिल्ली पहुंचा था।
पुलिस से बचने के लिए वह लगातार ठिकाने बदल रहा था। पुलिस आरोपी को एफआरआरओ (विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय) के जरिए वापस बांग्लादेश भेज रही है।
दक्षिण-पश्चिम जिला पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि 13 मार्च को आरके पुरम थाने की टीम को सूचना मिली कि एक संदिग्ध व्यक्ति बाजार से कबाड़ खरीदने के लिए मोहम्मदपुर गांव में घूम रहा है। टीम ने मौके पर पहुंचकर संदिग्ध व्यक्ति को पकड़ लिया।
बांग्लादेश का निकला
प्रारंभिक पूछताछ में उसने दावा किया कि वह मालदा, पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। हालांकि सत्यापन के बाद उसकी असली पहचान अफजुद्दीन गाजी उर्फ ​​गाजी निवासी गांव सैगुरा थाना मुंसीगंज जिला ढाका (बांग्लादेश) के रूप में हुई।
आरोपी अफजुद्दीन ने अपने गांव के मदरसे से दूसरी कक्षा तक पढ़ाई की है। उसके दो भाई और दो बहन हैं। उसने दलाल रफीक के जरिए बेनापोल-पेट्रापोल सीमा पार की थी, जिसके लिए उसने 4000 रुपये लिए थे। रफीक ने रात में कंटीले तारों की बाड़ काट दी थी, जिसके जरिए वह और तीन अन्य लोग सीमा पार कर घुसपैठ कर गए थे।
सुबह उन्हें आगे की यात्रा के लिए पास के बस टर्मिनल पर ले जाया गया। वहां से सभी कोलकाता पहुंचे, जहां से उन्होंने ट्रेन पकड़ी और दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने विभिन्न जगहों पर काम किया। पहले वह पुरानी दिल्ली में कूड़ा बीनने का काम करता था।
अलग-अलग कॉलोनियों से खरीदता था कबाड़
फिर उसने अलग-अलग बाजारों और कॉलोनियों से कबाड़ खरीदना शुरू कर दिया। पुलिस ने आरोपी अफजुद्दीन गाजी उर्फ ​​गाजी को एफआरआरओ, आरके पुरम के समक्ष पेश किया।
एफआरआरओ के उप निदेशक ने विदेशी अधिनियम, 1948 के तहत भारत में उसकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया और उसे बांग्लादेश भेजे जाने तक सेवा सदन, शहजादा बाग में रखने का आदेश दिया।

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ग़ाजियाबाद

60 लाख के गांजे के साथ क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट ने किया 12वीं पास तस्कर गिरफ्तार

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कई राज्यों से होकर निकलता था गांजे का ट्रक – साड़ियों में छुपाया जाता था नशे का माल

गाजियाबाद : त्यौहारी सीजन के बीच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में क्राइम ब्रांच की टीम ने उड़ीसा से दिल्ली-एनसीआर में लाकर गांजा तस्करी करने वाले शातिर गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने इसकी निशानदेही पर लगभग 121 किलो गांजा, जिसकी कीमत लगभग 60 लखा रुपए से अधिक बताई जा रही है। क्राइम ब्रांच की टीम ने बताया है कि 12वीं पास एटा का रहने वाला 22 वर्षीय मोहित यादव बीते कई सालों से इस धंधे को अंजाम दे रहा था। क्राइम ब्रांच गाजियाबाद के एडीसीपी पीयूष कुमार सिंह ने बताया है की सूचना के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही कैंटर गाड़ी और माल बरामद किया गया है। इसके अन्य साथियों की पुलिस तलाश कर रही है।
उड़ीसा से दिल्ली-एनसीआर तक आता था माल
क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपी मोहित यादव से पूछताछ की है,तो उसने बताया है कि उसे एक चक्कर के 20 हजार रुपये मिलते थे। यह उड़ीसा से माल लेकर दिल्ली-एनसीआर आता था। इस दौरान कई राज्यों की सीमा से होकर कैंटर गुजरता था। कैंटर में साड़ियां रखी रहती थीं, जिससे पुलिस और अन्य जांच करने वाली टीम सोचती थी कि इसमें माल जा रहा है जबकि इसमें मादक पदार्थ की तस्करी की जाती थी। पुलिस ने बताया है कि इसके कई साथियों की पुलिस तलाश कर रही है। कैंटर में मौजूद दो अन्य साथी फरार हैं। पुलिस उनको भी ढूंढने का काम कर रही है।
आरोपी नहीं रखता था मोबाइल और कोड वर्ड में करता था बात
करंट क्राइम : पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद सिस्टम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पकड़ा गया आरोपी मोबाइल नंबर बंद कर देता था और जब गांजा सप्लाई को निकलता था, तो वह मोबाइल भी कम इस्तेमाल में करता था। साथ ही जिन लोगों से वह फोन पर बात करता था, उनसे कोड वर्ड में बातचीत किया करता था।

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उत्तर प्रदेश

पोस्ट ऑफ द डे

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