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ग़ाजियाबाद

उठते सवालों का करंट

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क्यों कहा कहने वाले ने कि आजकल पार्षद राजीव शर्मा शब्दों को बहुत तोलते हैं? हम देख रहे हैं अब वो बहुत कम बोलते हैं? अब शांति से ही निकालते हैं वो समस्याओं का समाधान? हमने देखा जब उनके प्रिय वीरू को किसी बात पर गुस्सा आया? तो उन्होंने उनके गुस्से को किया बहुत ही शिद्दत से शांत? कहा मैं आपकी बात से रखता हूं इत्तेफाक? मगर ये भी सच है कि खामोश रहने का आनंद ही है कुछ और साहब? ना जाने की राजीव भैया आजकल कर रहे हैं इतनी आध्यात्मिक बात?

क्यों कहा कहने वाले ने कि आज कल बदले-बदले से नजर आ रहे हैं हैवीवेट वालों के तेवर? फं्रट फु ट पर आकर मार रहे हैं वो रोजाना शॉट? बैठे थे बहुत से कार्यकर्ता उनके साथ? उन्होंने करा दिया सबको अध्यक्ष वाली पसंद का एहसास? कहा मैंने नंबर वन पर किया है अपने प्रिय गोयल को सपोर्ट? नंबर वन पर दिया है मैंने उनको ही वोट? मैंने ही मजबूत की है कोर में इस कर्मठ चेहरे की रिपोर्ट?

क्यों कहा कहने वाले ने कि सुन रहा था सुनने वाला हैवीवेट वालों की बात? उसने कहा कि जिसको आपने दिया है अपना वोट? उसको पार्टी के वैश्य चेहरे ने कहां किया है सपोर्ट? ऐसा होने से आप दोनों के बीच हो रहा है दूरियों का एहसास? इस पर हैवीवेट वालों ने फिर से अपनी जोरदार प्रतिक्रिया दी? कहा मैं किसी के निजी विवाद पर नहीं लेता हूं फैसला? मैं तो संगठन की रूपरेखा पर करता हूं काम? गोयल साहब पार्टी के बहुत पुराने कार्यकर्ता हैं? ऐसे चेहरे को मिलना चाहिए अध्यक्ष वाला ईनाम? इसलिए मैंने नंबर वन पर लिया है इस चेहरे का नाम?

क्यों कहा कहने वाले ने कि मंत्री जी यहां पर भी नहीं डाऊन कर रहे थे अपना बल्ला? उनके जोरदार शॉट मचा रहे थे हल्ला? उन्होंने इस बात पर भी कर दिया स्पष्ट? कहा मैंने मिस्टर कुशवाहा के लिए किसी से कोई कमिटमेंट नहीं किया था? जो नाम सबसे सक्रिय हैं, वहीं मैंने कोर में दिया था? मैंने खद प्रिय कुशवाहा से किया था कोई भी समर्थन देने के लिए इंकार? वो व्यक्ति बहुत अच्छे हैं, मेरा है उनसे दिल का लगाव? मगर संगठन के मामले में मेरे उन वालों से थोड़े भिन्न हैं विचार?

क्यों कहा कहने वाले ने कि मैडम भक्ति गाजियाबाद की राजनीति में नहीं दिखा रहीं हैं ज्यादा शक्ति? ना ही हैं उनकी महिला फ्रंट का कमांडर बनने की आस? उन्होंने इस बात को कर दिया है क्लीयर? कहा है मेरा टारगेट कुछ और है साहब? मैं कर रही हूं बरेली क्षेत्र से विधानसभा चुनाव की तैयारी? वहीं से खेलनी हैं मुझे राजनीतिक पारी? त्यागी दीदी बेहतर तरीके से संभाल रही हैं अपनी इस वक्त जिम्मेदारी?

क्यों कहा कहने वाले ने कि अगर आप भगवा मैदी जी की भावनाओं को करोगे थोडा सा पुश? तो आपको इस वक्त नजर आयेंगे वो बहुत ज्यादा खुश? सुना है पहली बार ताकतवर लेडी जनप्रतिनिधि से उनको किया था इन्वीटेशन के लिए फोन? वो हैरान हो गये थे जब बजी थी मैडम की उनके फोन पर टोन? हमें पता चला है वो फोन आने की खुशी कर रहे थे कई लोगों से शेयर? कह रहे थे इस तरह की घटानाएं घटती है मेरे साथ बहुत ही रेयर?

