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ग़ाजियाबाद

एजेंडा पहुंचा लेट इसलिए निगम की बैठक हो गई अनिश्चितकाल के लिए पोस्टपोंड

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दर्जनों एजेंडों पर नगर निगम की बैठक में होनी थी चर्चा

गाजियाबाद : सोमवार को नगर निगम के सभागार में होने वाली नगर निगम बोर्ड की बैठक एक बार फिर लंबे समय के लिए होल्ड हो गई है।
बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम पार्षदों को एजेंडा मिला। नियमानुसार एजेंडा लगभग 72 घंटे पहले मिलना चाहिए जबकि यह 48 घंटे पहले ही मिला था, जिसकी वजह से सोमवार को होने वाली नगर निगम की बोर्ड बैठक को होल्ड कर दिया गया है। यह बैठक दोबारा कब होगी, इसकी अभी घोषणा नहीं की गई है।
इस बैठक के होल्ड होने की वजह से तमाम तरीके के एजेंडें, विकास कार्ये और महत्वपूर्ण विषय भी रुक जाएंगे। सोमवार को होने वाली नगर निगम बोर्ड बैठक में जहां पुन: निरीक्षित बजट द्वितीय वर्ष 2024-25 पर चर्चा होनी थी। तो वहीं महापौर सुनीता दयाल द्वारा तमाम विषयों पर भी मंत्रणा करवाई जानी थी।
पैठ बाजार, मैरिज होम्स, अवैध विज्ञापन सहित कई मुद्दों पर होनी थी चर्चा
सोमवार को नगर निगम में जो बोर्ड बैठक होनी थी, उसे लंबे समय के लिए होल्ड कर दिया गया है। अब दोबारा नगर निगम बोर्ड बैठक के लिए तिथि तय होगी और फिर उसकी सूचना दी जाएगी। महापौर द्वारा जिन विषयों पर चर्चा कराई जानी थी, उसमें सड़क पर लगने वाले खोखे, ठेली, पटरी को व्यवस्थित करने हेतु वेंडिंग जोन का निर्माण के लिए पॉलिसी तय करनी थी। साथ ही साप्ताहिक बाजार को व्यवस्थित करने के लिए पॉलिसी लानी थी। वहीं नगर निगम की दुकानों कियोस्क के मालिकाना हक के प्रस्ताव पर विचार होना था। इसके साथ ही डूडाहेड़ा में रिक्त भूमि पर निगम की आय बढ़ाने के लिए व्यावसायिक परिसर में मैरिज होम, स्पोर्ट्स कंपलेक्स, रेस्टोरेंट और स्विमिंग पूल आदि के निर्माण का प्रस्ताव आना था। वहीं गाजियाबाद नगर निगम की ऐसी संपत्ति जिनको शादी ब्याह व अन्य कार्यक्रमों के लिए आरक्षित किया जाता है, उनपर नीतिगत निर्णय और उनकी बुकिंग व धनराशि जमा करने के लिए आॅनलाइन पोर्टल की शुरूआत का प्रावधान लाना था। तो वहीं नगर निगम सीमाअंतर्गत विशेष रूप से घरों की छत पर रूफटॉप पर जो अवैध विज्ञापन और र्होडिंग्स लगाए जा रहे हैं, उसपर पॉलिसी तय होनी थी। नगर निगम सीमा अंतर्गत सड़क किनारे सार्वजनिक स्थलों पर बिल्डिंग मटेरियल क्रय करने वाले सड़क पर अतिक्रमण करते हैं। जिससे यातायात बाधित होता है, इस विषय पर भी महत्वपूर्ण निर्णय होने थे। वहीं नगर निगम में कार्यरत कंप्यूटर आॅपरेटर्स की सैलरी पर विचार होना था। इसके साथ ही शहर के कई तमाम विकास और प्रगति वाले प्रोजेक्ट भी शुरू किए जाने थे।
दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर से शिफ्ट होनी थीं 45 दुकानों पर होना था विचार
नगर निगम की बोर्ड बैठक होती तो इसमें जस्सीपुरा मोड़ से दूधेश्वरनाथ मठ मंदिर को जाने वाली सड़क पर स्थित दुकानों को तोड़कर सड़क का चौड़ीकारण किए जाने एवं तोड़ी गई दुकानों को नए बस अड्डे के पास एबीसी सेंटर के सामने विस्थापित की जाना था। इस भूमि पर लगभग 45 दुकानों को निर्मित किया जाना है, यह प्रस्ताव भी सदन में रखा जाना था। बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहर सीट पर हुए उपचुनाव में मंच से घोषणा की थी कि बाबा दूधेश्वरनाथ मंदिर का कॉरिडोर बनेगा। इसके लिए शहर विधायक संजीव शर्मा और गाजियाबाद के वर्तमान सांसद अतुल गर्ग भी लगातार प्रयासरत हंै।
पार्किंग शुल्क वसूलने की नई दरें भी होनी थी तय
नगर निगम की बैठक होती तो सदन में श्रेणी ए ,श्रेणी बी और भी कई अन्य श्रेणी में पार्किंग शुल्क वसूलने की दरें तय होनी थी। इसमें पार्किंग शुल्क प्रति घंटे के हिसाब से प्रतिदिन और प्रतिमाह के पास भी बनाने का प्रावधान रखा जाना था। इसके साथ ही चार पहिया, दो पहिया, तीन पहिया वाहनों का भी अलग शुल्क और व्यावसायिक वाहनों का अलग शुल्क निर्धारित करने की प्लानिंग सदन में रखी जानी थी।
पूर्व मंत्री के स्कूल में नहीं पहुंचती कूड़े वाली गाड़ी
नगर निगम शहरभर में कूड़े सफाई व अन्य व्यवस्थाओं का दावा कर रहा है। तो वहीं नगर निगम को महर्षि दयानंद विद्यापीठ गोविंदपुरम गाजियाबाद के द्वारा प्रार्थना प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया है कि वहां पर कूड़ा उठाने के लिए कोई नहीं जाता है। ना ही कूड़े की कोई गाड़ी कूड़ा व्यवस्था के लिए पहुंच रही है। बता दें महर्षि दयानंद विद्यापीठ गोविंदपुरम उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री और लंबे समय तक कई कार्यकाल में विधायक रहे बालेश्वर त्यागी का शैक्षिक संस्थान है।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय आॅडिटोरियम की लीज का भी उठता विषय
सोमवार को नगर निगम के सभागार में जो बैठक होनी थी, उसमें नेहरू नगर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ओडीटोरियम को 15 वर्ष की अवधि के लिए वार्षिक किराए पद्धति पर संचालित करने के लिए लीज पर देने का जो प्रोजेक्ट था, उसपर भी चर्चा होनी थी लेकिन बोर्ड बैठक न होने की वजह से फिर यह विषय लंबे समय के लिए अटकता हुआ नजर आ रहा है।
बैैठक में तय होना था लोकल वेंडर्स का प्लेस व रेट
नगर निगम गाजियाबाद सीमा अंतर्गत फेरी, पटरी और साप्ताहिक बाजार में दुकान लगाने वाला मामला इन दिनों गर्माया हुआ है। इसको लेकर भी पूरी रणनीति और रेट तय होने थे। जिसमें रजिस्ट्रेशन शुरू रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड के जरिए होता। इसमें प्रति रजिस्ट्रेशन 200 रुपये प्रति व्यक्ति, ठेली लगाने के लिए वेंडिंग शुल्क अधिकतम 8 घंटे के लिए 600 रुपये प्रतिमाह और 7200 प्रतिवर्ष। वहीं चलित ठेला निर्धारित वेंडिंग शुल्क अधिकतम 8 घंटे 300 रुपये प्रतिमाह और 3600 प्रतिवर्ष। इसके साथ ही समस्त पैठ विक्रेताओं को पहचान पत्र भी दिए जाएंगे, जिसका शुल्क लगभग 40 रुपये नगर निगम द्वारा तय किया गया है।
दर्जनों विकास कार्यों की योजनाओं पर फिर लगा ब्रेक
नगर निगम की बैठक होती तो उसमें शहर के विकास और अन्य योजनाओं को गति प्रदान करने के लिए मोहर लगती। उनपर चर्चा होती लेकिन निगम की बैठक फिर लंबे समय के लिए टल गई बताई जा रही है। अब बैठक कब होगी तब तक के लिए इन तमाम विकार्याें की योजनाओं पर ब्रेक लग गया है।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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Here’s a rewritten version of the content:

गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।

मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।

रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।

Feel free to ask for further changes!

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में 109 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, पश्चिम बंगाल से संचालित ठगों का नेटवर्क सक्रिय

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गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खोज की है। जांच से पता चला है कि जिले में 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित हैं।

गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकाने उजागर हुए।

पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के अलावा झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों का सक्रिय नेटवर्क पाया गया। इसके साथ ही एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह का पता चला है।

जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकतर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के माध्यम से ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपने निशाने पर रखा।

कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं, जिनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का योजना बना रही है।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में महिला ने पति और ससुराल वालों पर 10 लाख रुपये दहेज न देने पर मारपीट और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया

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गाजियाबाद। वैशाली क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने अपनी तहरीर में कहा कि ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग की, जिसे न पूरा करने पर उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

महिला के अनुसार, उनकी शादी 25 नवंबर 2022 को दिल्ली के निवासी आशीष से हुई थी। विवाह के बाद उन्होंने जाना कि उनके पति पर लगभग 12 लाख रुपये का कर्ज है। इसी कारण, ससुराल वाले 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग करने लगे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो महिला को बार-बार प्रताड़ित किया गया।

महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार घर के भीतर उनकी हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन वह बच गईं। अक्टूबर 2024 में, उनके पति ने उन्हें अपने रिश्तेदार के घर ले जाकर दहेज की मांग पूरी न होने पर वहां रखने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो दुपट्टे से उनका गला दबाने की कोशिश की गई और अंततः उन्हें घर से निकाल दिया गया।

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसीपी इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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