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एक मार्च को होगी अगली सुनवाई अजमेर दरगाह विवाद पर

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अजमेर, 24 जनवरी। अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे की याचिका पर शुक्रवार को सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिका दायर करने वाले पक्षों ने अपनी दलीलें पेश कीं। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 1 मार्च को तय की है।

अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि शुक्रवार को अदालत में 7/11 के मामले में दरगाह कमेटी द्वारा अपना जवाब दिया गया है। इस मामले में अगली तारीख 1 मार्च तय की गई है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से यह तय हो गया है कि सज्जादानशीन ही दरगाह के प्रमुख होते हैं। दूसरे पक्ष ने जो दावा किया है, वह सिर्फ लोगों को भ्रमित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। दरगाह भी वर्शिप एक्ट में आती है, अगर कोर्ट में इस पर कोई दलील दी जाएगी तो हमारी तरफ से भी पक्ष रखा जाएगा।

अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कहा, “हमने आज न्यायालय में पृथ्वीराज रासो की पुस्तक का हवाला दिया। पिछले 800 साल में दरगाह को लेकर ऐसी किसी स्थिति का जिक्र नहीं है। इसके अलावा 2003 में एएसआई द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है। दूसरे पक्ष द्वारा आज की किताबों के हवाले से दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हमारे पास तो 800 साल पुरानी किताबें मौजूद हैं जिनमें दरगाह को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है।”

याचिकाकर्ता विष्णु गुप्ता ने कहा, “आज मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई है। न्यायाधीश ने सभी पक्षों को सुना है और हमने अभी तक किसी का जवाब नहीं दिया है। दूसरे पक्ष की 7/11 को खारिज करने के लिए हमने साल 1961 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का जिक्र किया है, जिसमें साफ कहा गया है कि दरगाह पूजा करने का स्थल नहीं है। वहां खादिमों का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा जो लोग खुद को ख्वाजा साहब का वंशज बताते हैं, उनका भी कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट का निर्णय है।”

उन्होंने कहा कि हमारा केस खारिज करने के लिए वर्शिप एक्ट का हवाला दिया गया है, जबकि वर्शिप एक्ट में दरगाह और कब्रिस्तान नहीं आते हैं। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि सभी पक्षों को सुना जाए, ताकि संभल जैसा मुद्दा बनाकर दंगा भड़काने की कोशिश न हो। जब सभी पक्षों को सुन लिया जाए तो इसके बाद दरगाह परिसर में सर्वे का आदेश दिया जाए।”

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दिल्ली

पूरा भारत आपका आभारी रहेगाः पीएम मोदी

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अचानक एयरबेस पहुंचकर सेना के जवानों से मिले पीएम

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्र को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी आज सुबह आदमपुर एयरबेस पहुंचे। वहां उन्होंने वायुसेना के जवानों से मुलाकात की और उनका हौसला बढ़ाया। पीएम मोदी ने जवानों से बातचीत की जिन्होंने उन्हें जानकारी दी। बहादुर जवानों से मिलकर पीएम मोदी खुश दिखे और उनका जोश बढ़ाया।
जवानों का बढ़ाया जोश इस बीच पीएम मोदी सेना के जवानों से बातचीत भी करते दिखे। जवानों ने उन्हें जानकारी दी और वो बहादुर जवानों से बातचीत करते हुए खुश दिखे। पीएम का यह दौरा पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था और इसकी किसी को पूर्व सूचना नहीं थी।

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देश

हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए मुर्शिदाबाद जाएंगी CM ममता

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले का दौरा करेंगी. एक सरकारी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं मई के पहले सप्ताह में मुर्शिदाबाद के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क उठी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग अपने घरों से भाग गए.

बाद में यह विरोध प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया. यहां आगजनी, पथराव और सड़क जाम की खबरें आईं. पिछले हफ्ते, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ममता के न जाने के अनुरोध को नज़रअंदाज़ करते हुए मुर्शिदाबाद का दौरा किया था.

पीड़ित चाहते हैं सुरक्षा
आनंद बोस ने शनिवार को मुर्शिदाबाद का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और उन्होंने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के समक्ष अपनी चिंताओं को उठाने का वादा किया. आनंद बोस ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि वे सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से कुछ अन्य मांगें और सुझाव भी हैं.

उन्होंने कहा कि इन सभी पर विचार किया जाएगा. हम उनके संपर्क में रहेंगे. निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर विपक्ष ने ममता पर निशाना साधा है. इस बीच, मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर राजनीति शुरू हो गई है, विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर तीखे हमले किए हैं और सत्ता में आने पर कार्रवाई करने की कसम खाई है.

जनता को गुमराह कर रही हैं
बीजेपी ने ममता की है सुवेंदु अधिकारी ने हिंसा के पीछे लोगों के खिलाफ बुलडोजर से न्याय की धमकी दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदुओं को खदेड़ा जा रहा है और उनसे एकजुट होने की अपील की गई है. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी की स्थिति को गलत तरीके से संभालने के लिए दोषी ठहराया और उन पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि पुलिस रिपोर्ट उनके इस दावे का खंडन करती है कि बाहरी लोग जिम्मेदार थे.

माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की है, जिसमें भाजपा और टीएमसी दोनों पर बेरोजगारी और मुद्रास्फीति जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए प्रतिस्पर्धी सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. कोलकाता में एक रैली को संबोधित करते हुए माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि दोनों पार्टियां 2026 के राज्य चुनावों से पहले मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए मिलीभगत कर रही हैं. शक्ति प्रदर्शन में वामपंथी दल ने ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली के साथ अपने अभियान की शुरुआत की.

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देश

‘पांच दिन में हटाएं वीडियो…’, रामदेव के ‘शरबत जिहाद’ वाले बयान को दिल्ली हाईकोर्ट ने बताया अक्षम्य और अविश्वसनीय

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नई दिल्ली। हमदर्द के रूह अफजा के खिलाफ बाबा रामदेव की शरबत जिहाद टिप्पणी पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि टिप्पणी ने अदालत की अंतरात्मा को झकझोर दिया है और यह अक्षम्य है। कोर्ट ने रामदेव के खिलाफ हमदर्द के मुकदमे की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की है।
किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया- रामदेव
हाल ही में रामदेव ने पतंजलि के गुलाब के शरबत का प्रचार करते हुए दावा किया था कि हमदर्द के रूह अफजा से अर्जित धन का उपयोग मदरसे और मस्जिद बनाने में किया जाता है। बाद में, रामदेव ने अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।
रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर
बता दें कि हमदर्द ने रामदेव के वीडियो को सोशल मीडिया से हटाने की मांग करते हुए रामदेव के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमदर्द की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह एक चौंकाने वाले के साथ ही सांप्रदायिक विभाजन का मामला भी है। उन्होंने कहा कि रामदेव की टिप्पणी नफरत फैलाने वाले भाषण के समान है।

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