क्यों कहा कहने वाले ने कि ये बात तो सभी जानते हैं हैवीवेट वाले पूरे प्रेम से अपने प्रिय त्यागी को कितना मानते हैं? ऐसे में कोई अन्य त्यागी चेहरा ये सोचे कि कोर की बोर में लिया होगा हैवीवेट वालों ने उनका नाम? हम तो चाहते हैं ऐसे चेहरे गलतफहमी को छोड़ कर हकीकत में आयें, कुछ और ही करें इंतजाम? कहने वाले ने कहा वैसे भी अध्यक्ष की घोषणा अब हो रही है लेट? ऐसे में बाकी त्यागी चेहरे अपने दूसरे संबधों को थोडा कर लें अपडेट? उनका तो मामला अपने प्रिय त्यागी के लिए ही है सेट?

क्यों कहा कहने वाले ने कि हम थे हैवीवेट वालों के यहां मौजूद? यहां पर बहुत सारी घटनाओं का घटना जारी था यार? यहां पर कुछ ऐसा भी हुआ जिससे पता चला कि युवा मोर्चा के संदीप चौधरी करते हैं मंत्री जी से कितना प्यार? उन्होंने जब मंत्री जी को दिया अपने प्रोग्राम में आने का इन्वीटेशन? तब मंत्री जी ने अपनी व्यस्तताओं का किया इजहार? ये सुन कर युवा चौधरी ने कहा आपके बिना तो मैं त्याग दूंगा पूरा प्रोग्राम? आपके अलावा कोई भी नहीं हैं मुझे अपने कार्यक्रम में स्वीकार?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवा गोयल ने चलाई कुछ ऐसी पवन? जिसके बाद आ गई बड़े गुर्जर चेहरे और मिस्टर मोहन के फेस पर मुस्कुराहट? सुना है दोनों के बीच में कुछ दिन पहले खराब हो गई थी बात? यहां पर निभाई पूरे पवन की ताकत से गोयल साहब ने अहम भूमिका? जिससे फिर दोनों के एक हो गये जज्बात? पता चला है अब ना ये पक्ष नाराज है ना ही है अब वो वाला पक्ष नाराज?
क्यों कहा कहने वाले ने कि जैसी कही पूरे मान से उन्होंने बात? ऐसे अध्यक्ष पद का कोई भी दावेदार नहीं निकालता है अपने जज्बात? उन्होंने तमाम कार्यकतार्ओं के बीच में किया अपने बड़े दिल का मयार पेश? कहा अध्यक्ष अगर महिला या एससी चेहरे में कोई बनेगा तो इससे खुश होगा मेरा फेस? लंबे समय से नहीं मिला है इन चेहरों को संगठन की प्रमुख भूमिका में स्थान? अगर आज इनको मौका मिलेगा? तो कल जमीन पर और मजबूत होगा हमारी पार्टी का पैगाम?

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में आंधी-तूफान और तेज़ बारिश से मिली गर्मी में राहत, लेकिन पेड़ गिरने और जलभराव से हुई कठिनाई

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Here’s a rewritten version of the content:

गाजियाबाद। लगातार उमस भरी गर्मी से जूझ रहे लोगों को बुधवार रात लगभग आठ बजे तेज आंधी और झमाझम बारिश ने राहत प्रदान की। हालांकि, कई स्थानों पर जलभराव और पेड़ों के गिरने के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

शहर के अंडरपास में जलभराव के कारण अनेक वाहन फंस गए। जिले में तूफान के चलते 50 से अधिक पेड़ सड़क पर गिर गए। संजयनगर सेक्टर 23 के पास, मस्जिद के समीप, एक 46 फुट ऊंचा पुराना बरगद का पेड़ सड़क पर खड़ी चार पहिया गाड़ियों पर गिर पड़ा।幸运地, गाड़ियों के अंदर कोई नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। आंबेडकर रोड पर भी उखड़े पेड़ ने दो कारों पर गिरावट की।

मौसम की खराबी के साथ बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हुई। मौसम विभाग के अनुसार, आंधी की रफ्तार लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे थी। आंधी के दौरान कई होर्डिंग्स और टिन के शेड भी उड़कर सड़कों पर गिर गए।

रात करीब नौ बजे नगर प्रशासन की राहत और बचाव टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था सुधारने के प्रयास में जुट गई। नगर निगम के दावों के बावजूद, बारिश के महज एक घंटे में जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। बारिश का पानी कई सड़कों से होकर सोसाइटी के बेसमेंट और दुकानों में जा भर गया, जिससे व्यापार और आवागमन पर असर पड़ा।

Feel free to ask for further changes!

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में 109 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश, पश्चिम बंगाल से संचालित ठगों का नेटवर्क सक्रिय

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गाजियाबाद। जिले की साइबर क्राइम टीम ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए एक महत्त्वपूर्ण खोज की है। जांच से पता चला है कि जिले में 450 से अधिक साइबर ठगी की घटनाओं में कुल 109 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें से 97 मोबाइल नंबर पश्चिम बंगाल से संचालित हैं।

गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में गाजियाबाद समेत विभिन्न जिलों के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) ने भाग लिया। इस कार्यशाला में साइबर ठगों के नए ठिकाने उजागर हुए।

पश्चिम बंगाल के 24 शहरों के अलावा झारखंड के देवघर, जामताड़ा, दुमका, धनबाद, गिरिडीह, रांची और हजारीबाग में भी साइबर ठगों का सक्रिय नेटवर्क पाया गया। इसके साथ ही एनसीआर से सटे हरियाणा के नूह और राजस्थान के डींग जिले में भी साइबर अपराधियों के गिरोह का पता चला है।

जिले की साइबर टीम की जांच में यह भी सामने आया कि अधिकतर ठगी फर्जी कॉल, ऑनलाइन स्कैम और फिशिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके की गई है। पश्चिम बंगाल से संचालित 97 मोबाइल सिम के माध्यम से ठगों ने गाजियाबाद के साथ-साथ देश-विदेश में लोगों को अपने निशाने पर रखा।

कार्यशाला में अधिकारियों ने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए नए सुझाव और रणनीतियाँ साझा कीं, जिनमें संदिग्ध मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग, डिजिटल फुटप्रिंट्स की जांच और अंतरराज्यीय समन्वय पर विशेष ध्यान दिया गया।

पुलिस अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, संदिग्ध लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल या स्थानीय पुलिस को दें। गाजियाबाद पुलिस इन ठिकानों पर छापेमारी और साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का योजना बना रही है।

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ग़ाजियाबाद

गाजियाबाद में महिला ने पति और ससुराल वालों पर 10 लाख रुपये दहेज न देने पर मारपीट और हत्या के प्रयास का आरोप लगाया

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गाजियाबाद। वैशाली क्षेत्र की एक महिला ने अपने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराएं लगाते हुए इंदिरापुरम थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने अपनी तहरीर में कहा कि ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग की, जिसे न पूरा करने पर उन्हें शारीरिक तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।

महिला के अनुसार, उनकी शादी 25 नवंबर 2022 को दिल्ली के निवासी आशीष से हुई थी। विवाह के बाद उन्होंने जाना कि उनके पति पर लगभग 12 लाख रुपये का कर्ज है। इसी कारण, ससुराल वाले 10 लाख रुपये और एक महंगी गाड़ी की मांग करने लगे। जब यह मांग पूरी नहीं हुई, तो महिला को बार-बार प्रताड़ित किया गया।

महिला ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार घर के भीतर उनकी हत्या का प्रयास किया गया, लेकिन वह बच गईं। अक्टूबर 2024 में, उनके पति ने उन्हें अपने रिश्तेदार के घर ले जाकर दहेज की मांग पूरी न होने पर वहां रखने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने विरोध किया, तो दुपट्टे से उनका गला दबाने की कोशिश की गई और अंततः उन्हें घर से निकाल दिया गया।

महिला की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पति आशीष, सास सुशीला, ससुर अशोक और देवर अक्षय के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसीपी इंदिरापुरम, अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और तथ्यों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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